विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई में भारतीय पूंजी बाजार में 2,300 करोड़ रुपए डाले। इससे पिछले तीन महीनों के दौरान उन्होंने भारतीय पूंजी बाजारों से निकासी की थी।
कच्चे तेल की अधिक कीमतों तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के अनुमान के बीच इस महीने के पहले दो सप्ताह के दौरान विदेशी निवेशकों ने बांड बाजार से करीब 1,200 करोड़ रुपए की निकासी की। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले पांच महीनों में बांड बाजार से करीब 50 हजार करोड़ रुपए निकाले हैं।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजारों में 3,000 करोड़ रुपए का निवेश किया। इससे पहले अप्रैल-जून के दौरान उन्होंने पूंजी बाजारों से भारी निकासी की थी। ताजा निवेश से पहले पिछले तीन माह के दौरान एफपीआई ने पूंजी बाजारों से 61,000 करोड़ रुपए से अधिक निकाले हैं।
विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय पूंजी बाजारों से धन की निकासी का क्रम जारी है। इस साल की पहली छमाही में पूंजी बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की निकासी करीब 48,000 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। यह पिछले 10 साल का उच्च स्तर है।
सेबी की ओर से नियमों का दुरुपयोग रोकने के लिए नियम सख्त बनाने के बीच भारतीय पूंजी बाजार में पी-नोट्स के जरिये निवेश मई अंत तक गिरकर 9 वर्ष से अधिक के न्यूनतम स्तर पर आ गया।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से 5,500 करोड़ रुपए की निकासी की है। वैश्विक व्यापार युद्ध को लेकर चिंता तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के संकेतों से विदेशी निवेशक निकासी कर रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपए को समर्थन देने तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के प्रवाह में कमी से निपटने के लिए प्रवासी भारतीय बांड के जरिये 30 से 35 अरब डॉलर जुटा सकता है। BofAML की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले 6 दिनों में भारतीय शेयर बाजार में 2,200 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। इसकी अहम वजह कंपनियों के परिणामों का बेहतर रहना और कच्चे तेल की वैश्वित कीमतों का रुख नरम रहना है। इससे पहले पिछले दो माह में विदेशी निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजारों से 15,600 करोड़ रुपए की निकासी की।
विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार से इस महीने अब तक चार अरब डॉलर (26,700 करोड़ रुपए से अधिक) की भारी निकासी की है। इसका मुख्य कारण कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी है। इससे पहले विदेशी निवेशकों ने अप्रैल महीने में घरेलू पूंजी बाजार (इक्विटी और डेट) से 15,500 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की थी।
विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक पूंजी बाजारों से करीब 18,000 करोड़ रुपए (2.65 अरब डॉलर) की पूंजी निकासी की है। मुख्य रूप से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी तथा अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण यह निकासी की गयी है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च तिमाही में भारतीय शेयर बाजारों में 2.2 अरब डॉलर का निवेश किया है।
कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी और स्थानीय स्तर पर सरकारी प्रतिभूतियों से आय में वृद्धि के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले आठ कारोबारी दिनों में घरेलू पूंजी बाजार से 12,671 करोड़ रुपये (करीब दो अरब डॉलर) की निकासी की।
सरकारी बांड से कमाई बढ़ने और कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी आने से विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार से अप्रैल महीने के दौरान 15,500 करोड़ रुपए की निकासी की। यह पिछले 165 महीनों की सर्वाधिक निकासी है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से कुल मिलाकर 15,500 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने घरेलू शेयर और बॉन्ड बाजार से अब तक करीब 8,000 करोड़ रुपए की निकासी की है। इससे पहले मार्च में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में 11,654 करोड़ रुपए निवेश किए थे जबकि ऋणपत्र बाजार से नौ हजार करोड़ रुपए की निकासी की थी।
विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालकर उन बाजारों में निवेश कर रहे हैं जहां रिटर्न के ज्यादा अच्छे अवसर मिल रहे हैं
वैश्विक संकेतों और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के असर से विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक शेयर बाजारों से करीब 10 हजार करोड़ रुपए यानी 1.5 अरब डॉलर की निकासी की है।
विदेशी निवेशकों ने वैश्विक बिकवाली के बीच घरेलू शेयर बाजार से इस महीने अबतक 6,850 करोड़ रुपये की निकासी की है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जनवरी में कुल 13,780 करोड़ रुपए की निकासी की थी।
बेहतर आय की उम्मीदों के चलते विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार में जनवरी में 3.5 अरब डॉलर (तकरीबन 22,000 करोड़ रुपए से अधिक) का निवेश किया है।
मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 1,235 नए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) पूंजी बाजार नियामक सेबी के यहां पंजीबद्ध हुए।
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