सरकारी बांड से कमाई बढ़ने और कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी आने से विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार से अप्रैल महीने के दौरान 15,500 करोड़ रुपए की निकासी की। यह पिछले 165 महीनों की सर्वाधिक निकासी है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से कुल मिलाकर 15,500 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने घरेलू शेयर और बॉन्ड बाजार से अब तक करीब 8,000 करोड़ रुपए की निकासी की है। इससे पहले मार्च में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में 11,654 करोड़ रुपए निवेश किए थे जबकि ऋणपत्र बाजार से नौ हजार करोड़ रुपए की निकासी की थी।
विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालकर उन बाजारों में निवेश कर रहे हैं जहां रिटर्न के ज्यादा अच्छे अवसर मिल रहे हैं
वैश्विक संकेतों और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के असर से विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक शेयर बाजारों से करीब 10 हजार करोड़ रुपए यानी 1.5 अरब डॉलर की निकासी की है।
विदेशी निवेशकों ने वैश्विक बिकवाली के बीच घरेलू शेयर बाजार से इस महीने अबतक 6,850 करोड़ रुपये की निकासी की है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जनवरी में कुल 13,780 करोड़ रुपए की निकासी की थी।
बेहतर आय की उम्मीदों के चलते विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार में जनवरी में 3.5 अरब डॉलर (तकरीबन 22,000 करोड़ रुपए से अधिक) का निवेश किया है।
मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 1,235 नए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) पूंजी बाजार नियामक सेबी के यहां पंजीबद्ध हुए।
आकर्षक मुनाफे और कॉरपोरेट कमाई में सुधार की उम्मीद को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने जनवरी में अब तक देश के पूंजी बाजार बाजार में 3 अरब डॉलर (करीब 18,000 रुपए) का निवेश किया है।
विदेशी निवेशकों ने 2017 में भारतीय ऋण बाजार में 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है।
दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी आइडिया सेल्यूलर के निदेशक मंडल ने प्रवर्तक आदित्य बिड़ला समूह की कंपनियों से 3,250 करोड़ रुपए जुटाने को आज मंजूरी दे दी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर महीने में शेयर बाजार से 7,300 करोड़ रुपए की निकासी की है। इसके पीछे प्रमुख वजह कच्चे तेल की कीमत बढ़ना और राजकोषीय घाटे के दायरे में वृद्धि होना बताया जा रहा है।
देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा ब्याज दरों पर किए जाने वाले फैसले पर रहेगी।
डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 1-17 नवंबर के दौरान शेयरों में 14,348 करोड़ रुपये (2.2 अरब डॉलर) का निवेश किया।
सरकार द्वारा सार्वजनिक बैंकों में अतिरिक्त पूंजी डालने के फैसले से उत्साहित FPI ने अक्टूबर में शेयर बाजारों में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।
नवीतनम डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों (FPI) ने 3-27 अक्टूबर के दौरान डेट मार्केट में 15,132 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश किया।
RBI की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा और सप्ताह के दौरान जारी होने वाले वृहद आर्थिक आंकड़ों से आने वाले सप्ताह के दौरान शेयर बाजार की चाल तय होगी।
सितंबर में कॉरपोरेट कंपनियों की कमाई में कमी और भू-राजनीतिक चिंताओं के बीच FPI ने शेयर बाजार से 11,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का बिकवाली का सिलसिला जारी है। इस महीने के पहले सप्ताह में FPI ने शेयरों से 3,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।
अगले सप्ताह शेयर बाजारों में निवेशकों की नजर मॉनसून की प्रगति, FPI और DII के रुख, डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर रहेगी।
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