विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई महीने में भारतीय शेयर बाजारों में 12,600 करोड़ रुपए का निवेश किया। चार महीने में यह सर्वाधिक है।
सेबी के पास अप्रैल में 269 नए FPI ने पंजीकरण कराया। इससे निवेशकों के भारत की आर्थिक वृद्धि यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा का संकेत मिलता है।
एफपीआई ने अप्रैल-जून तिमाही में सेंसेक्स आधारित 16 कंपनियों में अपना निवेश बढ़ाते हुए 17,000 करोड़ रुपए (मौजूदा मूल्यांकन) से अधिक मूल्य के शेयर खरीदे।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा जून में अभी तक देश के शेयर बाजार में 4,400 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है।
विदेशी निवेशकों का भारत को लेकर रुख सकारात्मक बना हुआ है। FPI ने शेयरों में अप्रैल में 8,416 करोड़ रुपए तथा मार्च में 21,143 करोड़ रुपए निवेश किए।
विदेशी निवेशकों ने मई में भारतीय बांड बाजार से करीब 6,000 करोड़ रुपए निकाले हैं। जबकि इससे पूर्व महीने में विदेशी निवेशकों ने बाजार में जमकर निवेश किया था।
दरों में कटौती और अच्छे मानसून की उम्मीद में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अप्रैल महीने में अब तक भारतीय बाजार में एक अरब डॉलर का निवेश किया है।
एफपीआई ने वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख के बीच शेयर बाजारों में पिछले चार कारोबारी सत्रों में 4,100 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
विदेशी निवेशक भारत के प्रति सकारात्मक है। आठ महीनों के दौरान सेबी के पास 1,800 से अधिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।
2014 में निवेशकों को मालामाल करने वाले शेयर बाजार ने इस निराश किया है। भारी उतार-चढ़ाव के बीच 2015 शेयर बाजार के लिए चार साल का सबसे बुरा दौर रहा।
विदेशी निवेशकों का रुझान भारतीय शेयर बाजार के प्रति कम हुआ है। 2015 में देश में एफपीआई का निवेश घटकर तीन अरब डॉलर से नीचे रहा।
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