आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई मार्च से लगातार भारतीय शेयर बाजारों में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने इस महीने 21 जुलाई तक शेयरों में शुद्ध रूप से 43,804 करोड़ रुपये डाले हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई आगे चलकर थोड़ा सतर्क हो सकते हैं, क्योंकि देश में मूल्यांकन अल्पकालिक नजरिए से थोड़ा अधिक है।
इससे पहले, जनवरी-फरवरी के दौरान एफपीआई ने 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार लगातार ऊपर चढ़ रहे हैं जिसकी वजह से मूल्यांकन को लेकर चिंता पैदा हो सकती है।
इससे पहले जनवरी-फरवरी में उन्होंने शेयरों से 34,000 करोड़ रुपये निकाले थे। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार लगातार चढ़ रहे हैं।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई का ताजा प्रवाह मजबूत वृहद परिदृश्य, शेयरों के उचित मूल्यांकन और बेहतर तिमाही नतीजों की वजह से है।
मई में शेयरों के अलावा एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में भी 1,057 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
इससे पहले अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने शेयरों में 11,630 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये डॉले थे।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने दो से पांच मई के दौरान चार कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 10,850 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
निवेश सलाहकार कंपनी राइट रिसर्च की संस्थापक सोनम श्रीवास्तव ने कहा कि आगे चलकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्त मौद्रिक नीति के कारण एफपीआई प्रवाह में उतार-चढ़ाव रहेगा।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में उनकी निकासी की रफ्तार धीमी होकर 37,632 करोड़ रुपये रही है।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने मार्च में भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 7,396 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले फरवरी में उन्होंने 5,294 करोड़ रुपये और जनवरी में 28,852 करोड़ रुपये की निकासी की थी।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इस निवेश की वजह लंबी अवधि में भारतीय शेयर बाजारों की बेहतर संभावनाएं हैं।
दिसंबर में एफपीआई ने शेयरों में 11,119 करोड़ रुपये और नवंबर में 36,238 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।
मॉर्निंगस्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू शेयरों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का निवेश दिसंबर, 2022 के अंत में घटकर 584 अरब डॉलर रह गया, जो सालाना आधार पर 11 प्रतिशत कम है।
इस साल की शुरुआत से 10 फरवरी तक एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे। इस दौरान उन्होंने 38,524 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। इसमें जनवरी में उनके द्वारा की गई 28,852 करोड़ रुपये की बिकवाली भी शामिल है।
चीनी बाजारों के आकर्षण और आम बजट तथा अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले एफपीआई ने सतर्कता का रुख अपनाया हुआ है।
भारतीय रुपये के स्थिर होने तथा दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होने की वजह से विदेशी निवेशक फिर भारत पर दांव लगा रहे हैं।
एफपीआई ने एक से चार नवंबर के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये का निवेश किया।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि एफपीआई की बिकवाली के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों और खुदरा निवेशकों के खरीदार बने रहने से शेयर बाजारों को मजबूती मिल रही है।
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