भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था। 27 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 12.59 अरब डॉलर की बंपर बढ़त के साथ 704.88 अरब डॉलर के नए लाइफटाइम हाई पर पहुंच गया था।
18 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.16 अरब डॉलर घटकर 688.27 अरब डॉलर रहा। इससे पिछले सप्ताह देश का विदेशी मुद्रा भंडार 10.75 अरब डॉलर घटकर 690.43 अरब डॉलर रहा था।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार हर हफ्ते नए रिकॉर्ड बना रहा है। 6 सितंबर से पहले 30 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.29 अरब डॉलर के उछाल के साथ 683.99 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने की वजह विदेशी निवेशकों द्वारा भारत में लगातार किया जा रहा निवेश भी है। विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (एफपीआई) की ओर से पिछले हफ्ते 16,800 करोड़ रुपये की खरीदारी की गई।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 अगस्त को घोषणा की थी कि 2 अगस्त तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 675 बिलियन डॉलर के ऐतिहासिक उच्च स्तर को छू गया है।
सोने का भंडार बढ़ाने की रिजर्व बैंक की जारी कोशिशों के बीच देश का स्वर्ण भंडार 1.33 अरब डॉलर बढ़ा और 59.99 अरब डॉलर दर्ज किया गया। एसडीआर 9.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.21 अरब डॉलर रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने आज अपने बयान में कहा कि एक नई उपलब्धि हासिल हुई है, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 31 मई को 651.5 अरब अमेरिकी डॉलर के ऐतिहासिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 24 मई को समाप्त सप्ताह में 2.03 अरब डॉलर घटकर 646.67 अरब डॉलर रहा।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातर उछाल देखने को मिल रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर विदेशी निवेशकों के बढ़ते भरोसा को यह दर्शता है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार का मूल्य 1.07 अरब डॉलर बढ़कर 55.95 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 50 लाख डॉलर बढ़कर 18.06 अरब डॉलर हो गया।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, तीन मई को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 4.46 अरब डॉलर बढ़कर 564.16 अरब डॉलर रही।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 2.28 अरब डॉलर घटकर 640.33 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से आरबीआई को रुपये के अस्थिर होने पर उसे स्थिर करने के लिए अधिक गुंजाइश मिलती है। विदेशी मुद्रा भंडार पर अच्छी खबर फरवरी में निर्यात के 11 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचने और व्यापार घाटे में गिरावट के कारण भी आई है।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ा उछाल आया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जानकारी दी गई जानकारी के मुताबिक, देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 642.492 अरब डॉलर हो गया।
रिजर्व बैंक के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत की reserved deposit भी 1.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.817 अरब डॉलर हो गयी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि सप्ताह के दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार का मूल्य 56.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 48.42 अरब डॉलर हो गया।
डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। आरबीआई ने कहा कि आलोच्य सप्ताह में सोने का भंडार 24.2 करोड़ डॉलर घटकर 47.25 अरब डॉलर रह गया।
Indian Forex Reserves: भारत के फॉरेक्स रिजर्व में जनवरी 2024 में 5 अरब डॉलर की गिरावट आई है। यह घटकर 617.3 अरब डॉलर रह गया है।
15 दिसंबर से पिछले सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.816 अरब डॉलर बढ़कर 606.85 अरब डॉलर पर था। डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर, 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचा था। लेकिन पिछले साल वैश्विक घटनाक्रम से पैदा हुए दबाव के बीच आरबीआई ने रुपये की विनिमय दर में गिरावट को रोकने के लिए इस पूंजी भंडार का उपयोग किया था जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई थी।
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