विदेशी मुद्रा भंडार 13.4 महीने के आयात खर्च के बराबर
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 के दौरान रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में 45 अरब डॉलर का हस्तक्षेप कर सकता है, जिसमें से रिजर्व बैंक 25.5 अरब डॉलर का अब तक पहले ही कर चुका है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार गत 19 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान अपनी सर्वकालिक ऊंचाई से 2.078 अरब डॉलर घटकर 505.56 अरब डॉलर रह गया।
5 जून को खत्म हफ्ते में भंडार पहली बार 500 अरब डॉलर के पार पहुंचा
कोरोना महामारी की वजह से देश में लॉकडाउन लगा हुआ है, हालांकि इस महीने लॉकडाउन में ढील दी गई है लेकिन अभी भी कई जगहों पर उद्योग धंधे बंद हैं। ऐसी विपरीत परिस्थितियों के बीच भी विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत हो सकता है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान देश का स्वर्ण भंडार 12.7 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 32.779 अरब डॉलर रह गया।
समीक्षावधि में देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिला विशेष आहरण अधिकार 20 लाख डॉलर बढ़कर 1.42 अरब डॉलर हो गया।
वर्ष 2020-21 के दौरान देश का विदेशीमुद्रा भंडार करीब 62 अरब डॉलर बढ़ा
विदेशी मुद्रा भंडार देश के करीब एक साल के आयात लिए पर्याप्त
पिछले 6 महीने के दौरान पहली बार भंडार में गिरावट देखने को मिली
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार भी 32 करोड़ डॉलर बढ़कर 31 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
कोरोनावायरस की वजह से यूएस डॉलर इंडेक्स में थोड़ी वृद्धि और प्रमुख देशों के बांड मूल्य में इजाफा होने की वजह से चीन के मुद्रा भंडार में यह गिरावट आई है।
आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 14 फरवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार भी 34.4 करोड़ डॉल्र की वृद्धि के साथ 29.123 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।
इस दौरान स्वर्ण भंडार 21.8 करोड़ डॉलर घटकर 28.779 अरब डॉलर रहा।
देश में 31 जनवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.607 अरब डॉलर बढ़कर 471.3 अरब डॉलर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति बढ़ने से मुद्रा भंडार बढ़ा है।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार भी 15.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 28.715 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
डॉलर में व्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति पर मुद्रा भंडार में रखे गैर-अमेरिकी मुद्राओं जैसे यूरो, पौंड और येन में होने वाले उतार-चढ़ाव का भी असर पड़ता है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ भारत का विशेष आहरण अधिकार 50 लाख डॉलर घटकर 1.442 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
डॉलर में व्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति पर मुद्रा भंडार में रखी गैर-अमेरिकी मुद्राओं जैसे यूरो, पौंड और येन में होने वाले उतार-चढ़ाव का भी असर पड़ता है।
आरबीआई ने बताया कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 11 करोड़ डॉलर बढ़कर 26.968 अरब डॉलर हो गया।
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