विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी सितंबर 2020 के लगभग 6.69 प्रतिशत से घटकर 31 मार्च, 2021 में 5.87 प्रतिशत रह गई।
विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 29 जनवरी 2021 को 590.185 अरब डालर की सर्वकालिक ऊंचाई पर था। वहीं जून 2020 से 500 अरब डॉलर के ऊपर बना हुआ है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 29 जनवरी 2021 को 590.185 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया था।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार नौ अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 4.34 अरब डॉलर बढ़कर 581.21 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार दो अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 2.415 अरब डॉलर घटकर 576.869 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने 29 जनवरी, 2021 को समाप्त सप्ताह के दौरान अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 590.185 डॉलर के स्तर को छुआ था।
इससे पहले पांच मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.255 अरब डॉलर घटकर 580.299 अरब डॉलर रह गया था। विदेशी मुद्रा भंडार 29 जनवरी 2021 को समाप्त सप्ताह में 590.185 अरब डॉलर के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।
जून 2020 के पहले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया। जून के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार लगातार 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर ही बना हुआ है।
देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 17.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 35.421 अरब डॉलर हो गया।
भारत के मुकाबले पाकिस्तान, बांग्लदेश, नेपाल और श्रीलंका इन चारों देशों के विदेशी मुद्रा भंडार को जोड़कर भी लिया जाए तो भी भारत का मुद्रा भंडार के सामने यह देश बोने नजर आते है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार 8 जनवरी, 2021 के मुताबिक 13.4 अरब डॉलर है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भारत के आगे कुछ भी नहीं है।
पिछले एक साल में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 124 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़ गया है। वहीं इस वित्त वर्ष में अब तक रिजर्व में करीब 95 अरब की बढ़त रही है। भंडार जून के बाद से लगातार 500 अरब डॉलर के ऊपर बना हुआ है
23 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भंडार 5.41 अरब डॉलर बढ़कर 560.53 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। हफ्ते के दौरान एफसीए 5.20 अरब डॉलर बढ़कर 517.52 अरब डॉलर हो गयीं। इस वित्त वर्ष में अब तक रिजर्व में 80 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़त रही है।
हफ्ते के दौरान एफसीए यानि फॉरेन करंसी एसेट 3.539 अरब डॉलर बढ़कर 512.322 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। वहीं सप्ताह के दौरान देश का कुल स्वर्ण भंडार 8.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 36.685 अरब डॉलर हो गया।
विदेशी मुद्रा भंडार 9 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में 5.867 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 551.5 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। इससे पिछले हफ्ते मुद्रा भंडार 3.6 अरब डॉलर बढ़ा था। पिछले एक साल में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 111 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़ गया है।
इससे पहले 25 सितंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.017 अरब डॉलर घटकर 542.021 अरब डॉलर रह गया था। जून 2020 के पहले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया था, जिसके बाद से भंडार इस स्तर के ऊपर ही बना हुआ है।
चीन का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2020 में एक महीना पहले के मुकाबले 22 अरब डालर घटकर 3,142.60 अरब डालर रह गया।
समीक्षावधि में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की प्रमुख वजह विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में कमी आना है।
अवधि के दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 84.1 करोड़ डॉलर घटकर 497.52 अरब डॉलर रह गई। भंडार ने इसी साल 5 जून को 500 अरब डॉलर के अहम स्तर को पार किया था, जिसके बाद वो लगातार इस स्तर के ऊपर ही बना हुआ है।
इससे पहले 7 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 3.623 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी और यह 538.191 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
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