15 दिसंबर से पिछले सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.816 अरब डॉलर बढ़कर 606.85 अरब डॉलर पर था। डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर, 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचा था। लेकिन पिछले साल वैश्विक घटनाक्रम से पैदा हुए दबाव के बीच आरबीआई ने रुपये की विनिमय दर में गिरावट को रोकने के लिए इस पूंजी भंडार का उपयोग किया था जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई थी।
पिछले साल वैश्विक घटनाक्रम से पैदा हुए दबाव के बीच आरबीआई ने रुपये की विनिमय दर में गिरावट को रोकने के लिए इस पूंजी भंडार का उपयोग किया था जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, 17 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में देश में सोने का भंडार 527 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 46.042 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
Indian Foreign Reserve: भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही थी। अब उसपर ब्रेक लग गया है। पिछले सप्ताह के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 12 मई को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.55 अरब डॉलर बढ़कर 599.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
वैश्विक घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने की वजह से बाद में इसमें गिरावट आई थी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि स्वर्ण भंडार में लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट जारी रही और स्वर्ण भंडार का मूल्य आलोच्य सप्ताह में 1.045 अरब डॉलर घटकर 41.817 अरब डॉलर रह गया।
पाकिस्तान के पास जो फॉरेक्स रिजर्व है, वह एक महीने का आयात के लिए काफी नहीं है। पाकिस्तान में जरूरी चीजों का आयात बंद है वहीं खाने पीने के सामानों की किल्लत हो रही है।
इस महीने भारत के लिए ये दूसरी सबसे अच्छी खबर आई है। पहली खबर ये थी, जिसमें भारत में महंगाई के आंकड़ों में गिरावट देखी गई थी। अब विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड उछाल देखा गया है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। जो 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया।
AIBEA के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने इंदौर में संगठन की केंद्रीय समिति की बैठक के बाद कहा, ‘‘सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार कम होता जा रहा है। हमारा आयात लगातार बढ़ रहा है, जबकि निर्यात घटता जा रहा है।’’
एक बार फिर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Reserves) में कमी देखी जा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, यह 2.7 अरब डॉलर घटकर 506.994 अरब डॉलर रह गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों से पता चलता है कि इस समीक्षाधीन सप्ताह में, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) में गिरावट के कारण आई है, जो कि समग्र भंडार का एक प्रमुख घटक है।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में देश का विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 19.30 अरब डॉलर हो गया। आईएमएफ में देश का आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 10 लाख डॉलर बढ़कर 5.24 अरब डॉलर हो गया।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक 15 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश के खजाने में तेजी आने का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए) में इजाफा होना है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार आठ अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 2.039 अरब डॉलर बढ़कर 639.516 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को अपने ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि आलोच्य सप्ताह में भारत की विदेशीमुद्रा आस्तियां (एफसीए) 89.2 करोड़ डॉलर घटकर 577.986 अरब डॉलर रह गई।
आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों में दर्शाया गया है कि दस सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी मुख्य तौर पर विदेशीमुद्रा आस्तियों (एफसीए) के घटने की वजह से हुई है जो कुल मुद्राभंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
विदेशी मुद्रा भंडार इससे पिछले 27 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान 16.663 अरब डॉलर बढ़कर 633.558 अरब डॉलर हो गया था। इस वृद्धि का मुख्य कारण विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) होल्डिंग्स में वृद्धि होना था।
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