डॉलर के संदर्भ में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों की मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है।
भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार, 11 अक्टूबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, 4 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 3.51 अरब डॉलर घटकर 612.64 अरब डॉलर रह गईं।
20 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.84 अरब डॉलर बढ़कर 692.29 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 13 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में 22.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 689.46 अरब डॉलर के नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया।
देश के स्वर्ण भंडार में 726 मिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है। इससे यह 63.613 अरब डॉलर का हो गया। जबकि 13 सितंबर के आंकड़े में यह 62.887 अरब डॉलर का था। सोना भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार हर हफ्ते नए रिकॉर्ड बना रहा है। 6 सितंबर से पहले 30 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.29 अरब डॉलर के उछाल के साथ 683.99 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
इससे पिछले हफ्ते (30 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते में) विदेशी मुद्रा भंडार 2.29 अरब डॉलर के उछाल के साथ 683.99 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो उस हफ्ते तक का ऑल टाइम हाई था।
इससे पिछले हफ्ते यानी 23 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 7.023 अरब डॉलर की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, जिसके बाद ये बढ़कर 681.688 अरब डॉलर हो गया था।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.8 अरब डॉलर घटकर 670.119 अरब डॉलर रह गया है। वहीं, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 119 मिलियन डॉलर बढ़कर 9.27 अरब डॉलर हो गया।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 18 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 670.85 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई लेवल पर रहा था। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 2 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां भी 5.16 अरब डॉलर बढ़कर 592.03 अरब डॉलर हो गईं।
India foreign exchange reserves : भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 28 जून को समाप्त सप्ताह में 1.71 अरब डॉलर घटकर 651.99 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पिछले सप्ताह, कुल मुद्रा भंडार 2.92 अरब डॉलर घटकर 652.89 अरब डॉलर रहा था।
India foreign exchange reserves : पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में 31 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। इससे 14 जून को समाप्त हुए सप्ताह में पाकिस्तान का कुल विदेशी मुद्रा भंडार करीब 9.1 अरब डॉलर हो गया।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने आज अपने बयान में कहा कि एक नई उपलब्धि हासिल हुई है, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 31 मई को 651.5 अरब अमेरिकी डॉलर के ऐतिहासिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 24 मई को समाप्त सप्ताह में 2.03 अरब डॉलर घटकर 646.67 अरब डॉलर रहा।
सितंबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 अरब डॉलर के उच्चस्तर पर पहुंच गया था। डॉलर के संदर्भ में विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।
डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। आरबीआई ने कहा कि आलोच्य सप्ताह में सोने का भंडार 24.2 करोड़ डॉलर घटकर 47.25 अरब डॉलर रह गया।
रिजर्व बैंक के अनुसार स्वर्ण भंडार का मूल्य 85.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 48.33 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 3.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.36 अरब डॉलर हो गया।
इस साल विदेशी मुद्रा भंडार में 57.634 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
15 दिसंबर से पिछले सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.816 अरब डॉलर बढ़कर 606.85 अरब डॉलर पर था। डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में घट-बढ़ के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर, 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचा था। लेकिन पिछले साल वैश्विक घटनाक्रम से पैदा हुए दबाव के बीच आरबीआई ने रुपये की विनिमय दर में गिरावट को रोकने के लिए इस पूंजी भंडार का उपयोग किया था जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई थी।
पिछले साल वैश्विक घटनाक्रम से पैदा हुए दबाव के बीच आरबीआई ने रुपये की विनिमय दर में गिरावट को रोकने के लिए इस पूंजी भंडार का उपयोग किया था जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई थी।
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