दक्षिण कोरिया में शुष्क मौसम और तेज हवाओं के कारण जंगलों में आग लगी, जिससे 18 लोगों की मौत हो गई और 19 घायल हो गए। 43,000 एकड़ जमीन जलकर राख हो गई है और कई ऐतिहासिक संरचनाएं नष्ट हो गई हैं।
दक्षिण कोरिया के 20 से ज्यादा जंगलों में आग भड़की है। आग की लपटों में घिरे दक्षिण कोरिया के जंगलों का वीडियो सामने आया है, जो भयावह है।
अमेरिका के लॉस एंजिल्स में लगी आग आज 5 दिन बाद भी बुझाई नहीं जा सकी है। अमेरिका इस आग के आगे बेबस है। अमेरिका में लगी यह अब तक की सबसे बड़ी जंगली आग बताई जा रही है। आग बुझाने के लिए सैकड़ों हेलीकॉप्टर और फाइटर प्लेन तक लगाने पड़े हैं, लेकिन हर प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में पहाड़ों पर भीषण आग लगी है जिस कारण वहां के जंगल दहक रहे हैं। इस आग से वहां के इलाके के लोगों में डर छाया हुआ है। अब तक इस आग के कारण काफी नुकसान हो चुका है।
Forest Fire: सोलन के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने की कोशिश में विन विभाग का अमला जुटा हुई है। दमकल की भी मदद ली जा रही है।
हमीरपुर जिले में 15 दिन में जंगल की आग से मौत की यह दूसरी घटना है। इससे पहले 29 मई को चकमोह क्षेत्र में जंगल में आग के दौरान एक महिला की दम घुटने से मौत हो गई थी।
वन विभाग के अनुसार आग बुझाने पहुंचे वनकर्मी उसकी चपेट में आ गए। इनमें से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि अन्य चार कर्मी बुरी तरह झुलस गए हैं और उनका इलाज चल रहा है।
गर्मी के महीने में भारी संख्या में इलेक्ट्रिक उपकरणों के उपयोग के कारण ओवरलोडिंग हो जाती है जो कि बड़ी आग का कारण बनती है। आइए जानते हैं कुछ अन्य कारण जिससे आग की घटनाएं बढ़ती है।
उत्तराखंड के बागेश्वर में मंगलवार की रात प्रकृति की मार देखने को मिली। एक तरफ जहां जंगल की आग लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ आकाशीय बिजली गिरने के कारण 121 भेड़ बकरियों की मौत हो गई है, जो पशुपालकों के लिए बड़ी क्षति है।
उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग हर किसी को डरा रही है। जंगल में आग को बढ़ाने के मामले में पुलिस ने अब तक 390 केस दर्ज किए हैं। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में सुनवाई करने वाला है।
उत्तराखंड के जंगलों में बीते कुछ समय से आग लगने की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। इस आग के कारण अब तक कुल 5 लोगों की जान चली गई है। वहीं, इस आग को बढ़ावा देने के आरोप में पुलिस ने केस दर्ज कर के कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के कारण अब तक कुल 5 लोगों की जान चली गई है। जंगल की आग को बुझाने के लिए भारतीय वायुसेना की भी मदद ली जा रही है। अब सीएम धामी ने भी इस मामले में अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं।
नैनीताल के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय सेना के साथ स्थानीय लोगों से भी मदद मांगी है। रविवार के दिन राज्य में आग लगने के आठ नए मामले पाए गए।
नैनिताल के जंगल 36 घंटे से जल रहे हैं और अब तक कई हेक्टेयर के जंगल जलकर खाक हो चुके हैं। जंगल की आग को रोकने के लिए वन विभाग ने भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना से मदद मांगी है।
अमेरिका में टेक्सास के जंगलों में लगी आग थमने का नाम नहीं ले रही है। अब इसने अमेरिका के कई शहरों को भी अपने चपेट में ले लिया है। ऐसे में उन इलाकों को खाली कराया गया है। आग के चलते टेक्सास के परमाणु हथियार सुविधा संचालन केंद्र को बंद कर दिया गया है।
चिली में लगी भीषण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है। फायर विभाग के सारे तिकड़म फेल हो गए हैं। चिली के 92 से अधिक जंगल अब आग की चपेट में आ चुके हैं। इससे चिली के घनी आबादी वाला इलाके तक आग पहुंच गई है, जिसमें झुलसकर कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
हवाई में भीषण आग की लपटों में अब तक कम से कम 36 लोगों की जलकर मौत हो गई है। अभी तक इस आग को आगे बढ़ने से रोका नहीं जा सका है। अपने प्राण बचाने के लिए वयस्कों के साथ बच्चों तक को समुद्र में छलांग लगानी पड़ रही है।
अल्जीरिया के जंगलों में लगी आग और भी अधिक विकराल रूप धारण कर चुकी है। आग बुझाने में जुटे अल्जीरिया के 10 सैनिक भी झुलस जाने से अपनी जान गवां बैठे हैं। साथ ही 15 अन्य लोगों की मौत हो गई है। आग लगातार आसपास के क्षेत्रों अपनी चपेट में लेती जा रही है।
रूस की यूराल पर्वत शृंखला में जंगलों में लगी आग अब तक बुझाई नहीं जा सकी है। यह लगातार विकराल होती जा रही है। आग की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 21 हो गई। देश की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने आपात सेवा एजेंसियों के हवाले से जारी खबर में यह जानकारी दी।
यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड के जंगलों में आग लगी है। इससे पहले भी बागेश्वर की जंगलों में आग लग चुकी है। हरे भरें जंगलों में आग लगने के कारण भारी मात्रा में वन संपदा और वन्यजीवों का नुकसान होता है।
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