रिजर्व बैंक ने कहा कि स्वर्ण भंडार का मूल्य सप्ताह में 49.4 करोड़ डॉलर घटकर 45.657 अरब डॉलर रह गया।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन लगातार सीमा प्रबंधन के समझौतों का उल्लंघन करता आ रहा है। गलवान घाटी और तवांग का संघर्ष उसकी इन्हीं हरकतों का नतीजा है। यही वजह है कि चीन के साथ भारत के संबंधों में लगातार कड़वाहट बढ़ती जा रही है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुयाना के प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स से मुलाकात की और इस दक्षिण अमेरिकी देश की विकास यात्रा में भारत के साझेदार बनने का निश्चय व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने शनिवार को हुई इस बैठक में ऊर्जा, आपदा प्रबंधन और रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार पाकिस्तान का कोई नेता भारत आ रहा है।पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अगले महीने भारत में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेंगे।
नेपाली कांग्रेस के एक उच्चस्तरीय सूत्र की मानें तो सऊद आज दोपहर नेपाल के नए विदेश मंत्री बनने के लिए शपथ ग्रहण करेंगे। प्रचंड के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में इस समय नेपाल की कांग्रेस के चार मंत्री हैं।
आपको बता दें कि अक्टूबर 2021 में देश का कुल विदेशीमुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
आत्म निर्भरता की दिशा में बुलंदियां छूता भारत अब दूसरे देशों की जरूरतें भी पूरी करने लगा है। इसका ताजा उदाहरण मोजांबिक देश है, जहां पर भारत में बनी रेल दौड़ती है। मोजांबिक की यात्रा पर गए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस रेल में सफर किया और उसके बाद अपना अनुभव शेयर किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन को लेकर युगांडा में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आज का भारत पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों से आसानी से निपटने में सक्षम है। विदेश मंत्री ने कहा कि दशकों से भारत के खिलाफ सीमा पार से आतंकवाद को अंजाम दे रही ताकतें अब जान गई हैं कि यह एक ‘नया भारत’ है जो जवाब देगा।
आजादी के बाद से देश में अब तक कई दलों की सरकारें बनी और बिगड़ी, मगर वह इतिहास नहीं बन सका जो अब बनने जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने छह दिवसीय युगांडा और मोजांबिक की यात्रा पर वही इतिहास बनाने जा रहे हैं, जिसे अब तक देश की कोई सरकार नहीं कर पाई थी।
यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जपरोवा 9 अप्रैल से भारत की चार दिवसीय यात्रा पर आ रही हैं। वह ऐसे वक्त में भारत की यात्रा कर रही हैं, जब रूस के साथ यूक्रेन को युद्ध करते 1 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है और अभी तक इसके खात्मे का कोई रास्ता दिखता नजर नहीं आ रहा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भरोसा जताया कि 2030 तक 2000 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य प्राप्त हो जाएगा।
परंपरागत रूप से पंचवर्षीय विदेश व्यापार नीति की घोषणा की जाती रही है लेकिन इस हालिया नीति की कोई समाप्ति तिथि नहीं है और इसे जरूरत के मुताबिक अपडेट किया जाता रहेगा।
विदेश यात्रा करने वाले लोग फ्लाइट और होटल की बुकिंग जरूर करते हैं। इसे कम कीमत में डिस्काउंट पर लेने के लिए 5 क्रेडिट कार्ड उपलब्ध हैं। अगर आप भी इन गर्मियों की छुट्टी में विदेश यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं तो इन 5 क्रेडिट कार्ड में से किसी एक को लेना ना भूलें।
आजकल हर युवा विदेश जाकर नौकरी करना चाहता है, पर किसी भी देश का वीजा मिलना इतना आसान नहीं होता है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे देश के नाम बताने जा रहे जो एक ऐसा वीजा प्रोवाइड कराते हैं, जिसकी मदद से आप उस देश में रहकर जॉब ढूंढ पाएंगे।
Foreign Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर बड़ी खबर आई है। आरबीआई द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, भारत को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। आइए पूरी खबर जानते हैं।
साल 2022 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में विदेश मंत्रालय भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर शांति भंग करने के प्रयासों के लिए अपने दोनों पड़ोसी देशों भारत और चीन की आलोचना करता रहा है।
भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध पिछले कुछ वर्षों के दौरान काफी गहरे हुए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता और भारतीय मूल के वेदांत पटेल ने कहा कि मुझे लगता है कि अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंध हमारे बीच सबसे अधिक परिणाम देने वाले संबंधों में से एक है और भारत कई क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही अमेरिका और रूस में तनाव का आलम चरम पर है। यूक्रेन युद्ध को लेकर दोनों देश एक दूसरे को लंबे समय से धमकी और चेतावनी देते रहे हैं। इस बीच भारत में हो रहे जी 20 सम्मेलन में पहली बार रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों का आमना-सामना हुआ।
जी 20 की अध्यक्षता कर रहे भारत से दुनिया को काफी सारी उम्मीदें हैं। विश्व की निगाहें जी 20 से यूक्रेन युद्ध से लेकर दुनिया में फैले खाद्य और ऊर्जा संकट के समाधान पर भी टिक गई हैं।
जी-20 सम्मेलन में भारत-चीन के बीच बनी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के मौजूदा हालत का मुद्दा गर्माया रहा। भारत ने चीन के विदेश मंत्री किन कांग से सीमा के हालात और उसकी वजहों को लेकर न सिर्फ बात की, बल्कि कड़ी आपत्तियां भी दर्ज करवाई।
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