सेक्टरों के लिहाज से सर्विस, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, ट्रेडिंग, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल, फार्मा और केमिकल इंडस्ट्री में निवेश बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान सर्विस में एफडीआई बढ़कर 5.69 अरब डॉलर हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में ये 3.85 अरब डॉलर था।
ब्रोकरेज का मानना है कि इन सभी 8 शेयरों में 1.239 बिलियन डॉलर का पैसिव इनफ्लो आने की उम्मीद है। डिक्सन टेक्नोलॉजीज के शेयरों में सबसे ज्यादा 192 मिलियन डॉलर का पैसिव इनफ्लो आने की उम्मीद है।
देश की सॉलिड अर्थवस्वस्था और सरकारी नीतियों को ध्यान में रखते हुए विदेशी निवेशकों ने इस साल जुलाई में कुल 32,365 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। हालांकि, अगस्त के शुरुआती दो दिनों में उन्होंने 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेचकर पैसे निकाले हैं।
भारत के लिए 6.9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान इस साल जनवरी में संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान से अधिक है। चीन की 2024 में वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जिसका जनवरी में 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
पिछले तीन माह के दौरान एफपीआई शेयर बाजारों में 1.36 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।
वुल्फ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कभी प्रतिबंधित रहे नरेन्द्र मोदी का वॉशिंगटन में गर्मजोशी से स्वागत किया। पेरिस में इमैनुएल मैक्रों ने भी भारतीय नेता को उतनी ही गर्मजोशी से गले लगाया।
Foreign Investors: मोदी सरकार का डंका एक बार फिर पूरी दुनिया में बज रहा है। विदेशी निवेशकों को पीएम मोदी के दोबारा कार्यकाल में वापस लौटने की उम्मीद है।
यूपी में विकास की रफ्तार तेज हो चुकी है। कई विदेशी कंपनियां अब यूपी के अलग-अलग सेक्टर में निवेश करने का ऐलान कर रही हैं। इससे आने वाले समय में राज्य में लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
भारतीय रुपये के स्थिर होने तथा दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होने की वजह से विदेशी निवेशक फिर भारत पर दांव लगा रहे हैं।
कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते भारतीय कंपनियों के ओडीआई में गिरावट
बजट के बाद बनी सकारात्मक धारणा तथा रिजर्व बैंक के उदार रुख बनाये रखने से उत्साहित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी महीने में अब तक घरेलू बाजार में 23,102 करोड़ रुपए लगाए हैं।
देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर के दौरान 15 प्रतिशत बढ़कर 26 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
सरकार ने देश के संवेदनशील इलाकों में स्थित बुनियादी ढांचे तथा दूरसंचार जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में विदेशी निवेश की समीक्षा शुरू की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सरकार विदेशी निवेश आकर्षित करने के इरादे से अनुबंध आधार पर विनिर्माण में 100 प्रतिशत एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की मंजूरी देने के प्रस्ताव पर काम कर रही है, सूत्रों ने यह जानकारी दी। मौजूदा विदेश निवेश नीति के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।
बजट में बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों में विदेशी निवेश की सीमा में छूट के प्रस्ताव से इनकी वितरण क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले चार कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजारों से 9,300 करोड़ रुपए (1.3 अरब डॉलर) निकाले।
भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने विदेशी निवेशकों के सामने बड़ा ऑफर दिया है। अब निवेशक 100 फीसदी स्वामित्व के साथ पाकिस्तान में कारोबार कर सकते हैं
भारतीय रियल एस्टेट में वर्ष 2017 में 2.6 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया। नाईट फ्रैंक की एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई। नाईट फ्रैंक के भारत के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल के अनुसार, 2017 में साल-दर-साल आधार पर इस क्षेत्र में विदेशी पूंजी प्रवाह में 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से 5,500 करोड़ रुपए की निकासी की है। वैश्विक व्यापार युद्ध को लेकर चिंता तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के संकेतों से विदेशी निवेशक निकासी कर रहे हैं।
शेयर बाजार में हुए विदेशी निवेश के आंकडों को देखे तों नवंबर के दौरान 5 महीने यानि GST काल का सर्वाधिक विदेशी निवेश हुआ है।
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