देश का विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया। यह गिरावट विदेशी मुद्रा आस्तियों में बढ़ोतरी के बावजूद आई है।
3 हफ्तों से देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एकतरफा गिरावट देखी जा रही है, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को खत्म हुए हफ्ते के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.75 अरब डॉलर घटकर 406.05 अरब डॉलर दर्ज किया गया है जो करीब ढाई महीने यानि 13 अप्रैल के बाद सबसे निचला स्तर है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) 22 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान 2.25 अरब डॉलर घटकर 407.81 अरब डॉलर रह गया। मुद्रा भंडार का यह सात महीने का सबसे निचला स्तर है।
डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपए में लगातार गिरावट के पीछे बड़ी वजह देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आ रही गिरावट भी है, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक 15 जून को खत्म हफ्ते के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 410.07 अरब डॉलर दर्ज किया गया है जो 2018 में सबसे कम स्तर है और रिकॉर्ड स्तर से करीब 16 अरब डॉलर कम है
श्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर इंटरनेशनल ने पाकिस्तन की सॉवरेट रेटिंग को घटाकर स्टेबल से निगेटिव कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने यह कदम विदेशों के साथ करोबार की दृष्टि से देश की कमजोरी और आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव को देखते हुए उठाया है।
देश का विदेशी पूंजी भंडार 8 जून को समाप्त सप्ताह में 87.95 करोड़ डॉलर बढ़कर 413.10 अरब डॉलर हो गया, जो 27,881.9 अरब रुपए के बराबर है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को लेकर नए सिरे से आशंका जताई जा रही है, क्योंकि मौजूदा कार्यवाहक सरकार ने चालू खाते के घाटे से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के इस्तेमाल का वचन दिया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से घट रहा है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति कितनी खराब हो चुकी है, इसका अंदाजा उसके विदेशी मुद्रा भंडार से लगाया जा सकता है। कई बार करेंसी की उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए भारत महीने भर में जितने डॉलर खर्च कर देता है, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ उतना ही बचा है। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 10.32 अरब डॉलर बचा है। पाकिस्तान का यह रिजर्व उसके आयात की सिर्फ 2 महीने की जरूरत को पूरा कर पाने में सक्षम है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के तय किए हुए मानकों से कम है
इस महीने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार को 4 साल होने जा रहे हैं। अगले साल फिर से देश में आम चुनाव होने हैं ऐसे में मौजूदा मोदी सरकार में हुए कामकाज की तुलना पहले की मनमोहन सिंह सरकार के कामकाज से होने लगी है। इस कड़ी में आज हम तुलना कर रहे हैं मोदी और मनमोहन के समय देश में जमा हुई विदेशी मुद्रा की
देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार मई को समाप्त सप्ताह में 1.426 अरब डॉलर घटकर 418.940 अरब डॉलर रह गया, जो 27,962.8 अरब रुपए के बराबर है। इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में कमी आना है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 3.216 अरब डॉलर घटकर 420.366 अरब डॉलर रह गया, जो 28,025.5 अरब रुपए के बराबर है।
अपने सर्वकालिक उच्चस्तर को छूने के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार 20 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में 2.499 अरब डॉलर घटकर 423.582 अरब डॉलर रह गया।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर अब तक के सर्वकालिक स्तर 426.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार छह अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 50.36 करोड़ डॉलर बढ़कर अब तक के उच्चतम स्तर 424.864 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह लगातार दूसरा ऐसा हफ्ता है जब विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि दर्ज की गई है।
30 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 1.828 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ अब तक के उच्च स्तर 424.361 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
देश का विदेशी पूंजी भंडार (फॉरेक्स) 23 मार्च को समाप्त सप्ताह में 1.19 अरब डॉलर बढ़कर 422.53 अरब डॉलर हो गया, जो 27,514.5 अरब रुपए के बराबर है।
देश का विदेशी पूंजी भंडार 2 मार्च को समाप्त सप्ताह में 16.78 करोड़ डॉलर बढ़कर 420.75 अरब डॉलर हो गया, जो 27,435.7 अरब रुपए के बराबर है।
देश का विदेशी पूंजी भंडार 16 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 2.15 अरब डॉलर घटकर 419.76 अरब डॉलर हो गया, जो 27,000.5 अरब रुपए के बराबर है।
स्वर्ण भंडार और मुख्य मुद्रा आस्तियों में अच्छी वृद्धि होने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार दो फरवरी को समाप्त सप्ताह में 4.12 अरब डॉलर बढ़कर 421.91 अरब डॉलर की सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
हफ्तेभर में विदेशी मुद्रा भंडार में 3 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। मार्च 2017 से लेकर 26 जनवरी 2018 तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 47.83 अरब डॉलर बढ़ा है।
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