एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में पिछले 10 दिनों के दौरान कीमतें 7 रुपए प्रति किलो तक चढ़ गई है। स्टॉक खत्म होने और उत्पादन में कमी से आई तेजी।
अरहर दाल के दाम मंगलवार को 190 रुपए प्रति किलो पर आ गए। इससे पहले अरहर दाल की कीमतें 210 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई थी।
चार राज्य सरकारों ने तुअर दाल की बिक्री 120 से 145 रुपए प्रति किलो के भाव पर शुरू की है। सोमवार तक सरकार ने करीब 78,000 टन दालों को जब्त किया है।
सरकारी आंकड़ों में बेशक महंगाई पिछले साल के मुकाबले कम हुई है। लेकिन, जुरुरी सामान और सेवाएं महंगी हो गई है।
दाल इंपोर्टर्स ने सरकारी एजेंसियों को 135 रुपए प्रति किलो की दरसे अरहर दाल की सप्लाई करने का प्रस्ताव दिया है। दाल का रिटेल भाव 210 रुपए प्रति किलो है।
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी HSBC के मुताबिक भारत के गांवों में खाद्य महंगाई के साथ-साथ ईंधन आदि की महंगाई दर शहरों के मुकाबले अधिक है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भरोसा दिलाया है कि आयातित और जब्त की गई दाल के बाजार में आने के बाद कीमतों में नरमी देखने को मिलेगी।
सोमवार को खुदरा बाजार में अरहर दाल की कीमत 200 रुपए प्रति किलो के पार पहुंचे के बाद सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ताबड़तोड़ कई फैसले लिए हैं।
रिटेल मार्केट में अरहर दाल की कीमत 200 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई है। पिछले हफ्ते रिटेल मार्केट में अरहर की दाल 185 रुपए किलो तक बिकी थी।
थोकमूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर सितंबर में थोड़ी बढ़ कर शून्य से 4.54 प फीसदी नीचे रही। दलहन, सब्जी और प्याज के मंहगा होने से थोक महंगाई दर में यह वृद्धि हुई है, बावजूद इसके यह लगातार 11वें महीने शून्य से नीचे है।
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