हिंदुस्तान यूनिलीवर ने इस अंतरिम डिविडेंड के भुगतान के लिए रिकॉर्ड डेट भी फिक्स कर दिया है। एक एक्सचेंज फाइलिंग में हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बताया कि शेयरहोल्डरों को दिए जाने वाले 29 रुपये के इस अंतरिम डिविडेंड के लिए 6 नवंबर को रिकॉर्ड डेट के रूप में फिक्स किया गया है।
सितंबर तिमाही में कंपनी का कुल व्यय 12,581 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 3.03 प्रतिशत ज्यादा है। इस दौरान एचयूएल की कुल इनकम पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले 2.14 प्रतिशत बढ़कर 16,145 करोड़ रुपये हो गई।
एचयूएल, आईटीसी, डाबर, ब्रिटानिया, नेस्ले और इमामी जैसी प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों की जून तिमाही की आय में ग्रामीण बाजारों से ‘अच्छी खबर’ और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिये मजबूत वृद्धि हुई है।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक रवींद्र वर्मा ने कहा, "उत्पाद खंडों और फर्मों के लिए राजस्व वृद्धि अलग-अलग होगी। ग्रामीण मांग में सुधार से इस वित्त वर्ष में एफएंडबी खंड में आठ-नौ प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।
कंसल्टिंग फर्म कांतार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की तिमाही में उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) की बिक्री शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण भारत में रिवाइवल की उम्मीद नजर आ रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण बाजार में साल 2024 में पुनरुत्थान होने की संभावना है। जहां शहरी क्षेत्र के तनाव में रहने की संभावना है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र साल की दूसरी तिमाही में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है।
FMCG Companies: दूसरी तिमाही में FMCG कंपनियों पर महंगाई की मार पड़ने जा रही है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाले एफएमसीजी उद्योग के लिए कुछ कच्चे माल की आपूर्ति पर महंगाई का दबाव कम होने के बावजूद विनिर्माताओं को यह आशंका सता रही है
मुंबई के एक थोक एफएमसीजी डीलर ने कहा कि शहरी बाजारों में अधिकांश कंपनियों ने डिटर्जेंट की कीमत में 2 से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि की है।
सेंसेक्स 610 प्वाइंट की तेजी के साथ 33917.94 के स्तर पर बंद हुआ है। निफ्टी की बात करें तो वह भी 194.55 प्वाइंट की जोरदार तेजी के साथ 10421.40 के स्तर पर बंद हुआ है
रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियां चाहती हैं कि आगामी बजट ग्रामीण बाजारों पर केंद्रित हो जिससे वेतन-मजदूरी में गिरावट को रोका जा सके।
सरकार के आगामी चुनाव से पहले वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने से रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले उपभोक्ता उत्पाद (एफएमसीजी) क्षेत्र में सुधार आने की उम्मीद है।
जिन वस्तुओं पर सरकार ने GST घटाया है उन सभी वस्तुओं पर से पुराने MRP बदलकर उसपर घटे हुए नए MRP का स्टिकर लगाने को कहा है
कोलगेट समेत तेल-साबुन और टूथपेस्ट बनाने वाली एफएमसीजी कंपनियों को जीएसटी लागू होने से जो फायदा हुआ है, उसे उन्होंने ग्राहकों के साथ बांटना शुरू कर दिया है
देश में रोजमर्रा के उपयोग के उपभोक्ता सामान (FMCG) बनाने वाली सात प्रमुख घरेलू कंपनियों की आय 2015-16 में विदेशी कंपनियों ने बेहतर रही है।
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