केन्या में बाढ़ और बारिश ने तबाही मचा दी है। अब तक कम से कम 13 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 15 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। शहर से लेकर गांव तक जलमग्न हो गए हैं। सड़कों और रेल पटरियों पर पानी भर जाने से आवागमन ठप हो गया है।
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने कहा कि शांगला जिले में मूसलाधार बारिश के कारण कमरे की छत गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई। बारिश ने खैबर कबायली जिले, पेशावर, नौशेरा और चारसद्दा जिलों में भी फसलों को नुकसान पहुंचाया है।
पाकिस्तान में पिछले सप्ताह भारी बारिश के कारण कई पर्यटक फंस गए थे। पाकिस्तान में इस साल सर्दियों की बारिश में देरी देखी गई है, जो नवंबर के बजाय फरवरी में शुरू हुई। यहां हर साल मानसून के साथ-साथ सर्दियों की बारिश से भी नुकसान होता है।
जापान में दो दिन पहले आए विनाशकारी भूकंप में मौतों का आंकड़ा अब बढ़कर 126 हो गया है। अभी भी 200 लापता लोगों की तलाश जारी है। सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। भूकंप के बाद बारिश और बर्फबारी ने पीड़ितों की मुश्किलों को और अधिक बढ़ा दिया है।
भयंकर बारिश और बाढ़ ने इंग्लैंड से लेकर यूरोप तक में हाहाकार मचा दिया है। हजारों मकान, दुकान और प्रतिष्ठान पानी में डूब गए हैं। रेलवे ट्रैक और सड़कें पानी में डूब गई हैं। कई सड़कें नदियों में तब्दील हो गई हैं। इससे बड़े स्तर पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
गुड़ की बाढ़ आ जाने से 21 लोग मर गए थे। ये घटना आज भी लोगों के दिमाग में बनी हुई है। इस बाढ़ के बारे में बहुत ही कम लोगों को मालूम है। आज हम आपको इसी बाढ़ के बारे में बता ने जा रहे हैं।
अफ्रीकी देश कांगों पर नई मुसीबत आ गई है। भयंकर बारिश और बाढ़ की चपेट में आने से यहां 22 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 20 लोग लापता हैं। इससे पहले पूर्वी कांगों में भूस्खलन से 400 लोगों की मौत हो चुकी है। सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। महत्वपूर्ण इलाकों में पानी भर गया है। इससे आवागमन बाधित है।
तमिलनाडु में लगातार हो रही बारिश से कई जिलों में हालत बद से बदतर हो गए हैं। कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं। लगातार हो रही बारिश से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। देखें वीडियो-
साल 2023 विदा होने को है। इस साल अंतरराष्ट्रीय जगत में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने लोगों को झकझोर कर रख दिया। प्राकृतिक आपदाओं ने जहां हजारों लोगों की जान ले ली। वहीं गाजा पट्टी में हमास और इजराइल की जंग के कारण 18 से भी ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं। जानिए इस साल की 10 बड़ी घटनाएं कौनसी रहीं?
अफ्रीकी देश सेशेल्स में बाढ़ से भारी तबाही हुई है। तबाही के चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। हालात ऐसे हो गए हैं कि वहां के राष्ट्रपति को इमरजेंसी घोषित करना पड़ी है।
सरकार ने प्राइवेट कंपनियों से कहा है कि वे अपने कर्मचारियों को पांच दिसंबर को गहर से ही काम करने के लिए कहें। मौसम विभाग ने मंगलवार को भीषण बारिश की संभावना जताई है।
मौसम विभाग ने सोमवार को अगले पांच दिनों में उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कई स्थानों पर गरज और बिजली कड़कने के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है।
सिक्किम के सीएम ने बताया है कि सैलाब के कारण जिलों के बीच सड़क संपर्क टूट गया है और पुल बह गए हैं। उत्तरी सिक्किम में संचार सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। सेना के 23 लापता जवानों में से सात के शव निचले इलाकों से बरामद किए गए हैं।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के एक परिवार के आठ सदस्य 1 अक्टूबर को सिक्किम घूमने गए थे, जिनसे घरवालों का कॉन्टैक्ट नहीं पा रहा है। वे सभी लोग लिचेन के एक होटल में ठहरे थे। हालांकि, बाढ़ के कारण संचार बाधित होने से घरवालों का उनसे और होटल के अधिकारियों के संपर्क टूट गया है।
सरकार सिक्किम में आई बाढ़ के बाद अब नुकसान को लेकर सजग हो गई है। आज केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नुकसान के आंकलन के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया है। साथ ही मंत्रालय ने राज्य के आपदा कोष की किश्तें भी मंजूर कर दी हैं।
बेचारे गरीब के सामने नुकसान की क्षति पूर्ति का सवाल था, साहब नाराज हो जाते तो फिर क्षतिपूर्ति मिलती या नहीं इसकी गारंटी नहीं थी। इस वजह से गरीब पीड़ित ने साहब के फरमान को स्वीकार कर लिया।
नागपुर में बारिश ने जमकर कहर बरपाया। भारी बारिश के चलते शहर और आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए। बारिश की घटनाओं में तीन लोगोंं की मौत हो गई जबकि 400 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया।
शनिवार 16 अगस्त को सरदार सरोवर नर्मदा बांध के 23 गेट खोल दिए गए थे, जिसके बाद नदी में जलस्तर अचानक से बढ़ गया। जिससे कई जगहों पर बाढ़ आने का खतरा बना हुआ है। इसी क्रम में प्रशासन ने सावधानी रखते हुए यह फैसला लिया है।
लीबिया में बाढ़ के कारण तटीय शहर डर्ना में बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान हुआ और कम से कम 30 हजार लोग विस्थापित हुए।
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