यदि आप 1बीएचके फ्लैट का बुकिंग करने जा रहे हैं और उसका साइज 700 वर्ग फीट है। इसका कारपेट एरिया का क्षेत्रफल निकालने के लिए डेवलपर्स की ओर से मिले फ्लैट का ब्रॉशर को लें। उसमें से उस फ्लैट का लेआउट प्लान को देखे और कारपेट एरिया के स्पेस का गणना करें।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय सलाहकार परिषद ने करीब एक साल पहले इस तरह की समिति बनाने का फैसला किया था।
ख्वाज़ाबाग में 40.22 करोड़ रुपये की लागत से नई विस्थापित कॉलोनी बनाई जा रही है। करीब 160 फ्लैट महीने के अंत तक उद्घाटन के लिए तैयार हो जाएंगे। कुल 320 फ्लैट बनाए जाने हैं। बाकी के फ्लैट का निर्माण दो-तीन महीने के भीतर पूरा हो जाएगा।
कंपनी 25 एकड़ की इस परियोजना में पांच टॉवर में 1,137 चार बीएचके अपार्टमेंट बनाएगी। हर टॉवर 38-39 मंजिल का होगा। यह परियोजना गुरुग्राम के सेक्टर 63 में गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन में स्थित है।
गुरुग्राम और नई दिल्ली की तुलना में नोएडा-ग्रेटर नोएडा का किफायती होना भी इसका यूएसपी बन गया है। इसके चलते देश समेत विदेशी निवेशक इस क्षेत्र में बन रहे रेजीडेंशियल प्रोजेक्ट में निवेश कर रहे हैं।
नोएडा के सेक्टर-150 में औसत किराये में सबसे अधिक 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में किराया वर्ष 2019 में 15,500 रुपया हुआ करता था लेकिन पिछले साल यह लगभग 19,000 रुपये प्रति माह हो गया।
रीट का मॉडल म्यूचुअल फंड की तरह है। जिस तरह म्यूचुअल फंड में निवेशकों का पैसा जुटाकर फंड मैनेजर अच्छी कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है, ठीक उसी तरह रीट में निवेशकों का पैसा रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश किया जाता है।
पिछले साल शीर्ष आठ शहरों में आवासीय इकाइयों की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 3,12,666 इकाई हो गई। यह पिछले नौ साल का उच्च स्तर है।
नई आपूर्ति की बात की जाए, तो सात प्रमुख शहरों मे आपूर्ति इस साल 51 प्रतिशत के उछाल के साथ 3,57,600 इकाई पर पहुंच गई।
रिपोर्ट कहती है कि मकान की मांग तेजी से बढ़ने से खाली घरों (अनसोल्ड इनवेंट्री) का स्तर ढाई साल पर आ गया है। महामारी से पहले यह चार साल था।
कंपनी ने अनुमान जताया कि वर्ष 2022 शीर्ष सात शहरों में बिक्री के 2014 के सर्वकालिक उच्च रिकॉर्ड को तोड़ देगा।
दिल्ली-एनसीआर में कीमतों में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 4,700-4,900 रुपये हो गई।
हर बेघर को मिले अपना घर ये पीएम मोदी का सपना है। केंद्र और राज्य सरकारें लगातार ऐसे लोगों को घर देने का काम कर रही हैं जिनके पास अपना घर नही है और स्लम एरिया में रहने को मजबूर हैं। इस पूरी योजना में सबसे खास बात ये है कि इन फ्लैटों का आवंटन लोगों को मालिकाना हक भी देगा यानी यहां रहने वाले लोग अपने घर में मालिक होंगे।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कालकाजी में 'इन-सीटू स्लम रिहैबिलिटेशन' प्रोजेक्ट के तहत झुग्गीवासियों के लिए बनाए गए 3,024 EWS फ्लैटों का उद्घाटन करेंगे।
घर की बिक्री पर बढ़े होम लोन का असर नहीं हुआ है। ऐसा इसलिए भी हुआ है कि होम लोन लंबे समय के लिए लेते हैं।
दिल्ली-एनसीआर में खाली पड़े घरों की संख्या 1,00,770 और हैदराबाद में 99,090 इकाई थी। इन्हें बेचने में क्रमश: 27 महीने, 62 महीने और 41 महीने का समय लगेगा।
बिल्डर हमेशा खरीददार को फ्लैट का बेस रेट बताता है। जबकि, बिल्डर कई और एक्स्ट्रा चार्ज भी वसूल करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि घर खरीदारों को अगले दो से तीन महीनों में 11,858 फ्लैट सौंपे जाएंगे, जिनमें से 5,428 फ्लैट का कब्जा अक्टूबर में ही दे दिया जाएगा।
Festive Season: आज से 5 साल पहले तक रेडी टू मूव प्राॅपर्टी के बहुत ही सीमित विकल्प खरीदारों के पास थे। इसकी वजह थी उस समय में काफी संख्या में प्रोजेक्ट अंडरकंस्ट्रक्शन थे।
Lucknow News: 2015 में LDA ने पारा में एक बहुमंजिला समाजवादी लोहिया एन्क्लेव बनाने का प्रस्ताव रखा था और 2016 में लॉटरी सिस्टम के माध्यम से आवंटन किया गया था।
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