नोएडा प्राधिकरण ने 21 बिल्डर परियोजनाओं की लिस्ट जारी की है जिनमें 1097 फ्लैट हैं। इन परियोजनाओं के खरीदार बिल्डर के माध्यम से रजिस्ट्री करा सकते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष घरों का निर्माण सबसे ज्यादा दिल्ली-एनसीआर में होगा, जिसके बाद मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) है। दिल्ली-एनसीआर में इस वर्ष 1,70,100 घरों का निर्माण पूरा होने की संभावना है।
अगर आप अपने सपने का आशियाना बुक करने की सोच रहें हैं और इस बात को लेकर असमंजस है कि रेडी टू मूव लें या अंडर कंस्ट्रक्शन तो हम इस समस्या का हल बता रहे हैं।
आज कल चर्चा का बाजार गर्म है कि मकान नहीं खरीद कर, उस रकम का सिप करा लें। सिप पर आपको 20 साल में ज्यादा रिटर्न मिलेगा और आप रिटायरमेंट के समय कई मकान खरीद लेंगे। हालांकि, कई वित्तीय जानकारों का कहना है कि यह सही नहीं है।
11 अगस्त 2022 से पहले सेक्टर 102, 115, 158 और 162 आदि सेक्टरों में आवासीय प्लॉट की कीमत 36200 वर्ग मीटर थी। ई श्रेणी वाले इन सेक्टरों में अब प्लॉट खरीदने का बेस प्राइस ही 45,380 रुपए वर्गमीटर हो गया है। उस पर भी ईऑक्शन के दौरान नीलामी होगी और इस बेस्ट प्राइस से ऊपर जो बढ़-चढ़कर बोली लगाएगा, उसे ही वह प्लॉट दिया जाएगा।
ई-श्रेणी के आवासीय सेक्टरों के सबसे अधिक दस प्रतिशत का इजाफा किया गया है। ए-प्लस श्रेणी की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
घर खरीदने को इच्छुक 95 प्रतिशत से अधिक लोगों का मानना है कि आवास ऋण (होम लोन) पर इस साल और ब्याज दर बढ़ने से मकान खरीदने का उनका निर्णय प्रभावित होगा।
गोदरेज प्रॉपर्टीज के कार्यकारी चेयरमैन पिरोजशा गोदरेज ने कहा, बीते वित्त वर्ष में कंपनी के अच्छे प्रदर्शन की वजह यह है कि हमारे पास देशभर में परियोजनाओं का मजबूत पोर्टफोलियो है।
यदि आप 1बीएचके फ्लैट का बुकिंग करने जा रहे हैं और उसका साइज 700 वर्ग फीट है। इसका कारपेट एरिया का क्षेत्रफल निकालने के लिए डेवलपर्स की ओर से मिले फ्लैट का ब्रॉशर को लें। उसमें से उस फ्लैट का लेआउट प्लान को देखे और कारपेट एरिया के स्पेस का गणना करें।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय सलाहकार परिषद ने करीब एक साल पहले इस तरह की समिति बनाने का फैसला किया था।
ख्वाज़ाबाग में 40.22 करोड़ रुपये की लागत से नई विस्थापित कॉलोनी बनाई जा रही है। करीब 160 फ्लैट महीने के अंत तक उद्घाटन के लिए तैयार हो जाएंगे। कुल 320 फ्लैट बनाए जाने हैं। बाकी के फ्लैट का निर्माण दो-तीन महीने के भीतर पूरा हो जाएगा।
कंपनी 25 एकड़ की इस परियोजना में पांच टॉवर में 1,137 चार बीएचके अपार्टमेंट बनाएगी। हर टॉवर 38-39 मंजिल का होगा। यह परियोजना गुरुग्राम के सेक्टर 63 में गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन में स्थित है।
गुरुग्राम और नई दिल्ली की तुलना में नोएडा-ग्रेटर नोएडा का किफायती होना भी इसका यूएसपी बन गया है। इसके चलते देश समेत विदेशी निवेशक इस क्षेत्र में बन रहे रेजीडेंशियल प्रोजेक्ट में निवेश कर रहे हैं।
नोएडा के सेक्टर-150 में औसत किराये में सबसे अधिक 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में किराया वर्ष 2019 में 15,500 रुपया हुआ करता था लेकिन पिछले साल यह लगभग 19,000 रुपये प्रति माह हो गया।
रीट का मॉडल म्यूचुअल फंड की तरह है। जिस तरह म्यूचुअल फंड में निवेशकों का पैसा जुटाकर फंड मैनेजर अच्छी कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है, ठीक उसी तरह रीट में निवेशकों का पैसा रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश किया जाता है।
पिछले साल शीर्ष आठ शहरों में आवासीय इकाइयों की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 3,12,666 इकाई हो गई। यह पिछले नौ साल का उच्च स्तर है।
नई आपूर्ति की बात की जाए, तो सात प्रमुख शहरों मे आपूर्ति इस साल 51 प्रतिशत के उछाल के साथ 3,57,600 इकाई पर पहुंच गई।
रिपोर्ट कहती है कि मकान की मांग तेजी से बढ़ने से खाली घरों (अनसोल्ड इनवेंट्री) का स्तर ढाई साल पर आ गया है। महामारी से पहले यह चार साल था।
कंपनी ने अनुमान जताया कि वर्ष 2022 शीर्ष सात शहरों में बिक्री के 2014 के सर्वकालिक उच्च रिकॉर्ड को तोड़ देगा।
दिल्ली-एनसीआर में कीमतों में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 4,700-4,900 रुपये हो गई।
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