वित्त वर्ष 2017-18 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों को हुए घाटे से सरकार का इन बैंकों में किया गया करीब 13 अरब डॉलर का पूंजी निवेश एक तरह से बेकार हो गया और चालू वित्त वर्ष में भी इस स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है।
वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की स्वायत्त वित्तीय साख का दर्जा स्थिर परिदृश्य के साथ बीबीबी- श्रेणी में बरकार रखा है। रेटिंग का यह स्तर बताता है कि फिच की निगाह में भारत सरकार के ऋण-पत्र पूंजी लगाने लायक तो हैं पर यह निवेश की न्यूनतम श्रेणी के हैं।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने आईसीआईसीआई बैंक में कंपनी संचालन व्यवस्था पर संदेह जताया है। बैंक की प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी चंदा कोचर के ऊपर पद के गलत उपयोग के आरोप के बीच रेटिंग एजेंसी ने यह बात कही।
फिच रेटिंग्स से पहले बुधवार को विश्व बैंक ने भी 2017-18 के दौरान भारत में GDP की ग्रोथ बढ़ने का अनुमान जारी किया था।
राजकोषीय मजबूती का काम 2019 में होने वाले आम चुनावों के बाद अगली सरकार के लिए छोड़ दिया गया है। रेटिंग एजेंसी फिच ने यह बात कही है।
Fitch Ratings ने कहा है कि सरकार की कमजोर वित्तीय स्थिति ने भारत की सॉवरेन रेटिंग में सुधार में रुकावट डाला है। सरकार के ऊपर जीडीपी के करीब 68 प्रतिशत के बराबर ऋण का बोझ है और यदि राज्यों को शामिल किया जाए तो राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.5 प्रतिशत है।
एजेसी ने अगले वित्तवर्ष 2018-19 के लिए भी ग्रोथ के अनुमान में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, और GDP ग्रोथ 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी किया है
चालू वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि में उल्लेखनीय गिरावट के बाद फिच रेटिंग्स ने यह अनुमान घटाया है।
भारतीय बैंकों को बासेल-तीन के पूंजी पर्याप्तता नियमों को मार्च 2019 तक पूरा करने और ऋण वृद्धि को गति देने के लिए करीब 65 अरब डॉलर की जरूरत होगी।
फिच ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी का तेल एवं गैस और लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में आने वाली तिमाहियों में स्थिति में सुधार होगा जिससे चालू वित्त वर्ष के दौरान GDP ग्रोथ 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
गत वर्ष नवंबर में 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोट बंद किए जाने का खर्च पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा, जिसकी वजह से जनवरी-मार्च तिमाही की वृद्धि धीमी पड़ी।
फिच रेटिंग्स ने कहा कि देश के बैंकों ने टेलीकॉम कंपनी Airtel, Idea को बहुत अधिक कर्ज नहीं दिया है, लेकिन डिफॉल्ट से बैंकों की वित्तीय स्थिति प्रभावित होगी।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत के लिए अपनी सरकारी रेटिंग बीबीबी- पर अपरिवर्तित रखी जिसके भावी परिदृश्य को स्थिर बताया गया है।
सरकार के पूंजी समर्थन के बावजूद कुछ भारतीय बैंकों के समक्ष पूर्व में बांड के जरिये जुटाई गई राशि पर ब्याज भुगतान नहीं कर पाने का जोखिम दिख रहा है।
रेटिंग एजेंसी Fitch कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.1% की दर से वृद्धि करेगी जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.7% तक रहेगी।
बैड बैंक की स्थापना से देश के बैंकिंग क्षेत्र में फंसे कर्ज की समस्या का समाधान करने में तेजी आएगी। यह कहना है वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच का।
ऑयल कंपनियों का प्रस्तावित विलय इस क्षेत्र में व्याप्त अक्षमताओं को कम कर सकता है और एक ऐसी नई कंपनी खड़ी हो सकती है, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके।
फिच ने कहा नोटबंदी के कारण 2017 में प्रॉपर्टी की बिक्री में 20-30 फीसदी गिरावट आएगी। इसका कारण नकदी की कमी के साथ उपभोक्ताओं द्वारा सर्तकता बरतना भी है।
फिच ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि बढ़ते NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) की वजह से अगले साल चीन और भारत के बैंकों पर भारी दबाव बना रहेगा
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