वित्त वर्ष 2015-16 में राज्यों का वित्तीय घाटा बढ़कर 4,93,360 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह घाटा वित्त वर्ष 1991-92 में 18,790 करोड़ रुपए था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि केंद्र सरकार किसानों का कर्ज माफ करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।
वित्त सचिव अशोक लवासा का कहना है कि देश की वृहद आर्थिक बुनियाद काफी मजबूत है जिससे 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।
राजकोषीय जवाबदेही रूपरेखा के अनुकरण के मामले में केंद्र के मुकाबले राज्यों का रिकॉर्ड बेहतर है और घाटा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अधिक ढ़ील दी जा सकती है।
मार्च में निर्यात 27.6 फीसदी बढ़कर 29.23 अरब डॉलर पहुंच गया। हालांकि, आयात में भी बढ़ोतरी हुई है। आयात 45.25 फीसदी बढ़कर 39.66 अरब डॉलर पहुंच गया है।
उच्चस्तरीय FRBM समिति ने मार्च 2020 तक तीन वित्तीय वर्षों के दौरान राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का तीन प्रतिशत रखने की सिफारिश की है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास का मानना है कि राजकोषीय घाटे का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.2 प्रतिशत का लक्ष्य आशावादी नहीं बल्कि व्यावहारिक है।
राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह में 4.58 लाख करोड़ रुपए रहा है। यह समूचे वित्त वर्ष के घाटे के बजटीय अनुमान का 85.8 प्रतिशत है।
दिसबंर के दौरान भारत में सोने का आयात 50 फीसदी तक घट सकता है। इंडस्ट्री के मुताबिक नोटबंदी के कारण सोने की रिटेल मांग में भारी कमी आई है।
देश में घाटे की स्थिति थोड़ी बिगड़ी है। राजकोषीय घाटा 2016-17 की पहली तिमाही में बजट अनुमान के 61 प्रतिशत से उपर निकल गया है।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह के दौरान वित्तीय घाटा 2.28 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो 2016-17 के बजट अनुमान का 42.9 फीसदी है।
सरकार ने कहा कि वह वित्त वर्ष 2015-16 में राजकोषीय घाटे के सकल घरेलू उत्पाद के 3.9% रहने के आंकड़े को प्राप्त करने में सफल रही है।
कैबिनेट ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। इसमें साल-दर-साल कुछ अतिरिक्त घाटे के लिए छूट दी गई है।
वित्त मंत्रालय को टैक्स प्राप्तियों व विनिवेश से आय के मद्देनजर वित्त वर्ष 2015-16 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.9 फीसदी से कम रहने की उम्मीद है।
फरवरी में सोने का आयात 29.49 फीसदी घटकर 1.39 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले जनवरी में इसमें तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। आयात कम होने से कैड पर अंकुश लगेगा है।
आईएमएफ ने भारत के फिस्कल लक्ष्यों को उचित करार दिया है। अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाना सही तरीका है।
बजट पेश करने जा रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वो देश के लिए आर्थिक विकास चुनें या राजकोषीय सख्ती।
वित्त वर्ष 2015-16 के पहले नौ महीने में राजकोषीय घाटा बजट के सालाना लक्ष्य का 88 फीसदी रहा। ताजा आंकड़े सरकार की वित्तीय हालत में सुधार का संकेत देते हैं।
केंद्र सरकार ने कहा है कि वह चालू वित्त वर्ष में विकास खर्च और व्यय से समझौता किए बगैर राजकोषीय घाटा कम करने के लक्ष्य को हासिलर कर लेगी।
सरकार ने साल 2015-16 के लिए छमाही इकोनॉमिक सर्वे जारी कर दिया है। इसमें जीडीपी अनुमान को 8.1-8.5 फीसदी से घटाकर 7-7.5 फीसदी कर दिया गया है।
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