झारखंड के उन शहरों में जहां वायु गुणवत्ता का स्तर अच्छा या संतोषप्रद है, वहां निर्धारित समय पर ही पटाखे चलाये जा सकेंगे। राज्य में 125 डेसिबल से कम क्षमता वाले पटाखों की ही बिक्री की जा सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि आतिशबाजी पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं है और केवल उन पटाखों पर पाबंदी है जिनमें बेरियम साल्ट होता है। कोर्ट ने कहा कि दूसरे के स्वास्थ्य की कीमत पर जश्न का आयोजन नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली सरकार ने तो हर तरह के पटाखों की बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सितंबर में ही घोषणा कर दी थी कि दिवाली के दौरान दिल्ली में पटाखे चलाने पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों के लिए 5-5 लाख और आपातकालीन वार्डों में इलाज कर रहे घायलों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।
राजस्थान सरकार ने गुरुवार को कोरोना की तीसरी लहर की संभावना का हवाला देते हुए अगले साल तक राज्यभर में सभी तरह के पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने की घोषणा की।
पूरी दुनिया ने 14 नवंबर को दिवाली मनाई। दिल्ली में स्मारक जगमगा उठे। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने 'दीये' जलाये और यह नजारा काफी खूबसूरत लगा।
दिल्लीवासियों ने 14 नवंबर को दीपावली का त्योहार मनाया। त्योहार मनाने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रतिबंध के बावजूद पटाखे फोड़े।
हालाँकि, ऐसे शहर / शहर जहाँ हवा की गुणवत्ता 'मध्यम ’या उससे नीचे है, वहां केवल ग्रीन क्रैकर बेचे जा सकते हैं और दीपावली, छठ जैसे त्योहारों के दौरान पटाखे के इस्तेमाल के समय को दो घंटे तक सीमित रखा गया है।
भाजपा ने दिल्ली में ग्रीन पटाखों को अनुमति देने की मांग की है। भाजपा की दिल्ली इकाई ने कहा है कि जब आम आदमी पार्टी की सरकार को ग्रीन पटाखों पर प्रतिबंध लगाना ही था तो उन्होंने ग्रीन पटाखों की अनुमति क्यों दी थी?
चंडीगढ़ में बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल में करने के लिए यूटी प्रशासन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पटाखों पर बैन लगा दिया है।
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने इस दिवाली पर लोगों से पटाखें न फोड़ने की अपील की है। महाराष्ट्र सरकार ने इस साल कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए पटाखे फ्री दीवाली मनाने के आदेश दिए है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में जनता के जीवन की रक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है और इसलिये राज्य सरकार ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए पटाखों की बिक्री एवं आतिशबाजी पर रोक लगाने का फैसला किया है।
पुलिस ने बताया कि तेज आवाज सुनाई देने के बात उन्हें अलर्ट किया गया और उन्हें उस स्थान से विस्फोटक से भरे सिलिंडर मिले। उसके अगले दिन जीवन को गिरफ्तार कर लिया गया।
शहर-शहर बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कोर्ट ने दिवाली पर आतिशबाजी पर सख्ती की थी। दिल्ली में कोर्ट ने ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत थी वो भी एक निश्चित समय पर लेकिन कल रात दिल्ली और इसके आसपास लोगों ने खूब पटाखे जलाए
न्यायालय द्वारा तय की गई समय-सीमा का छिटपुट उल्लंघन किये जाने की बात स्वीकार करते हुए दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम हालात की निगरानी कर रहे हैं।’’
अर्जुन बिजलानी ने सबको दिवाली के लिए हेल्थ टिप्स देते हुए कहा कि पटाखों की जगह दीए जलाइए क्योंकि दिल्ली और मुंबई की हवा की क्वालिटी बहुत खराब हो गई है।
पीठ ने कहा कि तमिलनाडु, पुडुचेरी और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में त्योहार पर सुबह चार से पांच बजे के बीच और रात को नौ से दस बजे के बीच एक-एक घंटे के लिए पटाखे फोड़े जा सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ पटाखों की बिक्री को मंजूरी दी
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सिर्फ लाइसेंस धारकों को पटाखे बेचने की इजाजत दी है। इस आदेश के बाद ऑनलाइन कंपनियां पटाखे नहीं बेच पाएंगी। सिर्फ कम शोर वाले पटाखे दिवाली पर बेचे जा सकेंगे।
हालांकि पटाखों की बिक्री पर रोक के बाद भी दिल्ली में पिछले साल प्रदूषण के स्तर में ज्यादा कमी देखने को नहीं मिल थी
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