डब्ल्यूबीपीसीबी के अध्यक्ष कल्याण रुद्र ने कहा कि प्रदूषण निगरानी संस्था बाजार में पटाखों की आपूर्ति और त्योहारों के दौरान पटाखों को फोड़ने से रोकने की रणनीति तैयार करने के लिए पुलिस और प्रशासन के साथ बैठक कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि आतिशबाजी पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं है और केवल उन पटाखों पर पाबंदी है जिनमें बेरियम साल्ट होता है। कोर्ट ने कहा कि दूसरे के स्वास्थ्य की कीमत पर जश्न का आयोजन नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली सरकार ने तो हर तरह के पटाखों की बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सितंबर में ही घोषणा कर दी थी कि दिवाली के दौरान दिल्ली में पटाखे चलाने पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
राजस्थान सरकार ने गुरुवार को कोरोना की तीसरी लहर की संभावना का हवाला देते हुए अगले साल तक राज्यभर में सभी तरह के पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने की घोषणा की।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में जनता के जीवन की रक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है और इसलिये राज्य सरकार ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए पटाखों की बिक्री एवं आतिशबाजी पर रोक लगाने का फैसला किया है।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सिर्फ लाइसेंस धारकों को पटाखे बेचने की इजाजत दी है। इस आदेश के बाद ऑनलाइन कंपनियां पटाखे नहीं बेच पाएंगी। सिर्फ कम शोर वाले पटाखे दिवाली पर बेचे जा सकेंगे।
हालांकि पटाखों की बिक्री पर रोक के बाद भी दिल्ली में पिछले साल प्रदूषण के स्तर में ज्यादा कमी देखने को नहीं मिल थी
भारत सरकार द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद चीन से पटाखों का आयात निरंतर जारी है, ऐसे में भारतीय पटाखा उद्योग से जुड़े 8 लाख लोगों के रोजगार पर चिंता के बादल मंडरा रहे हैं।
Retailers express anger over SC order banning firecrackers this Diwali
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