दिवाली के त्योहार पर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जमकर पटाखे फोड़े गए। दिवाली के अगले दिन दिल्ली का AQI लेवल भी बढ़ गया था। इससे वायु प्रदूषण काफी खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया था। वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखे बैन होने के बावजूद हुई आतिशबाजी पर सख्त नाराजगी जाहिर की है।
पश्चिम बंगाल में दिवाली के दौरान 601 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, लोगों से 4000 किलो से अधिक पटाखे में जब्त किए गए हैं।
दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रदेश में पटाखों पर बैन के फैसले का बचाव किया है। इस दौरान केजरीवाल ने कहा है कि में पटाखों पर बैन के फैसले में कोई हिंदू-मुस्लिम पहलू नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने तीन दिन में 1404 किलो अवैध पटाखे जब्त किए हैं। सोचिए राजधानी में दमघोंटू हवा के बीच पटाखों से निकलने वाला धुआं दिल्लीवालों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है।
दीवाली से पहले दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए केजरीवाल सरकार ने पिछले साल की तरह इस बार भी पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है।
दिल्ली में पटाखा जलाने को लेकर गोपाल राय द्वारा दिए गए बयान पर मनोज तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है। मनोज तिवारी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी हिंदुओं के त्योहारों से नफरत करती है। उन्होंने कहा कि दस दिन पहले कौन पटाखे फोड़ रहा था।
विस्फोट का संभावित कारण यह प्रतीत हो रहा है कि हिमांशु घर में पटाखे बनाने के लिए गंधक और पोटाश मिला रहा था, लेकिन उसमें विस्फोट हो गया और वह बुरी तरह घायल हो गया।
पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया है कि पंजाब सरकार की ओर से दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नववर्ष पर केवल ग्रीन पटाखों को छूट दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले दिल्ली में भी पटाखों पर पूर्ण बैन लगाया जा चुका है।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में पटाखों को लेकर प्रतिबंध पर बोलते हुए सूबे के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि इन चीजों से आग लगने की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कानून लाए जाएंगे।
कर्नाटक के अत्तिबेले में हुए अग्निकांड के मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए सिद्धारमैया सरकार ने जहां 3 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है वहीं शादियों, रैलियों और गणेश उत्सव में पटाखों के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है।
देश की राजधानी दिल्ली में सालों से दिवाली पर लोग पटाखे नहीं जला पा रहे हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल से जुड़ी याचिका भी खारिज कर दी थी। अब दिल्ली एनसीआर के भी एक अहम इलाके में पटाखों पर बैन लगा दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन राज्यों में पटाखे पूरी तरह से बैन नहीं हैं, वहां ग्रीन क्रैकर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि ग्रीन क्रैकर्स में से चार कैटेगरी के पटाखों को ही केवल इजाजत होगी।
दिल्ली में पटाखों पर बैन जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ग्रीन क्रैकर्स के उत्पादन और प्रयोग पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा लागू किए गए बैन पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। यानी दिल्ली में ग्रीन क्रैकर्स सहित सभी पटाखों पर बैन जारी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट में आज कई अहम मामलों की सनवाई होने वाली है। इस बाबत कई याचिकाएं दायर की गई हैं। इन मामलों में उदयनिधि स्टालिन द्वारा दिए गए विवादित बयान से लेकर दिल्ली में पटाखा बैन मामले को लेकर भी सुनवाई होने वाली है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों पर बैन हटाने से इनकार कर दिया है। मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर कोर्ट ने साफ कहा कि जश्न मनाना हो तो वहां चले जाएं जहां पटाखे पर बैन नहीं है।
Firecrackers Ban: दिवाली से पहले ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार बढ़ रहा है।
Delhi News: पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक रहेगी। उन्होंने कहा कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी प्रतिबंध लागू रहेगा।
आज शाम को मुख्य रूप से माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, देवी सरस्वती, कुबेर और काली मां की पूजा की जाएगी। दिवाली की शाम को प्रदोष काल के समय लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। वहीं, दिल्ली समेत कई राज्यों में आतिशबाजी पर सख्ती है। दिल्ली में हर तरह के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पाबंदी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने में राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेशों और एजेंसियों की किसी भी तरह की चूक को बेहद गंभीरता से देखा जाएगा।
न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की विशेष पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करने की संभावनाएं भी तलाशने के लिए कहा कि प्रतिबंधित पटाखों और उससे संबंधित सामान का राज्य में प्रवेश केंद्र पर ही आयात नहीं हो।
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