केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिया है। पहले विकल्प के तहत रिजर्व बैंक के द्वारा 97 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के लिये विशेष सुविधा दिये जाने , तथा दूसरे विकल्प के तहत पूरे 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटाने का प्रस्ताव है।
2021-22 के लिए बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ब्रिटिश काल की परंपरा को खत्म कर बजट पेश करने की तारीख को बदल दिया है।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, सरकार का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सितंबर 2020 में 95,480 करोड़ रुपये रहा।
Short term share trades: वित्त मंत्रालय ने शेयर की खरीद बिक्री करने वाले कारोबारियों को बड़ी राहत दी है।
इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2020 के तहत पूर्ववर्ती प्रबंधन/प्रवर्तकों की ओर से किए गए अपराधों के लिए नए खरीदार पर कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
देश का कुल बाहरी कर्ज मार्च के अंत तक 2.8 प्रतिशत बढ़कर 558.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस ने चुनाव घोषणा पत्र में सत्ता में आने के बाद जिन योजनाओं और स्कीम पर कैंची चलाने की बात कही थी उसमें एपीएमसी एक्ट भी था।
भारतीय रिजर्व बैंक को संकटग्रस्त सहकारी बैंकों को पुनर्गठन का मौका देने वाली कुछ चीजों को जोड़ने के लिए विधेयक को वापस लिया जा रहा है, जो कि बहुत जरूरी है।
डोर स्टेप सेवाओं के लिए ग्राहक बैंक के कॉल सेंटर, वेब पोर्टल या फिर मोबाइल एप के जरिए संपर्क कर सकते हैं। ग्राहक इन चैनल के जरिए जान भी सकेंगे कि उनकी सर्विस रिक्वेस्ट का स्टेटस क्या है। ये सेवा डोरस्टेप बैंकिंग एजेंटों के जरिए दी जाएगी इसके लिए देश भर के 100 सेटर पर चुने हुए सर्विस प्रोवाइडर लगाए जाएंगे।
“बैंक न भूलें कि उनका मूल काम लोगों को कर्ज देना है, उन्हे ये काम करते रहना चाहिए। वहीं उन्हें सरकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों का कल्याण भी करना चाहिए। वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों को भी सरकारी योजनाओं के जरिए लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए”
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यदि एक जुलाई, 2020 के बाद कोई नया पद बनाया गया है, जिसके लिए व्यय विभाग की मंजूरी नहीं ली गई है, और इस पर नियुक्ति नहीं हुई है, तो इसे रिक्त ही रखा जाए।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी ताजा मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतिबंधों में ढील के बाद से अब अर्थव्यवस्था से जुड़े संकेत बेहतर होने लगे हैं। पीएमआई इंडेक्स, कोर सेक्टर, खरीफ की बुवाई, मालढुलाई, यात्री वाहनों की बिक्री के आंकड़ों से रिकवरी के संकेत हैं।
वित्त मंत्री ने आज कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग के मामले पर बैंकों और एनबीएफसी बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात की की। इस बैठक में वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों से कहा कि वो इन कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग आने वाले सप्ताह से शुरू कर दें।
छह गैर भाजपा शासित राज्यों- पंजाब, पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना ने कर्ज लेने की सलाह खारिज कर कहा है कि जीएसटी राजस्व की कमी की भरपाई के लिये कोई वैकल्पिक प्रणाली तैयार की जानी चाहिये। वहीं राजस्थान और पुड्डेचेरी ने भी इस मामले में क्षतिपूर्ति के लिये इन राज्यों का अनुसरण करने की बात कही है।
बुधवार को ही वित्त मंत्री के सामने इंडस्ट्री ने दलील दी थी कि दोपहिया वाहन लग्जरी आइटम नही हैं इसलिए इसकी जीएसटी दरों में समीक्षा की जानी चाहिए। फिलहाल दोपहिया वाहनों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है।
सरकार ने वित्तीय प्रोत्साहन के पहले दौर की घोषणा मार्च के अंत में की। इसमें देश के सकल घरेलू उत्पाद का करीब दो प्रतिशत अतिरिक्त व्यय वाले कदम भी उठाए गए। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इस दौरान प्रमुख दरों में दो बार बड़ी कटौती की है
मंत्रालय ने कहा कि अब यह सिद्ध हो चुका है कि जीएसटी उपभोक्ता और करदाता दोनों के लिए अनुकूल है। जीएसटी से पहले उच्च कर दर की वजह से कर भुगतान से लोग बचते थे।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए और कृषि विकास में तेजी लाने के लिए यह कदम एक लंबा रास्ता तय करेगा।
बीते 18-20 दिनों के दौरान कर्ज को मंजूरी प्रदान करने में बड़ी तेजी आई है
आकलन वर्ष 2015-16 में जांच के लिए चुनी गई कुल रिटर्न की संख्या 0.71 प्रतिशत थी, जो कि 2016-17 में कम होकर 0.40 प्रतिशत, 2017-18 में 0.55 प्रतिशत और 2018-19 में 0.25 प्रतिशत रह गई।
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