सरकार ने सोमवार को प्रवासियों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि पिछले साल की तरह इस बार कोई अफरा तफरी जैसी स्थिति नहीं है और पूरे देश में पूर्ण लॉकडाऊन नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी संग्रह में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले छह महीनों से जीएसटी का मासिक संगह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह सुधार का संकेत है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि जीएसटी संग्रह ने न केवल 1 लाख करोड़ का आंकड़ा लगातार सातवें महीने पार किया है बल्कि कर संग्रह में लगातार वृद्धि भी हो रही है।
एसआईआई को अग्रिम के तौर पर 3,000 करोड़ रुपये और भारत बायोटेक को लगभग 1,500 करोड़ रुपये मिलेंगे।
इंडस्ट्री ने अनुमान दिया है कि मेक-इन-इंडिया शुल्क में बढ़ोतरी से उत्पादों की लागत 5-6 प्रतिशत बढ़ जाएगी क्योंकि कई उपकरणों को आयात किया जाता है
वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में 21 राइट इश्यू आए, जबकि इससे पिछले साल यह आंकड़ा 17 था।
वर्ष 2020-21 में केंद्र का शुद्ध जीएसटी संग्रह 5.48 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि सीमा शुल्क से 1.32 लाख करोड़ रुपये मिले।
मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी संग्रह ने लगातार छठवें महीने 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है और यह इस बात का साफ संकेत है कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।
पूंजीकरण के इस चरण में सबसे ज्यादा फायदा उन बैंकों को होगा, जो अभी आरबीआई के पीसीए फ्रेमवर्क के अधीन हैं।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते की भविष्य की किस्तों को जारी करने के लिए जब निर्णय लिया जाएगा, डीए की दर 1/1/2020, 1/7/2020 और 1/1/2021 के लिए तय की गई दर से प्रभावी होगी
वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि सरकार ने सरकार के बैंकिंग लेनदेन में निजी क्षेत्र की भागीदारी पर लगे प्रतिबंध को (पहले कुछ ही बैंकों को मंजूरी थी) समाप्त कर दिया है।
सभी को यह उम्मीद थी कि सरकार 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में एनआरआई और विदेशी नागरिकों के रेजिडेंसी स्टेट्स पर स्पष्टता देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इस बार 1 फरवरी 2021 को पेश होने वाला केंद्रीय बजट 2021-22 पूरी तरह से डिजिटल होगा। वित्त मंत्रालय द्वारा शनिवार को नॉर्थ ब्लॉक में परंपरागत तरीके से हलवा सेरेमनी के साथ बजट दस्तावेजों के संकलन की प्रक्रिया शुरू हो गयी।
छह जनवरी 2021 तक जनधन खातों की संख्या 41 करोड़ के पार चली गयी और शून्य बैलेंस वाले खातों की संख्या मार्च 2015 के 58 प्रतिशत से कम होकर 7.5 प्रतिशत पर आ गयी।
मौजूदा बाजार मूल्य पर 26 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से सरकारी खजाने को लगभग एक हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं। बीईएमएल के शेयर शुक्रवार को 974.25 रुपये पर बंद हुए। बीईएमएल रक्षा, रेल, बिजली, खनन और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में काम करती है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी नियमों में नियम 86 बी पेश किया है। यह नियम इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) का अधिकतम 99 प्रतिशत तक ही इस्तेमाल जीएसटी देनदारी निपटाने की अनुमति देता है।
कोविड-19 के संकट को देखते हुए मई में केद्र सरकार ने राज्यों की कर्ज की सीमा विभिन्न सुधारवादी शर्तों के साथ कुल मिला कर 2 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की। इन शर्तां में एक-देश-एक-राशनकार्ड , कारोबार सुगमता, नगर निकाय/सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और बिजली क्षेत्र में सुधार शामिल हैं।
सूत्र ने कहा कि इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी कुछ दिन में मिलने की उम्मीद है। ऐसे में अंशधारकों के खातों में ब्याज इसी महीने डाला जाएगा।
वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में शेष 14,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने के बारे में चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में फैसला करेगा।
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