ताइवान की हवाई सीमा के करीब अपने लड़ाकू विमानों को भेजकर जंग की हलचल बढ़ा दी। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को अलर्ट जारी किया है इस मामले में। चीन ने एक दो नहीं बल्कि 103 फाइटर जेट भेजे हैं। इससे इलाके में तनाव काफी बढ़ गया है।
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया की बर्बादी का सामान जुटाना शुरू कर दिया है। ये दोनों ही देश उत्तर कोरिया के जानी दुश्मन हैं। अक्सर इन देशों से किम की ठनी रहती है। रूस-यूक्रेन युद्ध में मास्को को परमाणु मिसाइल और गोला-बारूद की आपूर्ति के बदले उन्हें पुतिन से परमाणु बमवर्षक विमान चाहिए।
रूस की यात्रा पर गए उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अब रूसी फाइटर प्लेन बनाने वाली फैक्ट्री में पहुंच गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि किम जोंग को उन्नत किस्म के फाइटर प्लेन की जरूरत है। बदले में रूस उनसे बैलिस्टिक मिसाइलें और गोला-बारूद ले सकता है।
ताइवान को चीन हमेशा से अपने क्षेत्र के रूप में देखता है। हाल के वर्षों में ताइवान ने द्वीप के पास चीनी सैन्य गतिविधियों में बढ़ोतरी की शिकायत की है। बीजिंग बार-बार इस क्षेत्र पर अपनी संप्रभुता के दावों पर जोर देना चाहता है।
कंगाल पाकिस्तान ने जो JF-17 फाइटर जेट म्यांमार को भेजे थे, वे कबाड़ निकले। इस वजह से म्यांमार पाकिस्तान से बुरी तरह नाराज हो गया है। इस गड़बड़ी पर पाकिस्तान से म्यांमार ने कड़ा ऐतराज जताया है। जानिए क्या है पूरा मामला?
क्रीमिया के कब्जे वाले क्षेत्र में एक यूक्रेनी ड्रोन को देखते ही रूस ने अपना फाइटर जेट और अटैक हेलीकॉप्टर दौड़ा दिया। मगर यूक्रेनी ड्रोन इन दोनों से बचकर भागने में सफल रहा। यूक्रेन ने ड्रोन के बच निकलने का वीडियो जारी किया है। रूस और यूक्रेन में करीब 18 महीने से भीषण जंग चल रही है।
ताइवान ने अपने रक्षा क्षेत्र में चीन के 20 सैन्य विमानों के घुसने का आरोप लगाया है। ये चीनी फाइटर जेट और ड्रोन पिछले 24 घंटे से ताइवान के हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहे हैं। ताइवान ने इसका कड़ा विरोध जाहिर किया है। मगर चीन की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सीरिया के आसमान में उस वक्त 4 अमेरिकियों की जान मुश्किल में पड़ गई, जब रूसी लड़ाकू विमान ने अमेरिकी विमान को मार गिराने के इरादे से उसका पीछा कर लिया। इससे पहले भी रूस सीरिया में अमेरिका के एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिरा चुका है।
उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में एक खेत में पड़े जगुआर फाइटर प्लेन के फ्यूल टैंक को देखकर पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी।
ताइवान अगले हफ्ते होने वाले सालाना युद्धाभ्यास की तैयारी कर ही रहा था कि इतने में चीन ने उसे धमकाने के मकसद से कई लड़ाकू विमान भेज दिए।
अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन की संबंधों को सामान्य करने की कोशिशों के तहत बीजिंग यात्रा के बीच चीन ने ताइवान के हवाई और जल क्षेत्र में लड़ाकू विमान एवं युद्धपोत भेजे हैं।
रूसी सेना ने अपने बयान में कहा कि मिग-31 विमान कामचटका प्रायद्वीप के दक्षिणपूर्वी तट पर अवचा खाड़ी में गिर गया।
ईरान का दिमाग ठिकाने लगाने के लिए अमेरिका ने इजरायल से एक बड़ी डील की है। इसके तहत अमेरिका इजरायल को 25 अतिरिक्त एफ-35 लड़ाकू विमानों की खेप देने जा रहा है। इससे इजरायल के खेमे में 75 एफ-35 विमान हो जाएंगे। ईरान के खिलाफ अमेरिका इजरायल को सशक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा।
Fighter First Look: ऋतिक रोशन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर ‘फाइटर’ का पहला लुक शेयर किया है। इस एक्शन-थ्रिलर फिल्म में दीपिका पादुकोण और अनिल कपूर भी लीड रेल में नजर आने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर भारतीय वायुसेना ने अभ्यास किया। इस दौरान सुखोई और मिराज लड़ाकू विमानों समेत कई हेलीकॉप्टरों ने टच एंड गो का रिहर्सल किया।
डिफेंस सेक्टर में भारत लगातार आत्मनिर्भरता हासिल करता जा रहा है। अब भारत की निर्भरता रक्षा उपकरणों के लिए दूसरे देशों पर से खत्म हो रही है। भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और अमेरिकी जीई एयरोस्पेस में करार हुआ है। अब युद्धक विमानों के इंजन भारत में ही बनेंगे।
अपनी हरकतों से पड़ोसी मुल्कों को परेशान करनेवाले चीन को ताइवान ने करारा जवाब दिया है। ताइवान की सीमा में दाखिल 10 लड़ाकू विमानों को वहां की वायुसेना ने भागने पर मजबूर कर दिया।
अमेरिका और ताइवान के बीच होने वाले व्यापार समझौते को लेकर चीन की सरकार आग बबूला है। चीन ने ताइवान पर दबाव बनाने के लिए द्वीप पर बमवर्षक विमान और फाइटर जेट उतार दिए हैं। मगर अमेरिका इसे नजरअंदाज कर समझौते पर अडिग है।
यूक्रेन युद्ध में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देशों ने एक बार फिर से रूस की मुश्किल बढ़ा दी है। रूस के साथ युद्ध के दौरान सहायता करने के अपने वादों के मद्देनजर यूक्रेन को 98 प्रतिशत से अधिक लड़ाकू वाहनों की आपूर्ति की।
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ये कोई छोटी गलती नहीं है। अपने ही इलाके में बम कैसे छोड़ा जा सकता है, इस मामले की जांच की जा रही है।
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