ईरान के दक्षिण में एक लड़ाकू विमान के गिरने से 2 पायलटों की मौत हो गई है। इसे किसी ने मार गिराया या फिर यह अपने आप दुर्घटना का शिकार हुआ है, इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल ईरानी मीडिया की ओर से विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी सामने आई है।
एक के बाद एक विमानों में बम की धमकी मिलने से हर कोई हैरान है। एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक प्लेन में भी मंगलवार को बम होने की धमकी मिली जिसके बाद सिंगापुर ने अपने लड़ाकू विमानों को भेजकर विमान को सेफ लैंड कराया।
जापान के समुद्र में उस वक्त हलचल मच गई, जब चीनी जासूसी जहाज उनकी सीमा में दाखिल हो गया। जापान ने बिना देरी किए अपने लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों को चीनी जहाज के पीछे लगा दिया।
हमास चीफ इस्माइल हानिया उर्फ इस्माइल हनिये की तेहरान में हत्या के बाद इजरायल-ईरान में युद्ध का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में इजरायल की रक्षा करने के लिए अमेरिका ने पूरे पश्चिम एशिया में लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों का बड़ा दस्ता भेज दिया है। इससे ईरान समेत अन्य देश भी टेंशन में आ गए हैं।
AMCA परियोजना को आगे बढ़ाने की मंजूरी एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। ये प्रस्ताव बीते लंबे समय से समिति के पास लंबित पड़ा था। इस फैसले के बाद भारत ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की ओर अपना कदम बढ़ा दिया है।
" चीन की इस गतिविधि से पहले 14 फरवरी को यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख के लिए अमेरिकी नामित एडमिरल सैमुअल पापारो ने चेतावनी दी थी कि चीन जल्द ही ताइवान पर आक्रमण को छिपाने के लिए सैन्य अभ्यास का उपयोग करने की क्षमता हासिल कर सकता है।
ताइवान में चीन विरोधी राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से ड्रैगन बौखला गया है। चीन लगातार ताइवान के आसपास सैन्य गतिविधियों को अंजाम देने में जुटा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार उसने राष्ट्रपति चुनावों के बाद पहली बार सीमा क्षेत्र में इतनी बड़ी चीनी सैन्य गतिविधियां देखी हैं।
इजरायल-हमास युद्ध के बीच अमेरिकी युद्धक विमानों ने सीरिया में बड़ा हवाई हमला किया है। इसमें 9 लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि अमेरिका ने जिस हथियार भंडारण केंद्र पर यह एयरस्ट्राइक की है, वह ईरान से जुड़ा है। ईरान से जुड़े केंद्र पर अमेरिका के हवाई हमले ने तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ा दिया है।
JF-17 Thunder: पाकिस्तान और चीन ने भारत के मिराज-2000 और सुखोई Su-30MKI का मुकाबला करने के लिए जीएफ-17 लड़ाकू विमान बनाए थे। चीन ने पाकिस्तान को ये विमान चेपने से पहले उसकी काफी तारीफ की थी। चीन ने खुद ये दावा किया कि वह विमानों को अपनी वायु सेना में शामिल करेगा।
नई पीढ़ी के युद्धक विमान डिजाइन करने और उनका उत्पादन करने के मामले में अमेरिका की बराबरी करने की कोशिश कर रहा चीन फिलहाल अंकल सैम से कई साल पीछे है।
1999 करगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाने के साथ ही भारतीय वायुसेना में तीन दशक से अधिक समय तक सेवा में रहने वाले लड़ाकू विमान मिग -27 विमान शुक्रवार को आखिरी बार उड़ान भरेंगे।
सरकारी अफसरों का दावा है जिस विमान की डील मोदी सरकार ने की है वो यूपीए सरकार के समय खरीदे जा रहे विमान से ज्यादा असरदार और तकनीकि रुप से ज्यादा बेहतर है क्योंकि अब जिस फाइटर जेट की डील हुई है उसमें METEOR और SCALP जैसी मिसाइलें भी हैं।
अमेरिका ने गुरुवार को दक्षिण कोरिया के लिए 2 बमवर्षकों और 4 लड़ाकू विमानों के रवाना किया।
अब घरेलू विमानन कंपनियां अब 18 साल तक पुराने विमानों का देश में आयात कर सकेंगी। कैंद्र सरकार इस संबंध में दो दशक पुराने नियमों में बदलाव कर रही है।
विमान यूएस-2 को जापान भारत में बनाना चाहता है। जापानी कंपनी शिनमायवा इंडस्ट्रीज ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत में एक प्लांट लगाने की पेशकश की है।
ग्राइपेन लड़ाकू विमान की मैन्युफैक्चरिंग भारत में हो सकती है। साब ने अपनी पांचवी पीढ़ी के ग्राइपेन लड़ाकू विमान भारत में बनाने को तैयार हो गया है।
संपादक की पसंद