फिरोज ने पहली बार 1933 में इंदिरा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था। शुरुआत में इंदिरा और उनकी मां ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। मगर फिरोज, नेहरू परिवार के करीब आ गए, खासकर इंदिरा की मां कमला नेहरू के।
8 सितंबर 1960 को वेलिंगटन अस्पताल में फिरोज गांधी का निधन हुआ था। वह पारसी धर्म से ताल्लुक रखते थे लेकिन उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों से हुआ था। उनके बेटे राजीव गांधी ने उन्हें मुखाग्नि दी थी।
रायबरेली में लोकसभा चुनाव के दौरान एक नाम की चर्चा तेज हो गई है। यह नाम है फिरोज गांधी का। फिरोज गांधी रायबरेली लोकसभा के पहले सांसद थें, जो गांधी परिवार से आते थे। तभी से यह सीट कांग्रेस परिवार का गढ़ मानी जाने लगी। लेकिन राहुल गांधी एंड टीम ने उनके नाम से दूरी बना रखी है।
फिरोज गांधी का जन्म मुंबई के एक पारसी परिवार में हुआ था लेकिन सोशल मीडिया पर लंबे समय तक ये प्रोपेगंडा फैलाया जाता रहा कि फिरोज मुस्लिम थे। स्वीडन के एक मशहूर लेखक बर्टिल फॉक की किताब 'फिरोज द फॉरगॉटेन गांधी' में उनके पारसी होने का प्रमाण मिलता है।
इंदिरा गांधी और फिरोज खान की लव स्टोरी कोई आम लव स्टोरी नहीं थी। कहा जाता है कि इंदिरा गांधी से शादी करने के लिए फिरोज खान ने धर्म परिवर्तन किया और फिरोज गांधी बन गए।
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