सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में ढील से बड़ा निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में गिरावट से उबरते हुए 241 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ।
सरकार ने एफडीआई नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। नए नियम के तहत डिफेंस, एशिवएशन, फूड ई-कॉमर्स में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी मिल गई है।
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) ने लगभग 710 करोड़ रुपए मूल्य के विदेशी निवेश वाले चार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रस्तावों को मंजूरी दी।
सरकार मौजूदा फार्मा कंपनियों में FDI मानदंडों में ढील देने के एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है ताकि ज्यादा विदेशी निवेश आकर्षित किया जा सके।
भारत इस साल ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में 30 विकासशील देशों के बीच 13 पायदान की उछाल लगा कर दूसरे स्थान पर आ गया है। चीन पहले पायदान पर है।
मार्च महीने में 2.46 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया। यह इससे पिछले साल के इसी महीने के 2.11 अरब डॉलर के आंकड़े से 16.5 फीसदी अधिक है।
FDI में किए गए सुधारों और FSSAI द्वारा नियमों को बेहतर बनाए जाने से फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में अगले दो साल में FDI एक अरब डॉलर के पार पहुंचने की उम्मीद है।
भारत को व्यापार के विस्तार तथा बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए जरूरी FDI आकर्षित करने के लिए आर्थिक संचालन व्यवस्था को आधुनिक बनाने की जरूरत है।
भारतीय कंपनियों में आ रहा विदेशी निवेश तेजी से घटा है। भारतीय कंपनियों में विदेशी निवेश अप्रैल में 84 प्रतिशत घटकर 4.11 अरब डालर रह गया है।
बीमा क्षेत्र में इस साल फरवरी तक कम से कम छह निजी बीमा कंपनियों के 2,566 करोड़ रुपए मूल्य के FDI प्रस्तावों को मंजूरी दी।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदे में कथित रिश्वतखोरी को लेकर बढ़ते विवाद के बीच इतालवी कंपनी के भारतीय उद्यम में FDI बढ़ाने पर फैसला टाल दिया।
इस साल अबतक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों में 12,911 करोड़ रुपए का निवेश किया है जबकि 939 करोड़ रुपए बांड बाजार से निकाले।
एफआईपीबी ने 13,030 करोड़ रुपए मूल्य के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्तावों को मंजूर किया है, जिसमें एक्सिस बैंक का प्रस्ताव भी शामिल है।
ब्रिटेन में भारतीय कंपनियों का निवेश 2015 में करीब 65 फीसदी बढ़ा और अमेरिका तथा फ्रांस के बाद भारत इस देश में एफडीआई का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत बना गया है।
भारत इस साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करने में चीन को पीछे छोड़ सकता है। यह बात जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा ने कही है।
2015-16 के 11 महीनों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) का एक नया रिकॉर्ड बना है। इस दौरान भारत में 51 अरब डॉलर का रिकॉर्ड विदेशी निवेश हुआ है।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 2015 में एफडीआई के लिहाज से टॉप डेस्टिनेशन के रूप में चीन को पछाड़ दिया। भारत को 63 अरब डॉलर मूल्य की एफडीआई परियोजनाएं मिलीं।
देश में बीते साल 2015 में FDI का प्रवाह 37 फीसदी बढ़कर 39.32 अरब डॉलर पर पहुंच गया। डीआईपीपी के अनुसार, 2014 में 28.78 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार उन क्षेत्रों को एफडीआई के लिए नहीं खोलेगी जहां स्वरोजगार में लगे भारतीयों की नौकरी पर ही खतरा बन जाए।
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