बजट में बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों में विदेशी निवेश की सीमा में छूट के प्रस्ताव से इनकी वितरण क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि बीमा मध्यस्थों के लिए 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति दी जाएगी और सिंगल ब्रांड रिटेल क्षेत्र में एफडीआई को आसान बनाने के लिए स्थानीय खरीद नियमों में छूट दी जाएगी।
आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले 2017-18 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के जरिये देश में 44.85 अरब डॉलर आए थे।
मंत्रिमंडल ने बैंक खाता खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन के लिए पहचान पत्र के रूप में आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल की अनुमति देने के वास्ते अध्यादेश जारी करने को मंजूरी दे दी।
चालू वित्त वर्ष के नौ महीने में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाले देशों में सिंगापुर शीर्ष पर रहा।
प्रस्ताव के तहत सिंगल ब्रांड वाली रिटेल कंपनियां अगर 20 करोड़ डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लाती हैं, उन्हें दुकान खोलने से पहले ऑनलाइन स्टोर खोलने की मंजूरी दी जा सकती है।
मॉर्गन स्टेनले ने अपनी एक रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा है कि वॉलमार्ट के बाहर निकलने की संभावना है, क्योंकि भारतीय ई-कॉमर्स बाजार अधिक जटिल होता जा रहा है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सबसे अधिक एफडीआई सेवा क्षेत्र में 4.91 अरब डॉलर रहा।
देश के पूंजी बाजार में अक्टूबर में भारी निकासी के बाद नवंबर माह में विदेशी निवेशकों का निवेश तेजी से बढ़ा है। नवंबर में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने करीब 8,285 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू किए गए टैक्स सुधारों के चलते वैश्विक स्तर पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
सरकार बीमा ब्रोकिंग क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने पर विचार कर रही है।
सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमन उदार करेगी ताकि इस क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जा सके।
देश में सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) करने के मामले में मॉरीशस शीर्ष पर रहा है। वित्त वर्ष 2017-18 में देश को कुल 37.36 अरब डॉलर का एफडीआई मिला।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिहाज से भारत अब भी विदेशी निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान बना हुआ है। मजबूत घरेलू खपत से एफडीआई प्रवाह बढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।
देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जून अवधि में 23 प्रतिशत बढ़कर 12.75 अरब डॉलर रहा।
देश के सेवा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2017-18 में करीब 23 प्रतिशत गिरकर 6.7 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष (2016-17) में एफडीआई के जरिये निवेश 8.68 अरब डॉलर था। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) ने यह जानकारी दी।
देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की वृद्धि दर पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है। वर्ष 2017-18 में एफडीआई प्रवाह तीन प्रतिशत की दर से बढ़कर 44.85 अरब डॉलर रहा है। औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 2017-18 में एफडीआई प्रवाह मात्र तीन प्रतिशत बढ़कर 44.85 अरब डॉलर रहा है।
ग्रीनफील्ड यानी नई परियोजनाओं में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल करने के मामले में अमेरिका ने 2017 में भारत को पीछे छोड़ दिया है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
भारतीय बैंकिंग प्रणाली की मजबूती के लिए एक और कदम उठाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक में अतिरिक्त शेयर पूंजी के रूप में 24,000 करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।
देश का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) पिछले साल कम होकर 40 अरब डॉलर पर आ गया। वर्ष 2016 में यह 44 अरब डॉलर रहा था। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है।
संपादक की पसंद