यह साल 2002 के बाद किसी कैलेंडर वर्ष के दौरान विदेशी निवेशकों के द्वारा किया गया सबसे ऊंचा निवेश है। यह इतिहास में पांचवां अवसर है जबकि शेयरों में एफपीआई का शुद्ध निवेश किसी साल में एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर के दौरान भारत को अमेरिका से 7.12 अरब डॉलर का और मॉरीशस से दो अरब डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ। सिंगापुर पहले स्थान पर रहा।
डीपीआईआईटी ने कहा कि विदेशी कंपनियों की आय के पुनर्निवेश को जोड़कर कुल एफडीआई करीब 40 अरब डॉलर रहा।
अप्रैल से अगस्त के बीच भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का कुल प्रवाह बढ़त के साथ 35.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। ये किसी भी वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों के दौरान आया सबसे बड़ा एफडीआई प्रवाह है।
डिपार्टमेंट ने साफ किया कि डिजिटल मीडिया कंपनी के सीईओ और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में आधे से ज्यादा सदस्य भारतीय नागरिक होने चाहिए। वहीं कंपनी को सभी विदेशी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा से जुड़ी आवश्यक अनुमति लेनी होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल 50 प्रतिशत कंपनियों ने 2025 तक भारत को दुनिया का प्रमुख विनिर्माण केंद्र या तीन शीर्ष अर्थव्यवस्था में से एक बन जाने वाला माना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कनाडा में चल रहे इन्वेस्ट इंडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुरुवार (8 अक्टूबर) को कहा कि भारत की स्थति आज मजबूत है कल और मजबूत होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में स्वत: मार्ग के जरिये रक्षा विनिर्माण में 74 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने की घोषणा की थी।
भारत द्वारा चीन में निवेश पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में अभी तक 2.75 करोड़ डॉलर का निवेश किया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा विनिर्माण में 74 प्रतिशत FDI तक की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। हमारा उद्देश्य है नई तकनीक का भारत में ही विकास हो। प्राइवेट सेक्टर का इस विशेष क्षेत्र में अधिक विस्तार हो।
यूएसआईएसपीएफ भारत में अमेरिकी की ओर से बड़ी एफडीआई पर नजर रखता है।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत रक्षा क्षेत्र में FDI नियमों में नरमी का हुआ था ऐलान
2018 में भारतीय परियोजनाओं की संख्या 106 थी और इससे 4,858 रोजगार पैदा हुए थे। वहीं 2019 में परियोजनाओं की संख्या बढ़कर 120 हो गई
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में दुनियाभर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 40 प्रतिशत तक गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है।
सरकार के मुताबिक 100% FDI की अनुमति से मिला फायदा
निर्माण क्षेत्र ने दो अरब डॉलर और रसायन क्षेत्र ने एक अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया।
सरकार ने ऑटोमैटिक रूट से FDI की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करने का ऐलान किया है
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत को कोरोना वायरस महामारी के बीच चीन के लिए विश्व की ‘घृणा’ को बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश आकर्षित करके अपने लिए आर्थिक अवसर के रूप में देखना चाहिए।
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि कुछ खास देशों से प्रत्यक्ष विदेश निवेश के लिए भारत के नए नियम डब्ल्यूटीओ के गैर-भेदभाव वाले सिद्धांन्त का उल्लंघन करते हैं और मुक्त व्यापार की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ हैं।
2019-20 में दिसंबर तक सबसे ज्यादा विदेशी निवेश सेवा क्षेत्र में आया है।
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