अगस्त 2019 में, सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। रैली को संबोधित करते हुए, अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए उनके द्वारा की जा रही वकालत का भी बचाव किया।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद नहीं रुक सकता।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, हमें हिंदुओं और मुसलमानों के बीच खड़ी की जा रही नफरत की दीवार को गिराना है।
जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ दिनों के दौरान आतंकियों द्वारा कई आम नागरिकों की हत्या किए जाने के मामले सामने आए हैं। ऐसे में अब हत्याओं को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने दुख जताया है। इसके साथ ही उन्होंने इन हत्याओं के पीछे कश्मीर को बदनाम करने की साजिश की बात भी कही है।
कौर की हत्या पर दुख जताते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि 1990 के दशक में जब कई लोग डर की वजह से घाटी छोड़कर चले गये थे तब सिख समुदाय ने कश्मीर को नहीं छोड़ा।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारुख अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान में तालिबान एक अच्छी हुकूमत चलाएंगे और लोगों से इंसाफ करेंगे। उन्होंने कहा कि तालिबान को सभी के साथ दोस्ताना रिश्ते बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने के लिए संघर्ष की खातिर प्रतिबद्ध है।
फारुक अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान में तालिबान एक अच्छी हुकूमत चलाएंगे और लोगों से इंसाफ करेंगे।
कश्मीर के नेता फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने तालिबान की तारीफ की है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि उन्हें तालिबान से अच्छी सरकार की उम्मीद है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "ये पंचायत सदस्य उग्रवादियों के निशाने पर हैं और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की आवश्यकता है। अवास्तविक दुनिया में मत रहिए और ऐसा मत सोचिए कि सब ठीक-ठाक है।
पीआरआई मजबूत करने के लिए संसदीय सम्पर्क कार्यक्रम में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत विविधतओं वाला देश है, केवल एक धर्म राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकता।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के एक महीने बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि जमीनी स्तर पर “उसके बाद कोई परिणाम” नहीं दिखे हैं।
जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 के बाद बहुत मुश्किलों में हैं। वे गुस्से में हैं, परेशान हैं और भावनात्मक रूप से टूट चुके हैं। वे अपमानित महसूस करते हैं। महबूबा मुफ्ती ने पीएम मोदी की जम्मू-कश्मीर सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बाद कहा कि मैंने पीएम से कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग जिस तरह से असंवैधानिक, अवैध और अनैतिक रूप से अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था, उसे स्वीकार नहीं करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने दिल्ली आवास पर जम्मू और कश्मीर के शीर्ष राजनीतिक नेताओं के साथ बातचीत की, 2019 में इस क्षेत्र की विशेष स्थिति को समाप्त करने के बाद इस तरह की यह पहली बैठक |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों की बैठक नई दिल्ली में उनके आधिकारिक आवास पर चल रही है। जम्मू-कश्मीर में भविष्य की राजनीतिक कार्रवाई को चाक-चौबंद करने के लिए चार पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित 14 नेताओं के साथ यह एक महत्वपूर्ण बैठक है।
जम्मू-कश्मीर के आठ राजनीतिक दलों के नेता, जिनमें से कई अगस्त 2019 में राज्य के विभाजन के बाद से महीनों तक हिरासत में रहे बैठक में हिस्सा लिया | इस दौरान अमित शाह, मनोज सिन्हा आदि नेता मौजूद रहे |
जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद आज पहली बार केन्द्र और जम्मू कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बीच बातचीत हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हो रही इस बातचीत में जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 14 नेता शामिल हो रहे हैं। ये बैठक आज दोपहर बाद 3 बजे पीएम आवास पर होगी।
जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के साथ स्थानीय नेताओं के साथ होने वाली बैठक 3 बजे शुरू होगी और इस बैठक के लिए भारत सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं को आमंत्रित किया गया है। जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री यानि फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली 3 दलों की बैठक से पहले कांग्रेस पार्टी ने अपना रुख साफ कर दिया है। जम्मू कश्मीर की कांग्रेस पार्टी की इकाई के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर के लोग कम से कम राज्य का दर्जा चाहते हैं और कांग्रेस पार्टी बैठक में इससे कम पर नहीं मानेगी। गुलाम अहमद मीर कांग्रेस पार्टी के उन 3 नेताओं में शामिल हैं जिन्हें केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के लिए निमंत्रण भेजा हुआ है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद भी इस बैठक में शामिल होंगे।
370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर की राजनीति में बदलाव हुआ है और वहां पर विकास तेज गति से आगे बढ़ा है। खासकर पिछले एक साल में जम्मू-कश्मीर में कई ऐसे सकारात्मक बदलाव हुए हैं जिस वजह से वहां अलग सुर में बात करने वाले नेताओं को भी केंद्र के साथ बातचीत के लिए बाध्य होना पड़ा है
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