सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में यूरिया का आयात इससे पिछले साल के 91.36 लाख टन से घटकर 75.8 लाख टन रह गया। भारत को सालाना करीब 350 लाख टन यूरिया की जरूरत होती है। मांडविया ने कहा कि स्थापित घरेलू उत्पादन क्षमता 2014-15 में 225 लाख टन से बढ़कर करीब 310 लाख टन हो गई है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असुविधा होने पर वाहन चालक हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं और उन्होंने असुविधा से बचने के लिए वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करने की अपील की।
चंद ने कहा कि अगर व्यापारियों को बिना मांग और आपूर्ति के समर्थन वाली कीमत पर गेहूं या चावल खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है, तो खरीदारी नहीं होगी। चंद ने कहा कि जब सरकार किसी चीज (गेहूं या चावल) को फिर से उस कीमत पर खरीदती है जो मांग और आपूर्ति पर आधारित नहीं है, तो इसका आर्थिक प्रभाव होता है।
झांसी में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। सीएम योगी के आदेश के बाद अधिकारी सर्वेक्षण के लिए तो पहुंचे लेकिन किसानों के फसल के कुल नुकसान का सिर्फ 32 से 33% ही देने की बात कर रहे हैं।
पुलिस ने कहा कि रेलवे, मेट्रो स्टेशनों और बस अड्डों पर अतिरिक्त पुलिस व अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है क्योंकि किसानों के ट्रेन व बस जैसे सार्वजनिक परिवहनों से आने की भी उम्मीद है।
कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र को अंतिम रूप दे दिया है। पार्टी अपने घोषणा पत्र में युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए कुछ खासे वादे कर सकती है।
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में इस वक्त अफीम की खेती अपने चरम पर है और यहां डोडा से अफीम निकालने का काम चल रहा है। लेकिन इस बीच किसानों को अफीमची तोतों ने खासा परेशान कर रखा है, जो खेत में से अफीम चुराकर खा जाते हैं।
सरकार ने निर्देश दिया है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। इसकी तैयारी भी कर ली गई है। किसी भी विषम परिस्थितियों के लिए विभाग ने टोल फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है।
खाद्य सचिव ने हाल में कहा था कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों के आंदोलन से खरीद परिचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। आमतौर पर गेहूं की खरीद अप्रैल से मार्च तक की जाती है। हालांकि, इस साल केंद्र ने बाजार में फसल की आवक के हिसाब से राज्यों को गेहूं खरीद की अनुमति दी है।
किसानों की समस्याओं का समाधान बातचीत से ही निकलेगा, मेज पर बैठकर निकलेगा। दोनों पक्षों को इसी दिशा में काम करना चाहिए। आज तक किसी भी समस्या का हल टकराव से नहीं निकला।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, शंभू बॉर्डर पर अभी किसानो की संख्या 10 से 12 हजार के बीच है। शंभू बॉर्डर पर 25 हजार किसानों को रोकने के लिए पुलिस और पैरामिल्ट्री फोर्स ने पूरे इंतजाम कर लिए हैं।
दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे कम से कम 50 किसानों को गुरूग्राम पुलिस ने मानेसर में हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को दो बसों से मानेसर पुलिस लाइंस ले जाया गया।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि सरकार चाहे तो रातों रात अध्यादेश को लाकर एमएसपी को कानूनी गारंटी दे सकती है।
चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों की तीसरे राउंड की बैठक जारी है। यह दोनों पक्षों के बीच तीसरे चरण की वार्ता है। केंद्रीय मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान अलग-अलग 17 किसान संगठनों के नेताओं को लगातार समझा रहे हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आंदोलन कर रहे किसानों के तरीकों पर नाखुशी जताते हुए कहा कि वे दिल्ली की तरफ ऐसे बढ़ रहे हैं जैसे आक्रमण करने जा रहे हैं।
किसान आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने सेफ्टी बैरियर उखाड़ दिए हैं और उन्हें फ्लाईओवर से नीचे फेंक दिया है। पुलिस पानी की बौछार समेत तमाम तरीकों से किसानों को रोकने की कोशिश कर रही है।
किसानों के 'दिल्ली मार्च' को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने पूरे राज्य में धारा-144 लागू करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश अगले एक महीने के लिए जारी किए गए हैं।
किसानों ने अपनी मांगों को मंगवाने के लिए दिल्ली में आंदोलन करने का ऐलान किया है। पिछली बार की तरह इस बार भी किसानों की कई मांगें हैं, जिसमें MSP को कानून बनाना सबसे प्रमुख मांग है।
बता दें कि गुरुवार को किसान संगठनों के मार्च को देखते हुए नोएडा में पुलिस ने धारा-144 लागू कर दी थी। इसके साथ ही जिले की सभी सीमाएं भी अगले 24 घंटे के लिए सील कर दी गई थी। हालांकि, किसान संगठनों ने दिल्ली-नोएडा रूट से हटने का ऐलान कर दिया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता ने आरोप लगाया कि जब किसानों ने अब निरस्त किये जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, तब केंद्र ने एमएसपी को कानूनी गारंटी देने का वादा किया था, लेकिन कॉरपोरेट क्षेत्र के दबाव के कारण सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है।
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