किसानों ने तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन तेज करते हुए शनिवार को हरियाणा में कुछ स्थानों पर कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे बाधित कर दिया। बहरहाल, इस दौरान एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को आवाजाही करने दी जा रही है।
कृषि कानून के खिलाफ हो रहे किसान आंदोलन को 134 दिन हो चुके हैं और दिल्ली में धरना दे रहे किसानों की संख्या घटती जा रही है।
सोनीपत पुलिस ने संयुक्ता किसान मोर्चा द्वारा कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी)- कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे (केएमपी) पर जाम के मद्देनजर किसी भी अप्रिय परिस्थितियों/भीड़ से बचने और जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यातायात मार्गों में बदलाव करते हुए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है।
हरियाणा के जींद में रविवार को होने वाली किसान महापंचायत से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान ससंद तक पैदल मार्च करेंगे।
किसान आंदोलन और देश में गहराते कोरोना के कहर के बावजूद रबी फसलों की कटाई और जायद सीजन की फसलों की बुवाई निर्बाध तरीके से चल रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने विधायक को कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंचने दिया और उनके वाहन पर काला रंग पोत दिया।
जनता दल (सेक्युलर) के नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत का समर्थन किया है।
राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच सकता है और हम कहीं पर भी बेच कर दिखाएंगे।
होली से ठीक पहले छत्तीसगढ़ के किसानों को बड़ा तोहफा मिला है। राज्य सरकार ने राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किस्त किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दी है।
रबी की अच्छी फसल की वजह से उत्पादक और उपभोक्ता दोनों क्षेत्रों में आलू के दाम 50 प्रतिशत घटकर 5-6 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गए हैं। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए शनिवार को दावा किया, ‘‘भाजपा सरकार ने दिल्ली में खुद हिंसा कराई और बदनाम किसानों को कर दिया। लाल किले पर झंडा फहराने वालों के फोटो भाजपा नेताओं के साथ में होना इस बात का प्रमाण है।’’
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक टेंट में शनिवार सुबह 10 बजे अचानक आग लग गई।
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे किसानों के एक समूह ने 169 दिनों के बाद गुरुवार को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।
किसान यूनियनों ने केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मार्च को अपने आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर भारत बंद का आह्वान किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जो लोग विदेश की जूठन पर पल रहे हैं वे किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर चला रहे हैं।
प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना को सितंबर 2019 में लॉन्च किया गया था और इसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2021-22 तक लगभग 5 करोड़ लाभार्थियों को शामिल करना था।
पंजाब में अमरिन्दर सिंह की अगुवाई वाली सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिये 1,68,015 करोड़ रुपये का अपना अंतिम बजट पेश किया। इसमें कृषि, शहरी विकास, जल संसाधन, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों के लिये बड़ी राशि का प्रावधान किया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के हितों की रक्षा का भरोसा दिलाते हुए शनिवार को दावा किया कि नये कृषि कानून उनकी आय दोगुनी करने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं और इससे कृषकों की आय में निरंतर वृद्धि होगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएम किसान योजना के लाभार्थियों की मृत्यु होने के पश्चात उनके वैधानिक उत्तराधिकारियों को योजना का लाभ दिए जाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
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