प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा, संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सरकार के प्रस्ताव पर कई घंटों तक चर्चा हुई।
खुद राकेश टिकैत ने कबूल किया है कि चिट्ठी मिली है। राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी से फोन पर बताया कि सरकार से चिट्टी आई है।
कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब किसान भी अपने वापस लौटने को पूरी तरह तैयार हैं। 4 दिसंबर को किसानों की बैठक के बाद पांच ऐसे किसान नेता चुने गए जो सरकार से बातचीत करेंगे। इन्हीं में से एक हैं किसान नेता युद्धवीर सिंह जिन्होंने इंडिया टीवी से ख़ास बातचीत की और कृषि कानूनों की वापस से लेकर किसानों आंदोलन के अंत जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की।
किसान आंदोलन ख़त्म हो रहा है। बातचीत शुरु हो रही है। अब किसान और मोदी सरकार एक लाइन पर दिख रही है। 7 दिसम्बर को Good न्यूज़ आ सकती है। किसान वापस जा सकते हैं। किसानों के खेमे से ख़बर आ रही है। कि अब ना तो मोदी के खिलाफ..न सरकार के खिलाफ और न बीजेपी के खिलाफ कोई रैली निकलेगी। और न कोई विरोध प्रदर्शन होगा। राहुल को इसकी भनक लग गई है। इसलिए वो अभी भी किसानों के बहाने मोदी मोदी कर रहे हैं।
आज संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बहुत बड़ी बैठक हुई। 40 से ज्यादा किसान संगठन इसमें शामिल हुए। सरकार से बात करने के लिए 5 लोगों की किसान कमेटी बनाने का फैसला हुआ। इसमें बड़ी बात ये कि किसान नेता राकेश टिकैत का नाम इस कमेटी में नहीं है| देखिए मुक़ाबला मीनाक्षी जोशी के साथ।
सिंघु बॉर्डर पर चल रही संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक खत्म हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने MSP पर सरकार से बातचीत के लिए बनाई जाने वाली कमेटी के लिए 5 लोगों के नाम तय कर दिए हैं। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक आगामी 7 दिसंबर को होगी।
सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में शामिल हिम्मत सिंह गुर्जर ने दावा किया कि आगामी 7 दिसंबर की बैठक में आंदोलन की वापसी का ऐलान हो सकता है। हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा कि मुआवजे पर गृह मंत्रालय से बात हो गई है। पंजाब मॉडल पर मृतक किसानों के परिवार को मुआवजा मिलेगा।
सिंघु बॉर्डर पर चल रही संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक खत्म हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने MSP पर सरकार से बातचीत के लिए बनाई जाने वाली कमेटी के लिए 5 लोगों के नाम तय कर दिए हैं। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक आगामी 7 दिसंबर को होगी।
अलग-अलग किसान नेता अलग-अलग बात कर रहे हैं। राकेश टिकैत का कहना है कि जब तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बन जाता है तब तक किसान धरना स्थल से नहीं हटेंगे।
केंद्र ने एमएसपी एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए मंगलवार को एसकेएम से पांच नाम मांगे थे। हालांकि बाद में एसकेएम ने एक बयान में कहा था कि उसके नेताओं को केंद्र से इस मुद्दे पर फोन आये थे लेकिन कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है।
कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब किसानों के आंदोलन को लेकर गहमागहमी बनी हुई है। भले ही पंजाब के कुछ किसानों ने ये कह दिया है कि आंदोलन अब ख़त्म होना चाहिए लेकिन आंदोलन के भविष्य को लेकर 4 दिसंबर को किसान एक बड़ी बैठक करने वाले हैं। लेकिन किसान नेताओं को सरकार से MSP पर लिखित गारंटी की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "अगर सरकार हमारी इन सभी मागों के बारे में संतुष्ट करती है तो यहां से जाने के बारे में सोच सकते हैं।"
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक तय कार्यक्रम के मुताबिक 4 दिसंबर को होगी। आज केवल पंजाब के 32 किसान संगठनों की बैठक होगी।
एक वर्ष से लंबे समय से चल रहा किसान आंदोलन अब शायद खत्म हो जाए और बॉर्डर पर डटे किसान अपने अपने घर वापस चले जाए। सरकार और किसान के बीच चल रही बातचीत से तो यही लग रहा है। इस सब पर इंडिया टीवी ने राकेश टिकैत से बातचीत की।
पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से चला आ रहा किसानों का आंदोलन जल्द ही समाप्त हो सकता है। किसान नेता सतनाम सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं, और हम 4 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने का फैसला ले सकते हैं। बता दें कि सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से MSP मामले पर चर्चा के लिए 5 नाम मांगे हैं। सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर 32 जत्थेबंदियों की बैठक खत्म हो गई है, जिसके बाद किसान नेता सतनाम सिंह का यह बयान सामने आया है।
पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से चला आ रहा किसानों का आंदोलन जल्द ही समाप्त हो सकता है। किसान नेता सतनाम सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं, और हम 4 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने का फैसला ले सकते हैं।
SKM ने एक बयान में कहा था कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना किसान आंदोलन की पहली बड़ी जीत है लेकिन अन्य अहम मांगें अब भी लंबित हैं।
जहां एक ओर राकेश टिकैत ने अपने कई बयानों से ये साफ़ कर दिया है कि किसान आंदोलन तब तक ख़त्म नहीं होगा जब तक MSP पर फैसला नहीं आ जाता, तो वहीं कई किसान नेता ऐसे भी है जो आंदोलन को ख़त्म करना चाहते हैं। किसान नेता मंजीत सिंह राय भी किसान आंदोलन को वापस लेने के पक्ष में हैं। सुनिए उन्होंने कल क्या कहा था।
कल संसद के दोनों सदनों से किसान कानून वापसी बिल पास हो गया। इसे लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने 1 दिसंबर, यानी परसों इमरजेंसी बैठक बुलाई है। पंजाब के 32 किसान संगठनों की कल बैठक है और ज़्यादातर किसानों का यह मत है अब आंदोलन ख़त्म होना चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने सोमवार को कहा कि तीनों कृषि कानून रद्द हो चुके हैं, लोग बड़े होते हैं, हुकूमत नहीं। हमने 1 तारीख को SKM की मीटिंग बुलाई है, ये इमरजेंसी मीटिंग है।
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