कृषि क्षेत्र में सुधारों को महत्वपूर्ण बताते हुए नीति आयोग के सदस्य-कृषि रमेश चंद ने रविवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करना किसानों को अधिक मूल्य दिलाने के प्रयासों के लिए एक झटका है।
बंधक बनाए गए अधिकारियों में एक नायब तहसीलदार और कुछ पटवारी शामिल थे। ये किसान पिंक बॉलवर्म प्रजाति के कीटों से कपास की फसल को हुए नुकसान को लेकर मुआवजे की मांग कर रहे थे।
सरकार देश के किसानों को अभी तक 10 किस्तों में पैसे दे चुकी है। 11वीं किस्त अप्रैल के पहले हफ्ते में जारी हो सकती है। किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे जरूरी अपनी ई-केवाईसी करवाना आवश्यक है।
बैठक में लखीमपुर खीरी कांड में चल रही कानूनी प्रक्रिया की समीक्षा कर इस बात पर चिंता जताई गई पुलिस प्रशासन और अभियोक्ता सब मिलकर अपराधियों को बचाने और बेकसूर किसानों को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।
सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान खुद को ताकतवर बनाएं, लेकिन यह तभी संभव है, जब दिल्ली में लाल किले पर खुद का झंडा फहराओगे। खापों की ओर से उन्हें पगड़ी और भाईचारे की मिसाल हुक्का भेंट किया गया।
राकेश टिकैत ने लोगों से एक दिन पहले बिस्तर के साथ पहुंचने के लिए कहा क्योंकि उन्हें 10 मार्च को वहां जाने की अनुमति नहीं होगी।
प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि किसान मुआवजे के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी का इंतजार कर रहे हैं जबकि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने दोनों पर ही कदम नहीं बढ़ाया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने दीप सिद्धू के निधन पर दुख जताया है।
टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने, फसल बीमा योजना, फसल खरीद योजना और कृषि अवसंरचना कोष के लिए आवंटन को घटा दिया है।
दरअसल दिल्ली की सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसानों ने केंद्र सरकार के कृषि कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हासिल करने और अन्य किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक लंबा आंदोलन चलाया था।
तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले के बाद आंदोलन बंद होने के बाद, एसकेएम ने घोषणा की थी कि अगर सरकार उनकी अन्य मांगों को पूरा करने में विफल रहती है, तो आंदोलन फिर से शुरू हो सकता है,
आगामी बजट में केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि में मिलने वाली सालाना 6 हजार रुपये की राशि को बढ़ा कर 8000 रुपये कर सकती है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि लखीमपुर खीरी में जो घटना हुई थी, हम 21 तारीख से वहां पर 3-4 दिन के लिए जाएंगे। वहां पर पीड़ितों से मुलाक़ात करेंगे। जो किसान जेल में है, हम उनसे भी मिलेंगे।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक यह व्यवस्था चालू माह से ही लागू होगी और इससे राज्य के 13 लाख किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि बिजली के बिल में छूट की इस नई व्यवस्था से उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड पर लगभग 1000 करोड रुपए प्रति वर्ष का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
सबसे पहले नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने 26 जनवरी 2021 को लाल किला पर जमकर उत्पात किया। 26 जनवरी 2021 को किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा में एक किसान की मौत भी हुई। वहीं कुछ युवकों ने लालकिले पर तिरंगे के बराबर निशान साहिब को फहरा दिया गया।
तीनों कानूनों के खिलाफ यूं तो आंदोलन की शुरुआत 2020 में हो गई थी। वर्ष 2021 से पहले ही किसान दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाल चुके थे। सरकार की ओर से भी बातचीत की पहल चल रही थी।
किसान संगठनों ने 'संयुक्त समाज मोर्चा' नाम से चुनावी संगठन चंडीगढ़ में लॉन्च कर दिया है। 22 किसान संगठनों ने मिलकर 'संयुक्त समाज मोर्चा' बनाया है।
पीएम मोदी ने देश के किसानों से वर्चुअल बात की। इस दौरान तकरीबन 8 करोड़ किसान किसी न किसी माध्यम से पीएम के साथ जुड़े। पीएम मोदी ने किसानों को प्राकृतिक खेती करने के फायदे बताए।
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