हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आंदोलन कर रहे किसानों के तरीकों पर नाखुशी जताते हुए कहा कि वे दिल्ली की तरफ ऐसे बढ़ रहे हैं जैसे आक्रमण करने जा रहे हैं।
किसान आंदोलन के बीच एक किसान नेता के बयान ने खलबली मचा दी है। इस बयान के सामने आने के बाद अब लोग किसान आंदोलन के पीछे के मंसूबे से इसे जोड़ने लगे हैं। दरअसल एक किसान नेता ने पीएम मोदी को लेकर बयान दिया है।
किसान अपनी मांगों को लेकर राजधानी दिल्ली को घेर चुके हैं। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का भारी जमवड़ा है। लोकसभा चुनावो से ठीक पहले किसानों के इस आंदोलन पर इंडिया टीवी ने एक पोल किया जिसके नतीजे चौंकाने वाले रहे।
ममता बनर्जी 21 फरवरी को पंजाब का दौरा करेंगी। अपने दौरे के दौरान वह अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगी। इसके अलावा दिल्ली व पंजाब के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान से मुलाकात कर सकती हैं।
दिल्ली मेट्रो में 13 फरवरी को 71.09 लाख दैनिक यात्रियों ने सफर किया जो अब तक का एक रिकार्ड है। यह उस दिन का रिकॉर्ड है जब दिल्ली तक किसानों के मार्च के चलते भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एनसीआर क्षेत्र में ट्रैफिक जाम देखा गया।
किसान आंदोलन के दूसरे दिन शंभू बॉर्डर आज भी जंग का मैदान बना रहा...किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच रुक-रुककर झड़प होती रही....आज भी किसानों की तरफ से पत्थर और पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़े गए..
Muqabla: आंदोलन से किसको नफा...किसको नुकसान?
किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। किसानों और सरकार के बीच बैठक गुरुवार शाम को होगी। ये बैठक गुरुवार शाम को 5 बजे चंडीगढ़ में होगी। किसानों को केंद्र सरकार से बातचीत के बुलावे की चिट्ठी मिली है।
शंभू बॉर्डर पर दो हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। पुलिस के साथ साथ पैरामिलिट्री फोर्सेज को भी तैनात किया गया है। हालांकि सरकार ने किसान नेताओं से दो दौर की बात की है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर गए हैं। वे दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे, उन्हें रोकने की तैयारी की गई है लेकिन किसान अपनी जिद पर अड़े हैं। किसानों ने कब-कब अपनी आवाज उठाई है, जानते हैं प्रमुख किसान आंदोलनों के बारे में-
किसान दिल्ली में एंट्री के लिए आमादा हैं। वहीं, पुलिस उन्हें रोकने के प्रयास में जुटी है। इस दौरान किसान और पुलिस के बीच मंगलवार को हिंसक झड़प भी हुई। पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें की।
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किसानों के आंदोलन की वजह से पूरी दिल्ली किला बनी हुई हैं... राजधानी के हर एंट्री प्वाइंट पर 8 से 12 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है... दिल्ली से करीब 16 किलोमीटर दूर हरियाणा के बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर भी पूरी तरह सील है,.. क्योंकि यहां से भी किसान दिल्ली में घुस सकते हैं... दिल्ली से करीब 26 किलोमीट
किसानों के दिल्ली कूच के बीच भारी ट्रैफिक के चलते राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग हिस्से में लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ रही है।
शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने 'दिल्ली चलो' मार्च पर निकले किसानों को समर्थन दिया। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों की मांग को मानने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान को किसानों के लिए किए उनके वादे को याद दिलाया।
देश में एक बार फिर किसान आंदोलन की राह पर उतर चुके हैं...दिल्ली में दाखिल होने का दंगल छिड़ा है...देश की राजधानी चारो तरफ से सील हो चुकी है...किसान आंदोलन 2.0 का धुआं गुबार बनता दिख रहा है....ये बातें मैं नहीं बल्कि तस्वीरें बयां कर रही हैं.
देश में एक बार फिर किसान आंदोलन की राह पर उतर चुके हैं...दिल्ली में दाखिल होने का दंगल छिड़ा है...देश की राजधानी चारो तरफ से सील हो चुकी है...किसान आंदोलन 2.0 का धुआं गुबार बनता दिख रहा है....ये बातें मैं नहीं बल्कि तस्वीरें बयां कर रही हैं.
देश के 200 किसान संगठनों ने दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। इसे लेकर सभी सीमाओं पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने कई रूट को डायवर्ट भी किया है।
किसान आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने सेफ्टी बैरियर उखाड़ दिए हैं और उन्हें फ्लाईओवर से नीचे फेंक दिया है। पुलिस पानी की बौछार समेत तमाम तरीकों से किसानों को रोकने की कोशिश कर रही है।
हरियाणा और पंजाब से भारी मात्रा में किसानों का दल दिल्ली के लिए निकल चुका है। ऐसे में जहां किसानों को सीमाओं पर ही रोकने की कोशिश की जा रही है तो वहीं दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में लाल किले को भी अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है।
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