चंडीगढ़ में चौथे दौर की बातचीत में सरकार ने 4 फसलों पर 5 साल तक MSP गारंटी का प्रस्ताव दिया है...सरकार ने किसान संगठनों को प्रस्ताव दिया है कि सरकारी की एजेंसी NCCF और NAFED किसानों से दाल, मक्का, और कपास की खरीद करेंगी.
दिल्ली में आज से बीजेपी का राष्ट्रीय अधिवेशन... भारत मंडपम में सुबह साढ़े 9 बजे पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों और प्रवक्ताओं की बैठक
Super 100: पंजाब में किसानों का रेल रोको आंदोलन, ऐसी ही 100 बड़ी खबरें देखें
किसानों के संग्राम-2.0 का आज दूसरा दिन है...ना बवाल थमा है...ना हंगामा कम हुआ...ना प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों की जिद खत्म हुई है...किसानों ने ऐलान कर दिया है कि वो आज किसी भी कीमत पर दिल्ली में दाखिल होकर ही रहेंगे...चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े..
पीएम मोदी ने देश के किसानों से वर्चुअल बात की। इस दौरान तकरीबन 8 करोड़ किसान किसी न किसी माध्यम से पीएम के साथ जुड़े। पीएम मोदी ने किसानों को प्राकृतिक खेती करने के फायदे बताए।
380 दिनों से इस घड़ी का इंतज़ार दिल्ली को भी था, हरियाणा को भी था, पंजाब को भी था और यूपी को भी था। प्रधानमंत्री भी इस दिन का इंतज़ार कर रहे थे और कम से कम 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी इसका इंतज़ार था। जो तस्वीर आप देख रहे हैं वो सच हो रहा है। किसान बॉर्डर से लौटने लगे हैं. अगले 48 से 72 घंटे में दिल्ली के सारे बॉर्डर पूरी तरह खुल जाएंगे।
किसान आंदोलन ख़त्म हो रहा है। बातचीत शुरु हो रही है। अब किसान और मोदी सरकार एक लाइन पर दिख रही है। 7 दिसम्बर को Good न्यूज़ आ सकती है। किसान वापस जा सकते हैं। किसानों के खेमे से ख़बर आ रही है। कि अब ना तो मोदी के खिलाफ..न सरकार के खिलाफ और न बीजेपी के खिलाफ कोई रैली निकलेगी। और न कोई विरोध प्रदर्शन होगा। राहुल को इसकी भनक लग गई है। इसलिए वो अभी भी किसानों के बहाने मोदी मोदी कर रहे हैं।
कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब किसानों के आंदोलन को लेकर गहमागहमी बनी हुई है। भले ही पंजाब के कुछ किसानों ने ये कह दिया है कि आंदोलन अब ख़त्म होना चाहिए लेकिन आंदोलन के भविष्य को लेकर 4 दिसंबर को किसान एक बड़ी बैठक करने वाले हैं। लेकिन किसान नेताओं को सरकार से MSP पर लिखित गारंटी की मांग कर रहे हैं।
कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसान घर वापसी के लिए तैयार नहीं हैं। किसान फिलहाल दिल्ली के बॉर्डर्स से नहीं हटेंगे। आज सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी। क्या है किसानों का नया प्लान? देखिए मुक़ाबला सुरभि शर्मा के साथ।
दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर के पास गाजीपुर में किसानों के आंदोलन स्थल से दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड्स को हटाना शुरू कर दिया है। केन्द्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की 26 जनवरी को दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हुई हिंसा के बाद, पुलिस ने वहां लोहे तथा सीमेंट के बैरिकेड्सऔर कांटेदार तार लगा दिए थे। उधर, टिकरी बॉर्डर से भी बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं।
अखिलेश ने योगी से लेकर मोदी सरकार पर चुन-चुनकर निशाना साधा. महंगाई पर केंद्र सरकार को घेरते हुए अखिलेश ने कहा कि महंगाई बेतहाशा बढ़ गई है, अखिलेश ने पेट्रोल और एलपीजी सिलेंडर की रोज बढ़ती कीमतों पर सरकार से जवाब मांगा।
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से कहा था कि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के कई राजनीतिक दलों और पश्चिम बंगाल के एक प्रमुख दल (तृणमूल कांग्रेस) के नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दी है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं को अनुमति नहीं दी जा रही है। वेणुगोपाल ने कहा था कि कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को भी दौरा करने की अनुमति दी जाए। लखनऊ में कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी के लखनऊ पहुंचने से जुड़ी सारी तैयारियां की जा रही हैं।
यूपी के लखीमपुर खीरी में आज होगा मारे गए किसानों का अंतिम संस्कार,कल पोस्टमार्टम के बाद सौंपे गए शव साथ ही अब लखीमपुर खीरी में सामान्य हो रहे हैं हालात लेकिन धारा 144 अब भी लागू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों और केंद्र की सियासत में अपने 20 साल पूरे करने वाले हैं। जहां एक ओर किसानों का मुद्दा हर जगह उठाया जा रहा है, वहीं PM मोदी ही एक मात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने किसानों के लिए कई योजनाएं लाए हैं। देखिए हक़ीक़त क्या है का यह एपिसोड।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कल हुई घटना के बाद तनाव है। प्रशासन ने पूरे जिले में धारा 144 लगा रखी है, वहां किसी को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। प्रशासन की मनाही के बावजूद लखीमपुर खीरी जाने के निकलीं प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। प्रियंका गांधी को लखीमपुर खीरी जाते वक्त हरगांव से हिरासत में लिया गया।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी आज पीएम मोदी से उनके आवास पर मिले। इस बैठक के बाद चन्नी ने मीडिया से बात की और बताया कि मीटिंग किसानों के मुद्दे पर बात हुई।
देश के कई हिस्सों में किसानों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' का असर का असर दिखाई दे रहा है। देश के कई हिस्सों में किसानों ने यातायात को अवरुद्ध करने के लिए सड़कों पर कब्जा कर लिया है, वहीं कुछ प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर भी कब्जा जमाए बैठे हुए हैं।
कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने आज 'भारत बंद' की अपील की है। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए इस भारत बंद का सबसे असर पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा भाजपा के विरोधी दलों द्वारा शासित कई अन्य राज्यों में दिखाई दे सकता है।
आज करनाल में किसान आंदोलन का तीसरा दिन है। किसानों का प्रदर्शन जारी है। उनकी मांग है कि 28 अगस्त को लाठीचार्ज का ऑर्डर देने वाले IAS अधिकारी आयुष सिन्हा को ससपेंड कर दिया जाए।
अब दिल्ली बॉर्डर की तरह ही किसान अनिश्चितकाल के लिए हरयाणा के करनाल में भी धरने पर बैठ चुके हैं। उन्होंने खट्टर सरकार से अपनी मांगों को पूरी करने की मांग की है।
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