भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के मुखिया एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर किसान आंदोलन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पहली बार किसानों के आंदोलन पर अपना बयान जारी किया है। उन्होंने किसानों को बातचीत का प्रस्ताव देते हुए कहा कि सरकार उनकी हर समस्या पर बातचीत करने के लिए तैयार है।
संसद में केंद्र सरकार द्वारा कृषि से जुड़े तीन विधेयक पास करने का लगातार विरोध हो रहा है। विरोधी राजनीति दलों समेत कई किसान संगठन इसका विरोध कर रहे है। 25 सितंबर को इसी सिलसिले में किसान संगठनों द्वारा पूरे देश में बंद का आह्वान किया गया है। किसान संगठन विभिन्न राज्यों में सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चक्का जाम करेंगे। किसानों के आह्वान को देखते हुए राजधानी दिल्ली की सीमा पर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है।
व्यापारियों का कहना है कि आपूर्ति में कमी के चलते सब्जियों एवं अन्य खाद्य पदार्थों के भाव बढ़ गये हैं।
किसान आंदोलन का आज दूसरा दिन, फिर सड़क पर बहेगी दूध की नदी.
एक साल पहले जो शहर किसान आदोलन का केंद्र था वहां आंदोलन के पहले दिन अजीब सी शांति दिखी। मध्य प्रदेश के मंदसौर के ज्यादातर किसान बाजार का रुख न कर घर पर ही रहे। सामान नहीं पहुंचा तो मंडी में सन्नाटा पसरा रहा।
एक बार फिर किसान सड़कों पर हैं और सरकार परेशान है लेकिन इस बार इस आंदोलन का असर आम लोगों पर भी पड़ने वाला है। देश का अन्नदाता एक बार फिर सड़कों पर हैं। किसानों ने आज से अगले दस दिन तक गांव बंद आंदोलन का ऐलान किया है।
किसानों ने इस आंदोलन का नाम दिया है 'गांव बंद' आंदोलन। वैसे तो इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश से हो रही है लेकिन कहा जा रहा है कि देश भर के 22 राज्यों के किसान इससे जुड़ते चले जाएंगे। दावा है कि देश भर के सौ किसान संगठन इस आंदोलन में शामिल होंगे।
Maharashtra farmers call off strike after meeting CM | 2017-06-03 08:18:55
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