हरियाणा सरकार की हाई पावर कमेटी रविवार को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत करेगी. इस बैठक में कुंडली सिंघु बॉर्डर पर नेशनल हाईवे 44 को खाली करने पर चर्चा होगी.
दिल्ली की सड़कों पर कृषि कानून के खिलाफ अकाली दल के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने कई रोड बंद कर दिए हैं और बैरीकेट भी लगा दी है। लेकिन कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच भिड़ंत जारी है।
28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठी चार्ज के बाद, एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर चल रहा किसान आंदोलन का आज चौथा दिन है। किसानों और अफसरों के बीच आज तीसरे दौर की बातचीत सुबह 9 बजे शुरू होगी, देखे विस्तृत रिपोर्ट
हरियाणा के करनाल में किसान मिनी सचिवालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। किसान पिछले महीने हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर 28 अगस्त को करनाल में हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कार्रवाई की मांग की थी और ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मिनी सचिवालय का घेराव करने की धमकी दी थी। करनाल में मोबाइल इंटरनेट सेवा के निलंबन की अवधि बुधवार आधी रात तक बढ़ा दी गई है।
प्रशासन के साथ वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने लघु सचिवालय के बाहर डेरा डाल रखा है. आज दूसरे दिन भी किसानों का धरना जारी है.
अब दिल्ली बॉर्डर की तरह ही किसान अनिश्चितकाल के लिए हरयाणा के करनाल में भी धरने पर बैठ चुके हैं। उन्होंने खट्टर सरकार से अपनी मांगों को पूरी करने की मांग की है।
अबकी बार किसकी सरकार में आज देखिए क्यों किसानों का नया कुरुक्षेत्र बन गया हरियाणा का करनाल! उत्तर प्रदेश से हरियाणा तक आखिर किसानों की मांग क्या थी जिसके लिए आज करनाल में पुलिस और किसान एक दूसरे के आमने सामने या गये थे । पुलिस ने इस दौरान पानी की बौछार का प्रयोग किया, लेकिन फिर भी किसान आगे बढ़ गए।
हरियाणा के करनाल में बड़ी संख्या में किसान जमा हुए हैं। किसानों की महापंचायत को देखते हुए प्रशासन ने उनसे बात भी की लेकिन किसान नेताओं और प्रशासन के बीच हुई बातचीत फेल रही। अब किसान मिनी सचिवालय पहुंचे हैं। किसान मार्च करके यहां पहुंचे हैं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
हरियाणा के करनाल में बड़ी संख्या में किसान जमा हुए हैं। किसानों की महापंचायत को देखते हुए प्रशासन ने उनसे बात भी की लेकिन किसान नेताओं और प्रशासन के बीच हुई बातचीत फेल रही। अब किसान मिनी सचिवालय पहुंचे हैं। किसान मार्च करके यहां पहुंचे हैं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। राज्य सरकार ने पहले ही 4 ज़िलों में इंटरनेट, मोबाइल और एसएमएस सेवाएं बंद कर दी हैं।
हरियाणा के करनाल में बड़ी संख्या में किसान जमा हुए हैं। किसानों की महापंचायत को देखते हुए प्रशासन ने उनसे बात भी की लेकिन किसान नेताओं और प्रशासन के बीच हुई बातचीत फेल रही।
हरियाणा के करनाल में आज होने वाली किसान महापंचायत को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार ने 4 ज़िलों में इंटरनेट, मोबाइल और एसएमएस सेवाएं बंद कर दी हैं। वहीं बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
किसान महापंचायत का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी से ख़ास बातचीत की। उन्होंने कहा कि उनका मकसद लोगों तक अपनी बात पहुंचना है और आंदोलन चलता रहेगा।
जहां एक ओर मुज़फ्फरनगर में किसान महापंचायत चल रही है, वहीं लेफ्ट नेता हन्नान मुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए पंचायत को एजेंडे को साफ़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसान पंचायत का एजेंडा मोदी-योगी को हराना है।
आज मुज़फ्फरनगर में किसान महापंचायत चल रही है जिसमें देशभर से कई किसान संगठन शामिल हुए हैं। क्या यूपी चुनाव में अब किसानों की भी एंट्री हो चुकी है? देखिए पूरी रिपोर्ट।
मुज़फ्फरनगर में आज किसानों की महापंचायत होने वाली है। किसानों का दावा है कि इस महापंचायत में आज 300 किसान संगठन भाग लेंगे।
हरियाणा में नूह की अनाजमंडी में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर महापंचायत का आयोजन किया गया है
देश में सरकारी तालिबानों का कब्ज़ा हो चुका है। देश में सरकारी तालिबानों के कमांडर मौज़ूद है। इन कमांडरो की पहचान करनी होगी। जिन्होंने आदेश दिया सर फोड़ने का वहीं कमांडर है: किसान नेता राकेश टिकैत, करनाल में पुलिस द्वारा किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर
कृषि कानूनों को लेकर आन्दोलन कर रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस ने करनाल में लाठीचार्ज किया है. पुलिस के कई किसानों को दौड़ाकर पीटा
करनाल के घरौंडा पास बसताड़ा टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठियां चलाईं। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी जख्मी हुए हैं। ये किसान यहां हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और अन्य भाजपा नेताओं के करनाल दौरे का विरोध कर रहे थे।
हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने संयुक्त मोर्चा से किनारा कर लिया है और मोर्चा से अलग होने की घोषणा कर दी है। गुरनाम चढूनी ने संयुक्त किसान मोर्चे से अलग होने के साथ ही अपने साथ भेदभाव करने का आरोप भी लगाया।
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