Cyclone Biparjoy News: गुजरात(Gujarat) के तटीय इलाकों में बढ़ा बिपरजॉय का खतरा.15 जून को दोपहर बाद टकराने का अलर्ट जारी.
कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी पर MSP की मांग को लेकर किसान कल से सड़कों पर डटे हैं... किसानों का धरना प्रदर्शन आज भी जारी है...किसानों ने दिल्ली चंडीगढ़ अमृतसर हाईवे को ब्लॉक कर दिया है...किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, वो हाईवे से नहीं हटेंगे...किसान चाहते हैं कि सूरजमुखी की फसल
Haryana: हरियाणा में MSP को लेकर आर-पार के मूड में किसान...कुरुक्षेत्र में नेशनल हाईवे पर राकेश टिकैत समेत किसानों का धरना जारी
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का शुभ मुहूर्त आया...22 जनवरी 2024 को विराजमान होंगे रामलला
आखिरकार 378 दिन बाद किसानों का आंदोलन खत्म हो गया है। आज 11 दिसंबर को सभी अपने-अपने घर की ओर रवाना होंगे। किसानों का पहला जत्था अपने घर के लिए रवाना हो गए हैं। राकेश टिकैत ने कहा है कि वो 15 जनवरी के बाद जाएंगे। उन्होंने कहा है कि अगले चार दिनों में अधिकांश किसान चले जाएंगे।
आंदोलन करने वाले 40 किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय से जारी प्रदर्शन को बृहस्पतिवार को स्थगित करने का फैसला किया और घोषणा की है कि किसान 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं वाले विरोध स्थलों से घर लौट जाएंगे।
किसानों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। 11 दिसंबर से किसानों की घर वापसी शुरू होगी। किसान 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। दिल्ली की सीमाओं पर पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से किसान आंदोलन कर रहे थे। इस फैसले के बाद सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने अपने-अपने तंबू उखाड़ने शुरू कर दिए हैं। बता दें कि केंद्र ने किसानों की मांग को मान लिया है और एक नया प्रस्ताव संगठनों को भेजा जिसपर सहमति बन गई है।
किसानों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। 11 दिसंबर से किसानों की घर वापसी शुरू होगी। किसान 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे।
कांग्रेस सांसदों की बैठक में आज सोनिया गांधी ने किसान आंदोलन और राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन जैसे मुद्दों पर चर्चा की। अपने बयान में उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति सरकार असंवेदनशील है।
किसान आंदोलन कब ख़त्म होगा - इस सवाल पर अब भी सस्पेंस बरकरार है। किसान नेताओं की अब मांग है कि किसानों पर सभी दर्ज मुक़दमे वापस ले लिए जाएं।
कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब किसान भी अपने वापस लौटने को पूरी तरह तैयार हैं। 4 दिसंबर को किसानों की बैठक के बाद पांच ऐसे किसान नेता चुने गए जो सरकार से बातचीत करेंगे। इन्हीं में से एक हैं किसान नेता युद्धवीर सिंह जिन्होंने इंडिया टीवी से ख़ास बातचीत की और कृषि कानूनों की वापस से लेकर किसानों आंदोलन के अंत जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की।
किसान आंदोलन ख़त्म हो रहा है। बातचीत शुरु हो रही है। अब किसान और मोदी सरकार एक लाइन पर दिख रही है। 7 दिसम्बर को Good न्यूज़ आ सकती है। किसान वापस जा सकते हैं। किसानों के खेमे से ख़बर आ रही है। कि अब ना तो मोदी के खिलाफ..न सरकार के खिलाफ और न बीजेपी के खिलाफ कोई रैली निकलेगी। और न कोई विरोध प्रदर्शन होगा। राहुल को इसकी भनक लग गई है। इसलिए वो अभी भी किसानों के बहाने मोदी मोदी कर रहे हैं।
आज संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बहुत बड़ी बैठक हुई। 40 से ज्यादा किसान संगठन इसमें शामिल हुए। सरकार से बात करने के लिए 5 लोगों की किसान कमेटी बनाने का फैसला हुआ। इसमें बड़ी बात ये कि किसान नेता राकेश टिकैत का नाम इस कमेटी में नहीं है| देखिए मुक़ाबला मीनाक्षी जोशी के साथ।
सिंघु बॉर्डर पर चल रही संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक खत्म हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने MSP पर सरकार से बातचीत के लिए बनाई जाने वाली कमेटी के लिए 5 लोगों के नाम तय कर दिए हैं। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक आगामी 7 दिसंबर को होगी।
कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब किसानों के आंदोलन को लेकर गहमागहमी बनी हुई है। भले ही पंजाब के कुछ किसानों ने ये कह दिया है कि आंदोलन अब ख़त्म होना चाहिए लेकिन आंदोलन के भविष्य को लेकर 4 दिसंबर को किसान एक बड़ी बैठक करने वाले हैं। लेकिन किसान नेताओं को सरकार से MSP पर लिखित गारंटी की मांग कर रहे हैं।
एक वर्ष से लंबे समय से चल रहा किसान आंदोलन अब शायद खत्म हो जाए और बॉर्डर पर डटे किसान अपने अपने घर वापस चले जाए। सरकार और किसान के बीच चल रही बातचीत से तो यही लग रहा है। इस सब पर इंडिया टीवी ने राकेश टिकैत से बातचीत की।
पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से चला आ रहा किसानों का आंदोलन जल्द ही समाप्त हो सकता है। किसान नेता सतनाम सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं, और हम 4 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने का फैसला ले सकते हैं। बता दें कि सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से MSP मामले पर चर्चा के लिए 5 नाम मांगे हैं। सोनीपत कुंडली बॉर्डर पर 32 जत्थेबंदियों की बैठक खत्म हो गई है, जिसके बाद किसान नेता सतनाम सिंह का यह बयान सामने आया है।
पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से चला आ रहा किसानों का आंदोलन जल्द ही समाप्त हो सकता है। किसान नेता सतनाम सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं, और हम 4 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने का फैसला ले सकते हैं।
जहां एक ओर राकेश टिकैत ने अपने कई बयानों से ये साफ़ कर दिया है कि किसान आंदोलन तब तक ख़त्म नहीं होगा जब तक MSP पर फैसला नहीं आ जाता, तो वहीं कई किसान नेता ऐसे भी है जो आंदोलन को ख़त्म करना चाहते हैं। किसान नेता मंजीत सिंह राय भी किसान आंदोलन को वापस लेने के पक्ष में हैं। सुनिए उन्होंने कल क्या कहा था।
कल संसद के दोनों सदनों से किसान कानून वापसी बिल पास हो गया। इसे लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने 1 दिसंबर, यानी परसों इमरजेंसी बैठक बुलाई है। पंजाब के 32 किसान संगठनों की कल बैठक है और ज़्यादातर किसानों का यह मत है अब आंदोलन ख़त्म होना चाहिए।
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