नौवें दौर की वार्ता से एक दिन पहले गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार यूनियन के नेताओं के साथ खुले मन से बातचीत के लिए तैयार है और उन्हें अगले दौर की वार्ता सकारात्मक रहने की उम्मीद है। वार्ता के लिए सिंघु बॉर्डर से प्रस्थान करने से पहले भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि किसान नेता भी सकारात्मक वार्ता की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि वह सरकार से पहले तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर बातचीत करना चाहेंगे, इसके बाद एमएसपी के मसले पर भी चर्चा होगी।
नौवें दौर की वार्ता से एक दिन पहले गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार यूनियन के नेताओं के साथ खुले मन से बातचीत के लिए तैयार है और उन्हें अगले दौर की वार्ता सकारात्मक रहने की उम्मीद है। वार्ता के लिए सिंघु बॉर्डर से प्रस्थान करने से पहले भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि किसान नेता भी सकारात्मक वार्ता की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि वह सरकार से पहले तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर बातचीत करना चाहेंगे, इसके बाद एमएसपी के मसले पर भी चर्चा होगी।
तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूतम समर्थन मूल्य पर (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधि आज फिर केंद्रीय मंत्रियों के साथ वार्ता के लिए विज्ञान भवन जा रहे है, जहां मध्याह्न् 12 बजे वार्ता शुरू होगी। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेताओं के साथ सरकार की यह नौवें दौर की वार्ता है। हालांकि तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किए जाने के बाद किसान नेता पहली बार केंद्रीय मंत्रियों से मिलेंगे। किसान आंदोलन का आज 51वां दिन है।
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी का त्योहार मनाने के लिए कृषि कानूनों की प्रतियां जला दीं।
कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कमेटी बनाएं जाने के फैसले के बाद किसान नेताओं ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। किसान नेता ने कहा कि हमारा आंदोलन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा। हमें सुप्रीम कोर्ट की कमेटी मंजूर नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे।
कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कमेटी बनाएं जाने के फैसले के बाद किसान नेताओं ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। किसान नेताओं ने कहा कि हमारा आंदोलन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन जारी है। आठवें दौर की बातचीत के बाद भी किसानों की समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है।
कृषि कानूनों (farm Laws) के खिलाफ किसान संगठनों के प्रदर्शन के बीच आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक अहम सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार किसान कानून को लागू करने से रोके नहीं तो हम रोक देंगे।
दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट... मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी सुनवाई
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के करनाल में हुए उग्र प्रदर्शन पर कहा कि हिंसा करके कुछ लोगों ने किसानों को बदनाम किया है, किसान का स्वभाव ऐसे नहीं है। रैली में 5 हजार से अधिक लोगों मौजूद थे जिसमें से कुछ ने हंगामा किया।
संयुक्ता किसान मंच के समर्थन के साथ, गाजीपुर सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों को सम्मानित करने के लिए रविवार को 'किसान केसरी दंगल' नामक कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
काले झंडे लेकर एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा रोकने के लिए लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ दी, जिसके बाद पुलिस को उन्हें रोकने के लिए न सिर्फ आंसू गैस के गोले दागने पड़े बल्कि वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा।
India TV पर देखिए आंदोलनकारी किसानों की आंखें खोलती रिपोर्ट
नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को हुई 8वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "आज किसान यूनियन के साथ तीनों कृषि क़ानूनों पर चर्चा होती रही परन्तु कोई समाधान नहीं निकला।
नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पिछली 7 मुलाकातों की तरह शुक्रवार को भी दिल्ली के विज्ञान भवन में 8वें दौर की वार्ता बेनतीजा रही।
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कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ें किसान संगठनों और सरकार के बीच आज आठवें दौर की बातचीत होगी। जानकारी के मुताबिक दोपहर 2 बजे से विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच बैठक होनेवाली है।
गुरुवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान पर चल रहे एक कनाडाई राष्ट्रीय ध्वज को ट्रैक्टर पर चिपकाए जाने पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कृषि कानूनों के खिलाफ अपना गुस्सा दिखाने के लिए 7 जनवरी को किसानों ने एक मेगा ट्रैक्टर रैली आयोजित की।
सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए आज 40 किसान संगठन ट्रैक्टर मार्च निकाल दिल्ली घेरने की तैयारी में हैं। आज हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। उनका कहना है कि ये गणतंत्र दिवस की रिहर्सल है।
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