हरियाणा के किसानों ने करनाल में सीएम मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव किया है। किसानों ने हरियाणा सरकार के सभी मंत्रियों और बीजेपी सांसदों का भी घेराव करने का ऐलान किया है।
टिकैत ने कहा, हमने तो सुप्रीम कोर्ट में अर्जी नहीं डाली है, जिसने याचिका डाली है वो बताए, हम नहीं जानते कि कोर्ट में याचिका डालने वाले कौन हैं।
पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत के अमेरिका राष्ट्रपति जो बायडेन को ट्वीट पर टैग करते हुए जब इंडिया टीवी ने राकेश टिकैत से सवाल पूछा कि देश के आंतरिक मामलों का हल क्या वे अमेरिका से करवाएं तो राकेश टिकैत गोलमोल जबाव देने लगे और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बात करने लगे।
नोएडा विकास प्राधिकरण के खिलाफ 27 दिन से चल रहा किसानों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों ने सोमवार को एकबार फिर जोरदार प्रदर्शन किया और बैरियर तोड़कर प्राधिकरण के कार्यालय में घुसकर तालाबंदी करने की कोशिश की। इस दौरान किसानों की पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई।
राकेश टिकैत ने पानीपत में ‘‘किसान महापंचायत’’ में कहा, ‘‘आंदोलन को दस महीने हो गए। सरकार को कान खोलकर सुनना चाहिए कि अगर हमें दस वर्षों तक आंदोलन करना पड़े तो हम तैयार हैं।’’
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों द्वारा सोमवार को आहूत 10 घंटे के राष्ट्रव्यापी बंद को कई गैर-राजग दलों ने समर्थन दिया है। एसकेएम ने रविवार को बंद के दौरान पूर्ण शांति की अपील की और सभी भारतीयों से हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया।
टिकैत ने यहां किसानों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलनों में धर्म स्थानों का विशेष योगदान है और गुरु गोविंद सिंह ने भ्रमण के दौरान खाप पंचायतों से संपर्क किया था तथा इसके बाद पीड़ित लोगों से धैर्य रखने को कहा था।
अब सवाल यह उठता है कि अगर पंजाब की अकाली सरकार द्वारा बनाया गया कृषि कानून वाकई में किसानों के खिलाफ हैं, तो कांग्रेस की सरकार ने उन्हें रद्द क्यों नहीं किया?
किसान राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न बॉर्डर पर पिछले नौ महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की मांग पर अड़े हैं।
वहीं करनाल में जिला सचिवालय का घेराव करते हुए किसानों ने पक्का मोर्चा जमा लिया है। वहीं खाना, पानी और कपड़े मंगवाए हैं। लंबे संघर्ष की तैयारी है। राकेश टिकैत का कहना है कि न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
दरअसल हरयाणा के 5 जिलों, करनाल, जींद, पानीपत, कैथल और कुरुक्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं पर पहले रोक लगी हुई थी, हालांकि 4 जिलों में सामान्य रूप से नेट चालू हो चुका है लेकिन करनाल में अभी भी इंटरनेट सेवाओ पर रोक बरकरार है।
करनाल में मोबाइल इंटरनेट सेवा के निलंबन की अवधि बुधवार आधी रात तक बढ़ा दी। इससे पहले यह सेवाएं करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में मंगलवार आधी रात तक के लिए निलंबित की गई थीं।
करनाल जिला सचिवालय का घेराव करते हुए किसानों ने पक्का मोर्चा जमा लिया है। वहीं खाना, पानी और कपड़े मंगवाए हैं। लंबे संघर्ष की तैयारी है। राकेश टिकैत का कहना है कि न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
वहीं बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किे गए हैं। पर्याप्त फोर्स को तैनात किया गया है।
आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अपने चाचा शिवपाल यादव की पार्टी के लिए सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के लिए जसवंतनगर सीट छोड़ी हुई है। उनके नेताओं का भी ध्यान रखेंगे।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विभिन्न किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे एसकेएम ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर सात सितंबर को करनाल में लघु सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी है।
इस साल 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में निकाली गई किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हरियाणा के गांव कंडेला का 28 वर्षीय युवक लापता हो गया था लेकिन वह करीब साढ़े सात महीने बाद अपने घर पहुंच गया है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बीजेपी की जनविरोधी और किसान विरोधी कार्यशैली से उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में जनता का हाल बेहाल हो रहा है।
हरियाणा सरकार के लिए अल्टीमेटम जारी करते हुए चढ़ूनी ने प्रत्येक घायल किसान के लिए दो लाख रुपये मुआवजे की मांग की। पंजाब सरकार के अलावा खट्टर ने कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वामपंथी नेताओं पर भी किसान आंदोलन के लिए आरोप लगाए।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि किसी भी कार्य में बाधा स्वीकार नहीं की जाएगी। हर स्वतंत्रता की सीमाएं होती हैं। कोई भी आजादी पूर्ण नहीं होती है।
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