नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की वार्ता भी शुक्रवार को बेनतीजा रही। किसानों और सरकार के बीच अब अगले दौर की वार्ता 15 जनवरी को होगी।
हरियाणा-दिल्ली की सीमा, सिंघू बॉर्डर पर सड़कों पर सिर्फ ट्रैक्टर, उनपर सवार किसान, उनपर बंधे लाउडस्पीकर दिख रहे थे और पंजाबी धुनों/गीतों के साथ नारे सुनाई दे रहे थे।
नवपाल सिंह ने कहा, "मैं किसानों के बिना अमेरिका में जीवन नहीं जी पाऊंगा और अभी मेरी यह जिम्मेदारी है कि मैं आगे आकर अधिकारों की लड़ाई में उनके साथ खड़ा रहूं।"
किसान आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं। दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का आज 42वां दिन है। टीकरी बॉर्डर पर किसानों ने परमानेंट स्ट्रक्चर बना लिया है।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों का आंदोलन बुधवार को 42वें दिन जारी है। किसानों की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेता इस समय ट्रैक्टर मार्च की तैयारी में जुटे हैं।
नए कृषि कानूनों पर सातवें राउंड की बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना रहा। सरकार और किसानों के बीच सातवें राउंड की बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक में भी बात नहीं बनी।
Reliance Jio ने आरोप लगाया है कि उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियां Airtel और Vodafone Idea किसान प्रदर्शनकारियों को उसके टॉवर्स को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसा रही हैं।
सिंघु बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारी किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार चार जनवरी को हमारे पक्ष में फैसला नहीं लेती है तो प्रदर्शनकारी किसान संगठन कड़े कदम उठाएंगे।
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है। आज दोपहर दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी। इस बैठक के बाद शाम 5.30 बजे किसान प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
पार्टी ने हालांकि कहा है कि वह इस इस बारे में बीजेपी विधायक ओ. राजगोपाल से बात करेंगे, लेकिन सूत्रों ने कहा कि राजगोपाल के इस कदम से पार्टी हैरान है।
सरकार और किसानों के बीच वार्ता के एक ही दिन बाद किसान आंदोलन आज हिंसक झड़प में तब्दील हो गया। मामला राजस्थान और हरियाणा के शाहजहांपुर बॉर्डर की है। किसानों ने शाहजहांपुर बॉर्डर पर पुलिस बैरिकेड तोड़ दिया है।
कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच सरकार और किसान नेताओं के बीच करीब 5 घंटे चली छठे दौर की वार्ता खत्म होने के बाद किसान नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
किसान संगठनों के साथ छठे दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक में किसान नेताओं ने जो 4 विषय रखे, उनमें से दो विषयों पर आपसी रजामंदी हो गई है।
मोदी सरकार के वरिष्ठ नेता हुकुमदेव नारायण यादव ने इंडिया टीवी से नए कृषि कानूनों से किसानों को होने वाले फायदों सहित कई मुद्दों पर खास बातचीत की। हुकुमदेव नारायण यादव ने किसान आंदोलन पर कहा कि आज किसान के लिए राजनीति नहीं किसान के नाम पर राजनीति हो रही है।
कृषि कानूनों पर चर्चा के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने विज्ञान भवन में लंच ब्रेक के दौरान किसान नेताओं के साथ भोजन किया।
नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध जारी है। सरकार ने किसान संगठनों को बुधवार 30 दिसबंर को एक बार फिर बातचीत के लिए बुलाया है जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
देशभर के कई हिस्सों में केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली के किसान आंदोलन का असर बिहार में भी दिखने लगा है। इन कानूनों के खिलाफ अलग-अलग जिलों से आए किसानों ने मंगलवार को राजभवन की ओर मार्च किया।
राष्ट्रीय राजधानी में कड़ाके की ठंड के बीच विकास यादव सिंघू बॉर्डर पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपने शरीर को तिरंगे से रंगकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
कांग्रेस ने किसानों के आंदोलन की पृष्ठभूमि में सोमवार को केंद्र सरकार एवं भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों से बातचीत करनी चाहिए और तीनों काले कानूनों को वापस लेना चाहिए।
दर्शनकारी किसान संगठन नये कृषि कानूनों को लेकर 30 दिसंबर को वार्ता के अगले दौर को लेकर सरकार के एक प्रस्ताव पर ‘‘सिद्धांतत:’’ सहमत हो गए, लेकिन उन्होंने कहा कि केंद्र को अपने निमंत्रण में बैठक के एजेंडे के बारे में बताना चाहिए।
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