किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि आने वाले समय में दिल्ली का गला दबाना होगा और दिल्ली को चारों ओर से घेरना होगा। किसान आंदोलन के नाम पर पिछले करीब 9 महीने से दिल्ली के सभी बॉर्डर जाम हैं, लेकिन किसान नेता इतने भर से मानने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने, सभी फसलों के एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, बिजली विधेयक, 2021 को निरस्त करने और 'एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों में एक्यू प्रबंधन आयोग विधेयक 2021' के तहत किसानों पर मुकदमा नहीं चलाने की उनकी मांगों पर भी सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई।
किसान नेता अभिमन्यू कोहर ने कहा, “हमारे अन्य कार्यक्रमों के विपरीत, राष्ट्रीय सम्मेलन में सामूहिक सभा या रैली नहीं होगी, बल्कि, देश भर के किसान संघों के 1,500 प्रतिनिधि दो दिनों के लिए सिंघू बॉर्डर पर एक साथ आएंगे और हमारे प्रदर्शन को तेज करने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।”
उत्तर रेलवे के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, ‘‘कल (शुक्रवार) से कुल 40 ट्रेनें रद्द की गईं हैं।’’ उन्होंने कहा कि शुक्रवार को अलग रूट पर जम्मू रेलवे स्टेशन से कुछ ही ट्रेनें रवाना हुईं, जबकि दिल्ली में शनिवार तड़के हुई बारिश के कारण जम्मू जाने वाली कुछ और ट्रेनों को रद्द करना पड़ा।
केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में अलवर के शाहजहांपुर बार्डर पर किसान कई महीने से आंदोलन पर बैठे हैं।
अखिलेश यादव ने कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग के प्रति असंवेदनशीलता दिखाने के लिए बीजेपी की आलोचना की।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितता का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की।
बीजेपी के विरोध कार्यक्रम के दौरान राजस्थान के श्रीगंगानगर में जमकर बवाल हुआ। यहां संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं की अगुवाई में लोगों ने शुक्रवार को बीजेपी का विरोध शुरू कर दिया।
किसानों द्वारा जंतर मंतर पर आयोजित ‘किसान संसद’ में गुरुवार को तीन कृषि कानूनों में से एक पर चर्चा की गयी और ‘असंवैधानिक’ बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की गयी।
केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आठ माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में महारैली और उत्तर प्रदेश राज्य के सभी मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को घोषणा की कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के आठ महीने पूरे होने के अवसर पर महिलाएं सोमवार को जंतर-मंतर पर ‘ किसान संसद’ का आयोजन करेंगी।
किसान नेताओं की मुख्य समस्या ये है कि उन्होंने तीनों कानूनों की वापसी को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।
किसानों को 'मवाली' कहने पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी से तत्काल इस्तीफे की मांग की। आंदोलन कर रहे किसानों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए भाजपा नेता की आलोचना करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पार्टी की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया जिसपर किसान नेता राकेश टिकैत ने पलटवार करते हुए किसान को देश का अन्नदाता बताया।
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया है। उनकी तरफ से कहा गया है किसान सिर्फ बिचौलियों की मदद कर रहे हैं।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने गुरुवार को कहा कि उन्हें आशंका है कि सरकार इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए उनकी जासूसी करवा रही है।
नए कृषि कानूनों के विरोध में आज से किसान जंतर-मंतर पर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। दिल्ली पुलिस ने किसान संगठनों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत दे दी है।
भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिए अधिकारियों से प्रदर्शन स्थलों के पास की सड़कों को फिर से खोलने का आग्रह करते हुए कहा कि गाजीपुर सीमा से कोई भी किसान "गुप्त रूप से" दिल्ली नहीं जाएगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान पंचायत तक सरकार के पास 2 महीने हैं और सरकार मान नहीं रही है। टिकैत ने आगे कहा कि ऐसा लग रहा है कि देश में जंग होगी और गृहयुद्ध होगा।
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