दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर हंगामा हुआ है। ये हंगामा प्रदर्शनकारी किसानों के भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले पर हमले के बाद हुआ। दरअसल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री अमित वाल्मिकी नियुक्ति के बाद पहली बार गाजियाबाद आ रहे थे। यूपी बॉर्डर पर दिल्ली से आते समय भाजपा कार्यकर्ता वहां उनके स्वागत के लिए इकट्ठा हुए थे, जैसे ही उनका काफिला वहां पहुंचा, कार्यकर्ताओं ने स्वागत करना शुरू कर दिया, तभी दूसरी तरफ से किसान वहां पर काले झंडे लेकर पहुंच गए और वहां पर भगड़द की स्थिति पैदा हो गई।
गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा वांछित कथित तौर पर गैंगस्टर से कार्यकर्ता बने लाखा सिधाना और कई अन्य किसान नेताओं के खिलाफ शनिवार को चंडीगढ़ पुलिस ने एक विरोध मार्च के दौरान दंगों समेत कई ओरोपों में मामला दर्ज किया।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत, जो गाजीपुर सीमा पर किसान के विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं, ने संवाददाताओं को बताया कि किसान संघ ने दो और रैलियां करने का फैसला किया है, और 9 जुलाई को ट्रैक्टर रैली की योजना बनाई है, जो सिंघू पहुंचने वाली है।
शुरू हुए एक साल बाद पंजाब में किसानों का विरोध अब और बड़ा हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार हो सकता है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है। इतना ही नहीं, इस आंदोलन को भाजपा को छोड़कर राज्य के सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है।
शनिवार को किसानों के प्रतिनिधि विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपने की मांग कर रहे हैं. भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने शुक्रवार को किसानों को संबोधित करते हुए कहा था कि तीन केंद्रीय कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को भेजे जाने वाले ज्ञापन दिए जाएंगे।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुआ किसान आंदोलन बीते सात महीनों से जारी है। आंदोलन को शुरू हुए इतने दिन भले ही बीत गए हों लेकिन किसान अब भी तीनों कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
किसान आंदोलन के 7 महीने हो रहे हैं पूरे, राकेश टिकैत बोले- अब बिना बताए ट्रैक्टर ले जाएंगे दिल्ली l
2022 के चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा है... किसान आंदोलन.. अभी तक किसान आंदोलन का फोकस प्वाइंट हरियाणा और पंजाब था... लेकिन जैसे-जैसे यूपी का चुनाव करीब आ रहा है किसान आंदोलन फोकस प्वाइंट वेस्टर्न यूपी बनता जा रहा है... और एंटी मोदी फ्रंट का नया चैप्टर खुल रहा है... किसान आंदोलन के कल 7 महीने होने वाले हैं और उससे पहले पश्चिमी यूपी के जिलों से किसान एक बार फिर हजारों ट्रैक्टर के साथ दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं
एसकेएम ने बयान में कहा गया है कि सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान 26 जून की तैयारी कर रहे हैं और वे इसे 'कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस' के रूप में मनाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को ‘बदनाम’ कर रही है।
मृतक मुकेश ने कथित तौर पर अपने भाई और एक ग्रामीण को बताया कि वह चार लोगों के साथ शराब पी रहा था, जिन्होंने किसानों के विरोध का हिस्सा होने का दावा किया और उन्होंने उसे आग लगा दी।
हरियाणा के बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर के पास कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने बुधवार को एक व्यक्ति को कथित तौर पर जलाकर मार डाला।
किसान आंदोलन से एक बर्बरता की खबर सामने आई है, टिकरी बॉर्डर पर एक 42 वर्षीय व्यक्ति को कथित तौर पर शराब पिलाकर ज़िंदा जला दिया गया, जिसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
हरियाणा में किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे 4 लोगों ने 42 वर्षीय व्यक्ति पर कथित रूप से ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा दी।
हरियाणा में खटकड़ टोल प्लाजा पर जारी किसानों के धरने में मंगलवार रात एक किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर उचाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया।
ममता बनर्जी ने राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह के नेतृत्व में आए किसान नेताओं को नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ उनके आंदोलन को समर्थन देने का आश्वासन दिया। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने यहां किसान नेताओं के साथ बैठक में कहा कि एक ऐसा मंच होना चाहिए जहां राज्य नीतिगत विषयों पर बातचीत कर सकें।
सरकार कृषि कानूनों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत के लिये तैयार है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार कृषि कानून के साथ साथ दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत के लिए तैयार।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन को लेकर कोई आपत्ति नहीं है।
दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान बुधवार को छह महीने के आंदोलन को चिह्नित करने के लिए 'ब्लैक डे' के रूप में मनाया।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर केंद्र सरकार से किसानों के साथ वार्ता पुन: शुरू करने की अपील की। एक सरकारी पैनल ने 22 जनवरी को किसान नेताओं के साथ बैठक की थी, लेकिन 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के हिंसक हो जाने के बाद से दोनों पक्षों के बीच कोई वार्ता नहीं हुई है।
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