दिल्ली के जंतर मंतर पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को और तेज करने के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों को मीनाक्षी लेखी ने 'मवाली' कहा है।
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया जिसपर किसान नेता राकेश टिकैत ने पलटवार करते हुए किसान को देश का अन्नदाता बताया।
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया है। उनकी तरफ से कहा गया है किसान सिर्फ बिचौलियों की मदद कर रहे हैं।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने गुरुवार को कहा कि उन्हें आशंका है कि सरकार इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए उनकी जासूसी करवा रही है।
दिल्ली पुलिस की मंजूरी के बाद, किसानों ने केंद्र और उसके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर अधिनियमों को रद्द करने की मांग करते हुए अपना विरोध शुरू कर दिया है। किसानों ने कहा है कि उचित COVID-19 मानदंडों के अनुसार प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक जंतर मंतर पर एक प्रदर्शन किया जाएगा, यह कहते हुए कि आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।
नए कृषि कानूनों के विरोध में आज से किसान जंतर-मंतर पर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। दिल्ली पुलिस ने किसान संगठनों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत दे दी है।
केंद्र के 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान गुरुवार से जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा के बीच आंदोलन शुरू करेंगे। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 9 अगस्त तक अधिकतम 200 किसानों द्वारा प्रदर्शन की विशेष अनुमति दे दी है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि 200 किसानों का एक समूह पुलिस की सुरक्षा के साथ बसों में सिंघू सीमा से जंतर-मंतर आएगा और वहां पूर्वाह्न 11 बजे से शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को एक शपथपत्र देने के लिए कहा गया है कि सभी कोविड मानदंडों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।
भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिए अधिकारियों से प्रदर्शन स्थलों के पास की सड़कों को फिर से खोलने का आग्रह करते हुए कहा कि गाजीपुर सीमा से कोई भी किसान "गुप्त रूप से" दिल्ली नहीं जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच रविवार को बैठक होगी। किसान नेताओं ने 22 जुलाई को दिल्ली में संसद का घेराव करने का ऐलान किया है।
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान पंचायत तक सरकार के पास 2 महीने हैं और सरकार मान नहीं रही है। टिकैत ने आगे कहा कि ऐसा लग रहा है कि देश में जंग होगी और गृहयुद्ध होगा।
नए कृषि कानून के विरोध में हरियाणा में जबरदस्त बवाल.यमुनानगर में पुलिस से सड़क पर भिड़े किसान.कैबिनेट मिनिस्टर मूलचंद शर्मा का विरोध कर रहे थे किसान
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के प्रावधानों के खिलाफ प्रदर्शन समाप्त करने और सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की गुरुवार को अपील की, लेकिन उन्होंने इन कानूनों को रद्द करने से इनकार कर दिया।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत फिर से शुरू करना चाहती है, तो उसे शर्तें नहीं रखनी चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान संसद के सामने केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ रोज करीब 200 किसानों का एक समूह प्रदर्शन करेगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पहली और दूसरी लहर में जिस मजबूती से लड़ाई लड़ी, वह किसी से छिपा नहीं है।
इंडिया टीवी के कार्यक्रम चुनाव मंच में किसान आंदोलन और नए कृषि कानूनों को लेकर केन्द्रीय मंत्री सांसद डॉ.संजीव बालियान ने कहा कि किसानों से 11 बार बात हुई है। बातचीत का सिलसिला शुरू होना चाहिए। किसानों से दोबारा बातचीत होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया टीवी के विशेष कार्यक्रम चुनाव मंच (Chunav Manch) में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान शर्तों पर बात नहीं करेगा। सरकार पर किसानों को यकीन नहीं है। फिलहाल किसान संसद कूच नहीं करेंगे।
दिल्ली के लाल किला हिंसा मामले के आरोपी लक्खा सिधाना से गुरुवार को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने समयपुर बादली मामले में पूछताछ की।
पिछले सात माह से किसान कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। बुधवार सुबह बीजेपी कार्यकर्ता यूपी गेट स्थित किसान आंदोलन स्थल के अंदर पहुंचे, जिसके बाद उनमें और किसानों के बीच मारपीट हो गई |
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर हंगामा हुआ है। ये हंगामा प्रदर्शनकारी किसानों के भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले पर हमले के बाद हुआ। दरअसल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री अमित वाल्मिकी नियुक्ति के बाद पहली बार गाजियाबाद आ रहे थे। यूपी बॉर्डर पर दिल्ली से आते समय भाजपा कार्यकर्ता वहां उनके स्वागत के लिए इकट्ठा हुए थे, जैसे ही उनका काफिला वहां पहुंचा, कार्यकर्ताओं ने स्वागत करना शुरू कर दिया, तभी दूसरी तरफ से किसान वहां पर काले झंडे लेकर पहुंच गए और वहां पर भगड़द की स्थिति पैदा हो गई।
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