कृषि कानूनों को लेकर आन्दोलन कर रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस ने करनाल में लाठीचार्ज किया है. पुलिस के कई किसानों को दौड़ाकर पीटा
करनाल के घरौंडा पास बसताड़ा टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठियां चलाईं। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी जख्मी हुए हैं। ये किसान यहां हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और अन्य भाजपा नेताओं के करनाल दौरे का विरोध कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने, सभी फसलों के एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, बिजली विधेयक, 2021 को निरस्त करने और 'एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों में एक्यू प्रबंधन आयोग विधेयक 2021' के तहत किसानों पर मुकदमा नहीं चलाने की उनकी मांगों पर भी सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई।
किसान नेता अभिमन्यू कोहर ने कहा, “हमारे अन्य कार्यक्रमों के विपरीत, राष्ट्रीय सम्मेलन में सामूहिक सभा या रैली नहीं होगी, बल्कि, देश भर के किसान संघों के 1,500 प्रतिनिधि दो दिनों के लिए सिंघू बॉर्डर पर एक साथ आएंगे और हमारे प्रदर्शन को तेज करने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।”
उत्तर रेलवे के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, ‘‘कल (शुक्रवार) से कुल 40 ट्रेनें रद्द की गईं हैं।’’ उन्होंने कहा कि शुक्रवार को अलग रूट पर जम्मू रेलवे स्टेशन से कुछ ही ट्रेनें रवाना हुईं, जबकि दिल्ली में शनिवार तड़के हुई बारिश के कारण जम्मू जाने वाली कुछ और ट्रेनों को रद्द करना पड़ा।
केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में अलवर के शाहजहांपुर बार्डर पर किसान कई महीने से आंदोलन पर बैठे हैं।
अखिलेश यादव ने कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग के प्रति असंवेदनशीलता दिखाने के लिए बीजेपी की आलोचना की।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने संयुक्त मोर्चा से किनारा कर लिया है और मोर्चा से अलग होने की घोषणा कर दी है। गुरनाम चढूनी ने संयुक्त किसान मोर्चे से अलग होने के साथ ही अपने साथ भेदभाव करने का आरोप भी लगाया।
संसद में गतिरोध के बीच राहुल गांधी और विपक्षी दलों के नेता आज जंतर मंतर जाकर किसानों से मिले हैं। थोड़ी देर पहले राहुल गांधी सहित विपक्षी नेता जंतर मंतर पहुंचे और वहां चल रही किसान संसद के पास जाकर बैठे। आपको बता दें कि किसानों की संसद जंतर मंतर पर चल रही है। किसानों ने संसद सत्र चलने तक उसके समांतर किसान संसद का आयोजन किया है। इस संसद में किसान अपने मुद्दों पर प्रस्ताव लाते हैं और उसपर चर्चा होती है।
अब से थोड़ी देर बाद राहुल गांधी किसानों से मिलने जाएंगे. सिर्फ राहुल ही नहीं कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष के कई नेता भी जंतर मंतर जाकर किसानों से मिलेंगे और किसान संसद में शामिल होंगे.
किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितता का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की।
बुधवार को केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल और कांग्रेस नेता रवनीत सिंह बिट्टू के बीच जुबानी जंग छिड़ गई। यहां देखें वीडियो।
बीजेपी के विरोध कार्यक्रम के दौरान राजस्थान के श्रीगंगानगर में जमकर बवाल हुआ। यहां संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं की अगुवाई में लोगों ने शुक्रवार को बीजेपी का विरोध शुरू कर दिया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर हैं। वह आज गाज़ीपुर बॉर्डर जाएंगी और ऐसा अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि वह धरना पर बैठे किसानों से मुलाक़ात कर सकती हैं।
किसानों द्वारा जंतर मंतर पर आयोजित ‘किसान संसद’ में गुरुवार को तीन कृषि कानूनों में से एक पर चर्चा की गयी और ‘असंवैधानिक’ बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की गयी।
केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आठ माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में महारैली और उत्तर प्रदेश राज्य के सभी मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की है।
किसान कानूनों के विरोध में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। राहुल गांधी ने खुद ट्रैक्टर चलाया और ट्रैक्टर लेकर संसद भवन पहुंचे। राहुल गांधी के साथ ट्रैक्टर पर पंजाब कांग्रेस के कई नेता भी बैठे हुए थे। राहुल गांधी जिस ट्रैक्टर को चला रहे थे उसके ऊपर पोस्टर लगा हुआ था और पोस्टर पर लिखा हुआ था, "किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानून वापिस लो-वापिस लो।"
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को घोषणा की कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के आठ महीने पूरे होने के अवसर पर महिलाएं सोमवार को जंतर-मंतर पर ‘ किसान संसद’ का आयोजन करेंगी।
किसान नेताओं की मुख्य समस्या ये है कि उन्होंने तीनों कानूनों की वापसी को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।
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