कृषि कानून के विरोध में किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को किए गए भारत बंद का जिलेभर में मिला-जुला असर रहा। कई क्षेत्रों में रोजमर्रा की तरह बाजार खुले तो कई क्षेत्रों में कुछ घंटे बाजार बंद रखे गए।
विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे से पांचवें राउंड की बैठक शुरू हुई। करीब ढाई घंटे बाद लंच ब्रेक हुआ। किसानों ने फिर से सरकारी खाना ठुकराते हुए अपना खाना मंगाकर फर्श पर बैठकर खाया।
नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की लगभग 5 घंटे चली बातचीत भी बेनतीजा रही। अब 9 दिसंबर को छठे दौर की बाचतीच दोपहर 12 बजे होगी।
3 केंद्रीय मंत्रियों के साथ आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक गुरुवार को बेनतीजा रही। लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने पर जोर देते रहे। अगली बैठक 5 दिसंबर (शनिवार) को होगी।
केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों में संशोधन करने की पेशकश कर रही है लेकिन किसान नेता नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। अधिक जानकारी के लिए देखिए 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में करीब साढ़े 7 घंटे किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेताओं ने अपना पक्ष रखा और सरकार ने अपना पक्ष रखा। तोमर ने कहा कि किसानों से अब सिर्फ 2-3 मुद्दों पर बात होनी है। किसानों में मंडी को लेकर चिंता है। सरकार ने भरोसा दिया है कि मंडियो को और मजबूत करेंगे। सिविल कोर्ट जाने की किसानों की मांग पर विचार किया जाएगा। फसल खरीदने वाले व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन होगा। तोमर ने कहा कि सरकार नए कृषि कानून में कुछ बदलाव करने को तैयार है।
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