भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि जैसे ही दिल्ली पुलिस रास्तों पर रखे बैरिकेड हटा देगी तो वैसे ही किसान धान की फसल से भरे ट्रैक्टर लेकर संसद भवन पहुंचेंगे और वहीं जाकर अपना धान बेचेंगे। इंडिया टीवी से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली की संसद अब किसानों की मंडी है और वे वहीं पर जाकर अपना धान बेचेंगे।
लखीमपुर हिंसा की ख़बरों ने पूरे भारत में सनसनी मचा दी है। लेकिन इसकी शुरुआत कैसे हुई? देखिए इंडिया टीवी की ग्राउंड रिपोर्ट।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई। जिले के एडिशनल एसपी अरुण कुमार सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि लखीमपुर की घटना में 8 लोगों की मौत हो गई।
हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने संयुक्त मोर्चा से किनारा कर लिया है और मोर्चा से अलग होने की घोषणा कर दी है। गुरनाम चढूनी ने संयुक्त किसान मोर्चे से अलग होने के साथ ही अपने साथ भेदभाव करने का आरोप भी लगाया।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुआ किसान आंदोलन बीते सात महीनों से जारी है। आंदोलन को शुरू हुए इतने दिन भले ही बीत गए हों लेकिन किसान अब भी तीनों कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि किसान नेताओं के साथ बैठक में कृषि मंत्री ने जो सबसे बड़ा प्रस्ताव दिया था वो आज भी है।
आंदोलनकारी किसानों ने गुरुवार को 18 महीने के लिए तीन कृषि कानूनों को निलंबित करने के लिए मोदी सरकार की पेशकश को खारिज कर दिया और 58 दिनों के विरोध प्रदर्शन की समाप्ति की आशा करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने पर जोर दिया।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन जारी है। आठवें दौर की बातचीत के बाद भी किसानों की समस्या का कोई हल नहीं निकल सका है।
हक़ीक़त क्या है में देखिए किसान आंदोलन ने नाम पर चल रहे लेफ्ट के Hidden एजेंडे का पूरा सच
किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली के बाद अब शाहजहांपुर अलवर बॉर्डर में भी एक नई प्रयोगशाला खुल गई है। वहां भी लाल झंडे वाले पहुंच गए हैं। कार्यकर्ता भी आए हैं...लेफ्ट के नेता भी मौजूद हैं |
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनको श्रद्धांजलि देने के लिए आज शहीदी दिवस मनाया जाएगा।
दिल्ली विधानसभा में कृषि कानून को लेकर जोरदार हंगामा देखने को मिला, विशेष सत्र के दौरान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया गया साथ ही इसी दौरान सोमनाथ भारती और महेंद्र गोयल ने सदन सदन में ही कृषि कानून की कॉपी को फाड़ दिया.
राहुल गांधी के निर्देश पर पूरी कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री मोदी को किसान विरोधी साबित करने में लगी है, राहुल गांधी रोज सुबह एक ट्वीट करके दिनभर के लिए पार्टी की लाइन तय कर देते हैं.
राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया कि 'अडानी-अंबानी फार्म कानून' को वापस लिया जाना चाहिए। "कुछ भी कम स्वीकार्य नहीं है," उन्होंने किसानों के नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग का जिक्र करते हुए कहा।
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