करीब दो दशक पहले हरियाणा में किसानों का आंदोलन चलाने वाली कंडेला खाप ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को अपना समर्थन दिया है।
पुलिस की ओर से कई किसानों और उनके नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने की खबरों के बीच मंगलवार को विवेक तन्खा की अगुवाई में कांग्रेस के कानून विभाग ने इस मामले में कानूनी मदद के लिए टीमों का गठन किया।
वे दिन गए जब किसान नेता किसी सियासी लीडर द्वारा धरनास्थल के मंच पर आने की किसी भी कोशिश का कड़ाई से विरोध कर रहे थे।
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा को लेकर टिकैत और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
किसानों के लोकप्रिय नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बड़े बेटे नरेश टिकैत, शक्तिशाली बलियान खाप के प्रमुख हैं और छोटे बेटे, राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता हैं।
एक बात तो बिल्कुल साफ है कि किसान आंदोलन के नेताओं ने देश की जनता का विश्वास खो दिया है। देश के अधिकांश लोग आहत हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि किसानों को धमकाया जा रहा है और जो लोग अन्नदाताओं को तोड़ना चाहते हैं वे देशद्रोही हैं।
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के लाल किले और अन्य इलाकों में भड़की हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस की खुफिया विफलता जिम्मेदार है।
किसान आंदोलन की आड़ में 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा करने वाले दंगाइयों के खिलाफ अब देशद्रोह का मुकदमा चलेगा।
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत इलाके में पुलिस ने धरना दे रहे किसानों को कथित तौर पर जबरन हटा दिया।
15 गांवों की एक पंचायत ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में राजमार्ग पर डेरा डाले किसानों से 24 घंटे के भीतर सड़क खाली करने को कहा।
दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुयी हिंसा के एक दिन बाद सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे बंद होने के बारे में कभी कोई बात नहीं कही।
किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर आई है। दिल्ली-नोएडा से सटे चिल्ल बार्डर को किसानों ने खाली कर दिया है। वहां किसानों का विरोध-प्रदर्शन खत्म हो चुका है। इससे पहले वहां आंदोलनकारी किसान बैठे हुए थे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बुधवार को कहा कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा उकसाने वालों की करतूत है, लेकिन इससे किसानों की मांगों से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता।
इंडियन नेशनल लोक दल के विधायक अभय सिंह चौटाला ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है।
किसान संगठनों ने आज दिल्ली में हुई हिंसा के बाद बैठक की और एक बयान जारी कर कल गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के लिए दीप सिद्धू और अन्य असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि 2 महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगों पर कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए था।
इतिहास गवाह है कि आंदोलन कितना भी बड़ा हो, कितना भी उग्र हो, रास्ता बातचीत से ही निकलता है।
MSP पर क़ानून बनाने की मांग पर सरकार विचार करने को तेयार है, लेकिन जो किसान आंदोलन इसकी मांग को लेकर शुरू हुआ था वो अपग्रेड होकर तीनों कृषि क़ानून की वापसी पर आकर अटक गया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि वह केंद्र सरकार के नए कृषि-विपणन कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को समर्थन जताने के लिए मुंबई में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।
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